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विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान से तिलमिया ग्लोबल टाइम्स, कहा- भारत ने चीन के हिस्से पर कर लिया है कब्जा

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बीजिंग, 23 अगस्तः चीनी सरकार का मुखपत्र कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के सीमा विवाद को लेकर दिए गए बयान पर तीखी टिप्पणी की है। अपने संपादकीय में ग्लोबल टाइम्स ने जयशंकर के बयान को लेकर भारत की जमकर आलोचना की है। ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि चीन ने नहीं, बल्कि भारत ने द्विपक्षीय समझौते की अवहेलना की। इतना ही नहीं, चीनी अखबार ने उल्टे यह भी लिख दिया है कि भारत ने चीन के क्षेत्र पर अतिक्रमण किया है।

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जयशंकर की टिप्पणी आपसी विश्वास पर डाल सकती है असर

जयशंकर की टिप्पणी आपसी विश्वास पर डाल सकती है असर

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर की हालिया टिप्पणी दोनों देशों के आपसी विश्वास को कम कर सकती है। इससे द्विपक्षीय संबंधों के विकास पर असर पड़ सकता है। रविवार को ब्राजील के साओ पाउलो में एक कार्यक्रम में एस जयशंकर ने कहा था कि चीन ने भारत के साथ अपने सीमा समझौते की अवहेलना की है। चीन ने बॉर्डर एरिया और गलवान घाटी में जो किया है वह सीमा समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है।

एस. जयशंकर ने की थी चीन की आलोचना

एस. जयशंकर ने की थी चीन की आलोचना

एस जयशंकर ने कहा कि अभी यह कोई छिपी बात नहीं है, हम बहुत कठिन दौर से गुजर रहे हैं। 1990 के दशक में चीन के साथ हमारे समझौते थे। इसके जरिए सीमा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सैनिकों के लाने पर रोक लगा हुआ था। हम दोनों में से कोई भी प्रतिबंधित इलाकों में सैनिकों की तैनाती न करने पर सहमत हुए थे। हमारे बीच के इस समझौतों का चीन ने उल्लंघन किया। एस जयशंकर ने कहा, "आप जानते हैं चीन में क्या हुआ। उस समस्या का समाधान नहीं किया गया है। यही वजह से है कि हमारे रिश्तों में उठापटक का दौर जारी है।"

ग्लोबल टाइम्स ने भारत को बताया जिम्मेदार

ग्लोबल टाइम्स ने भारत को बताया जिम्मेदार

ग्लोबल टाइम्स ने चीनी विश्लेषकों के हवाले से तर्क दिया कि यह भारत है जिसने 1990 के दशक में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित दो समझौतों का घोर उल्लंघन किया है। चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के तहत इंस्टीट्यूट ऑफ चाइनीज बॉर्डरलैंड स्टडीज के रिसर्च फेलो झांग योंगपैन के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि चीन और भारत ने 1993 और 1996 में सीमा मुद्दे पर दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए। 1993 में हस्ताक्षरित सीमा समझौते में दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति और स्थिरता बनाने पर सहमति बनी थी।

भारत पर अक्सर LAC पार करने का लगाया आरोप

भारत पर अक्सर LAC पार करने का लगाया आरोप

झांग योंगपैन के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत ने अक्सर एलएसी को पार किया है और पिछले 20 वर्षों में न केवल डोकलाम में बल्कि पैंगोंग झील क्षेत्र और गलवान घाटी में भी चीनी इलाके का अतिक्रमण किया है। लेख में यह भी दावा किया है कि भारत ने उस समझौते का भी गंभीर उल्लंघन किया है जिसमें कहा गया था कि दोनों पक्षों की कोई भी गतिविधि एलएसी को पार नहीं करेगी। 1993 के समझौते में उल्लेख किया गया था कि प्रत्येक पक्ष अपने सैन्य बलों को एलएसी के साथ के क्षेत्रों में न्यूनतम रखेगा।

'LAC पर सैन्य शक्ति बढ़ा रहा भारत'

'LAC पर सैन्य शक्ति बढ़ा रहा भारत'

झांग ने कहा कि मैत्रीपूर्ण संबंधों को बनाए रखने के दृष्टिकोण से, चीन ने एलएसी क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात नहीं किया है, जबकि इसके विपरीत, भारत पिछली शताब्दी के अंत से एलएसी पर अपनी सैन्य शक्ति का तेजी से विस्तार कर रहा है। झांग ने कहा कि 1993 से किसने समझौते की अवहेलना की है? जाहिर है वह भारत है, चीन नहीं। वह भारतीय सैनिक थे जिन्होंने सितंबर 2020 में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के पश्चिमी भाग में एलएसी को पार किया और चीनी सैनिकों पर हमले किए।

'एस. जयशंकर ने तथ्यों से आंखें मूंद ली'

'एस. जयशंकर ने तथ्यों से आंखें मूंद ली'

बीजिंग में सिंघुआ विश्वविद्यालय में निदेशक कियान फेंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि जयशंकर ने अपनी हालिया टिप्पणियों में तथ्यों से आंखें मूंद ली हैं, अगर वह इसी तरह की टिप्पणी करना जारी रखते हैं तो दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए यह ठीक नहीं होगा। कियान फेंग ने कहा कि यह बेहद जरुरी है कि चीन और भारत जटिल अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के बीच वैश्विक मुद्दों से संयुक्त रूप से निपटने के लिए मिलकर काम करें और सीमा मुद्दे को द्विपक्षीय संबंधों में बाधा न बनने दें। फेंग ने कहा कि अब दोनों देशों के बीच गतिरोध शांत हो चुका है। केवल जिजांग प्रांत में डियानजियाओ जैसे क्षेत्रों के पास गतिरोध है।

चीन पर एस. जयशंकर का बड़ा बयान, कहा- चीन ने धोखा दिया, इसलिए दोनों देशों के बीच बिगड़े संबंधचीन पर एस. जयशंकर का बड़ा बयान, कहा- चीन ने धोखा दिया, इसलिए दोनों देशों के बीच बिगड़े संबंध

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English summary
Global Times angry on s. Jaishankar statement, said India broke the agreement
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