‘हार्ट ऑफ एशिया’ में भारत-पाकिस्तान विदेशमंत्रियों की मुलाकात पर सस्पेंस जारी, आज से है कार्यक्रम
हार्ट ऑफ एशिया समिट को लेकर पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा है कि भारतीय विदेश मंत्री से उनकी बैठत तय नहीं है और ना ही ऐसा प्रस्ताव दिया गया है।
इस्लामाबाद: ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में 'हार्ट ऑफ एशिया' का आयोजन आज से किया जा रहा है। जिसमें अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि भारत और पाकिस्तान के विदेशमंत्रियों की अहम बैठक हो सकती है। लेकिन, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के एक बयान के बाद इस बैठक पर सस्पेंस बढ़ गया है। पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि भारतीय विदेशमंत्री से उनकी बैठक तय नहीं है और ना ही बैठक को लेकर कोई प्रस्ताव दिया गया है।
‘हार्ट ऑफ एशिया’ समिट
ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आज से 'हार्ट ऑफ एशिया' समिट का आयोजन किया जा रहा है। जिसको लेकर अटकलें लगाई जा रही थी कि समिट में भारत और पाकिस्तान के विदेशमंत्रियों की बैठक हो सकती है। लेकिन, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात के लिए अभी तक कोई बैठक तय नहीं किया गया है और ना ही ऐसा कोई प्रस्ताव दिया गया है। पाकिस्तानी मीडिया ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री के हवाले से उनका बयान छापा है।
पर्दे के पीछे राजनयिक संबंध?
पिछले कुछ महीनों से लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के राजनयिकों के बीच पर्दे के पीछे से लगातार राजनीतिक संबंध बहाली और दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर करने की कोशिश की जा रही है। और माना जा रहा था कि 'हार्ट ऑफ एशिया' समिट में भारत और पाकिस्तान के विदेशमंत्रीयों की बैठक हो सकती है और दोनों देशों के बीच अहम फैसले लिए जा सकते हैं। लेकिन, अभी तक इस बैठक को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी विदेशमंत्री ने कहा है कि राजनयिक संबंधों की पूर्ण बहाली पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।
भारत ने भी किया था इनकार
वहीं, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की तरफ से भी पाकिस्तानी विदेश मंत्री से मुलाकात को लेकर कोई स्पष्ट जबान नहीं दिया गया था। 26 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित 'इंडिया इकोनॉंमिक कॉन्क्लेव' में भारतीय विदेश मंत्री ने कहा था कि कि 'हार्ट ऑफ एशिया को लेकर मेरा कार्यक्रम बन रहा है, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि अभी तक ऐसी किसी बैठक की योजना बनी है। वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा था कि भारतीय विदेश मंत्री बैठक के दौरान दूसरे देशों के नेताओं से बातचीत कर सकते हैं।