पाक में शियाओं का मुहाजिरों ने किया कत्लेआम?
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) पाकिस्तान में बुधवार को इस्माइली बिरादरी से संबंध रखने वाले दर्जनों मासूम लोगों को मारने वाले कौन थे? इनके बारे में अभी सिर्फ कयास लग रहे हैं। पर कुछ खबरों में कहा गया है कि हत्यारे उर्दू बोल रहे थे आपस में। इससे क्या संकेत मिलते हैं?
उर्दू में बोल रहे थे
अगर आप पाकिस्तान को जानते-समझते हैं तो आपको पता होगा कि पाकिस्तान में उर्दू में बातचीत सिर्फ मुहाजिर ही करते हैं। मुहाजिर कौन है ? क्या आपको ये बताने की जरूरत है?
कहां ये सबसे ज्यादा
मुहाजिर उन्हें कहा जाता है जो देश के विभाजन के बाद उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश से सरहद के उस पार जाकर बसे थे। ये ज्यादातर सिंध प्रांत में बसे थे। सिंध प्रांत के कराची और हैदराबाद में मुहाजिर सबसे ज्यादा हैं। दरअसल पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा भले ही उर्दू हो पर वहां के किसी भी राज्य की भाषा उर्दू नहीं है। ये भी विडंबना ही है।
मुहाजिरों का हाथ
पाकिस्तान मामलों के जानकार कहते हैं कि पाकिस्तान में स्तरीय उर्दू तो मुहाजिर समाज से जुड़े ही लोग बोलते हैं। तो क्या माना जाए कि बुधवार को कराची के पास हुए कत्लेआम में मुहाजिरों का हाथ था? अगर इस बात में रत्तीभर भी सच्चाई है तो य बेहद गंभीर मामला है। हालांकि मुहाजिरों के हितों के लिए लड़ने वाली पार्टी मुताहिदा कौमी मूवमेंट पर हिंसक गतिविधियों में लिप्त रहने के तमाम आरोप लगते रहे हैं।
दिल्ली से लखनऊ तक
हत्यारों के बारे में देर-सवेर तो पता चल ही जाएगा पर दिल्ली, मेरठ, सहारनपुर लखनऊ,भोपाल, अलीगढ़ वगैरह से पाकिस्तान गए लोगों को ही मुहाजिर कहा जाता है। ये ही उर्दू बोलते हैं। बता दें कि इस्माइली बिरादरी से जुड़े लोगों के कत्लेआम से पूरी दुनिया सन्न है। ये ज्यादातर पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहते हैं। ये आर्थिक रूप से संपन्न हैं। इन्हें शिया इमामी इस्माइली मुसलमान भी कहा जाता है।