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एक बायोकेमिस्ट को गूगल-डूडल की सच्ची शुभकामनाएं
प्रोटीन किस्टलोग्राफी की अपनी खोज के चलते डोरोथो को एक अलग ही पहचान मिली थी। 12 मई1910 को जन्में डोरोथो अपने बचपन से ही मेधावी छात्र थे। इजिप्ट में उन्होंने शुरुआती चार साल गहन अध्ययन किया। प्रथम विश्व युद्ध के बाद उनकी मां ने कामकाज छोड़कर घर रहने का निश्चय किया। इसके पीछे सोच थी कि वे अपने बेटे को शिक्षा-समझ दे सकें, जिससे कि उसका भविष्य मजबूत हो।
डोरोथो ने 18 साल की उम्र में ही रसायन विज्ञान में रुचि लेना शुरु कर दिया था। धीरे-धीरे उनकी यही रुचि, उपलब्धियां बनती गईं और आधुनिक रसायन शास्त्र में उनका नाम अमर हो गया। आज उनकी जयंती पर 'वन इंडिया' उन्हें ह्रदय से नमन करता है। इसी क्रम में गूगल डूगल की यह पेशकश भी आप तक पहुंचाता है।
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English summary
Google-doodle is wishing 104th happy birthday to Dorothy Hoggin.
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