ब्रिटेन में हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव पर ग्राउंड रिपोर्ट, भारत सरकार ने की निंदा
दुबई में 28 अगस्त को भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गये मैच में पाकिस्तान की हार के बाद से पाकिस्तानी फैन्स लगातार अपनी भड़ास निकाल रहे हैं।
लंदन, सितंबर 19: एक तरफ ब्रिटेन में किंग एलिजाबेथ द्वितीय को आखिरी विदाई दी जा रही है, वहीं दूसरी तरफ पिछले 24 घंटे से यूनाइटेड किंगडम में मीडिया हिंदुओं और मुसलमानों के बड़े समूहों के बीच सड़क संघर्ष के बाद लंदन के उत्तर-पश्चिमी शहर लीसेस्टर में "बड़े पैमाने पर" और "गंभीर" तनाव पर होने वाले डेवलपमेंट पर रिपोर्ट प्रकाशित कर रहा है। ये तनाव इंग्लैंड के लीसेस्टर शहर में फैला हुआ है, जहां ज्यादातर पाकिस्तानी मुस्लिम रहते हैं और विवाद की शुरूआत एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच खेली गई उस मैच से हुई थी, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया था और उसके बाद से ही पाकिस्तानी मुसलमानों ने हिंन्दुओं के मंदिर पर हमला किया था। लेकिन, रविवार से ये संघर्ष और भी तेज हो गया है।
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लीसेस्टर में क्या हो रहा है?
लीसेस्टरशायर पुलिस के अस्थायी मुख्य कांस्टेबल रॉब निक्सन ने कहा कि, "शहर के पूर्वी लीसेस्टर क्षेत्र के कुछ हिस्सों में अव्यवस्था के फैलने की कई रिपोर्टें मिली हैं", जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त अधिकारियों और संसाधनों को ग्राउंड पर भेजा गया है'। इसके साथ ही उन्होंने दोनों समुदायों से शांति बरतने की अपील की है और सड़क पर उतर आए लोगों से अपने अपने घर जाने का आह्वान किया है। उन्होंने लोगों से किसी भी तरह की हिंसा में शामिल नहीं होने की अपील की है और कहा है, कि स्थिति को संभालने की कोशिश की जा रही है। वहीं, लीसेस्टर ईस्ट की निर्दलीय सांसद क्लाउडिया वेबबे ने ट्विटर पर दोनों समुदायों से शांति का आह्वान किया है और उन्होंन अपील जारी करते हुए लोगों से अपने अपने घर जाने की अपील की है। इसके अलावा उन्होंने दोनों समुदायों से संबंधों की मरम्मत के लिए संवाद करने का भी आह्वान किया है।
सड़क पर पाकिस्तानियों की भीड़
लीसेस्टर पुलिस ने अपने एक बयान में कहा कि "पूर्वी लीसेस्टर के कुछ हिस्सों में कल शाम (शनिवार 17 सितंबर) से आज सुबह (18 सितंबर, रविवार) तक गंभीर अव्यवस्था की स्थिति थी और भारी संख्या में युवाओं की भीड़ सड़क पर मौजूद थी और नारेबाजी कर रही थी। ये भीड़ पूरी तरह से अनियोजित थी और उसने नारेबाजी शुरू कर दी।" पुलिस ने कहा कि, अधिकारियों ने ग्रीन लेन रोड की ओर जाने वाले एक और भीड़ के साथ मिलकर आगे बढ़ने की बात कही। पुलिस ने कहा कि, ग्रुप ने कहा था, कि स्थिति शांतिपूर्ण रहेगी, लेकिन दोनों ग्रुप एक साथ मिलकर स्थिति को खराब करते चले गये।" बयान में कहा गया है कि, दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनके ऊपर हिंसक व्यवस्था फैलाने का आरोप लगाया गया है। वहीं, एक और शख्स को उत्तेजक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए गिरफ्तार किया गया है और पुलिस ने कहा है, कि अहिंसक स्थिति बनाने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
शहर में अशांति क्यों है?
लीसेस्टर ळहर में 28 अगस्त से ही अशांति की स्थिति बनी हुई है और दोनों समुदायों के बीच बार बार तनाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है। दुबई में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गये मैच में पाकिस्तान की हार के बाद से पाकिस्तानी फैन्स लगातार अपनी भड़ास निकाल रहे हैं और हिन्दूओं के घरों में दुकानों में उपद्रव मचा रहे हैं। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, हार के बााद से ही पाकिस्तानी फैन्स ने रास्ते पर उपद्रव मचाना शुरू कर दिया था। वहीं, द गार्जियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि, शनिवार (17 सितंबर) को पुरुषों के एक समूह को शहर के ग्रीन लेन रोड इलाके में मार्च करते हुए देखा गया था, जहां कई मुस्लिम स्वामित्व वाले व्यवसाय और एक हिंदू मंदिर हैं। वहीं, एक अलग रिपोर्ट में कहा गया है कि, मंदिर का ध्वज उतार कर फेंक दिया गया, जिसके बाद वहां हिन्दुओं की भीड़ भी जुटने लगी और देखते ही देखते स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई।
हिन्दू समुदाय को बनाया गया निशाना
द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, लीसेस्टर शहर की रहने वाली 31 साल की द्रष्टि माई ने कहा कि, उसने शहर में इस तरह की अशांति कभी नहीं देखी थी। उन्होंने कहा कि, "हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है, एक पहली पीढ़ी का प्रवासी समुदाय और उन्हें खतरा महसूस हो रहा है, वो लोग हमला कर रहे हैं। " उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस, लोगों की संपत्ति और पूजा स्थलों की रक्षा करने में फेल रही है। उन्होंने कहा कि, "हमें अपनी रक्षा करने का अधिकार है।" वहीं, द गार्जियन की रिपोर्ट में मुस्लिम समुदाय ने कहा कि, मस्जिद को निशाना बनाने की कोशिश की गई वो वो लोग ताना मार रहे थे। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिन्दुओं पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया है, साथ ही कहा है, कि 'हम पुलिस पर भरोसा नहीं कर सकते, और हम 'अपने समुदाय की रक्षा करने जा रहे हैं।" वहीं, लीसेस्टर पुलिस ने कहा है कि, उन्होंने एक वीडियो के आधार पर उस शख्स की पहचान की है, जो एक मंदिर के बाहर से ध्वज को खींच रहा था।
खेल के बाद झड़पों का होना क्या सामान्य है?
इंग्लैंड में फुटबॉल मैचों के बाद शराब के नशे में गुंडों को सड़कों पर दंगे और हिंसा करते हुए अकसर देखा गया है। हाल ही में, वेम्बली में उस समय अफरा-तफरी मच गई थी, जब बिना टिकट के प्रशंसकों ने स्टेडियम में धावा बोल दिया, जहां इंग्लैंड जुलाई 2021 में यूरोपीय चैम्पियनशिप के लिए इटली से खेल रहा था। ब्रिटेन में इस अराजकता को एक दशक में सबसे खराब बताया गया था। लेकिन, भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच अलग हैं, क्योंकि उनके पास अक्सर एक मजबूत सांप्रदायिक प्रोफ़ाइल होती है। दोनों पक्षों के प्रशंसक उन अच्छे संबंधों को साझा नहीं करते हैं जो स्वयं दोनों टीमों के बीच हैं, और भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले करीब करीब सभी मैच के बाद इस क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है। हालांकि, हिंदुओं और मुसलमानों के प्रवासी समुदायों के बीच हिंसा होना काफी असामान्य माना जा रहा है।
लीसेस्टर में कितने हिन्दू, कितने मुसलमान?
यूके नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) की रिपोर्ट के अनुसार 'लीसेस्टर, लीसेस्टरशायर और रटलैंड की जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल', साल 2011 की यूके की जनगणना के आधार के मुताबिक, इस क्षेत्र में हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई, सभी धर्मों के लोग रहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मुसलमानों और हिंदुओं की संख्या लगभग समान है और इन दोनों समुदायों की संख्या क्रमशः 7.4 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत के करीब है, जबकि सिखों की संख्या 2.4 प्रतिशत थी, वहीं पचपन प्रतिशत ईसाई इस क्षेत्र में रहते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि "लीसेस्टर, लीसेस्टरशायर और रटलैंड के भीतर, मोटे तौर पर अल्पसंख्यक धर्मों के लोग और गैर-धर्म के लोग कम उम्र के बैंड में केंद्रित थे, जबकि बड़ी उम्र के लोगों में ईसाइयों का अनुपात अधिक था"।
भारत ने की आलोचना
वहीं, भारत सरकार ने कहा है कि, लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा और हिंदू धर्म के परिसरों और प्रतीकों की तोड़फोड़ की निंदा करता है। भारत ने तत्काल कार्रवाई के लिए ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ मामला उठाया है। भारत ने ब्रिटेन से प्रभावित लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है।
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