अब बोलेंगे आलू चिप्स, प्लीज कॉट दिस थीफ!
मसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा किए गए शोध के मुताबिक अब आलू चिप्स और पानी के ग्लास की मदद से अपराधियों पर लगाम ल गाई जा सकती है। शोधकर्ताओं ने इस बात की कल्पना करते हुए इस बात की कल्पना स्वाभिवक कर दी है। उन्होंने एक एल्गोरिद्म विकसित किया है, जो किसी वस्तु द्वारा उत्पन्न ध्वनि से उत्पन्न कंपन का विश्लेषण कर उस ध्वनि को पुन: उत्पन्न कर सकता है।
शोधकर्ताओं का नेतृत्व कर रहे एमआईटी के एबी डेविस ने एक प्रेस रीलिज जारी कर कहा है कि जब ध्वनि वस्तु से टकराती है, तो वस्तु में कंपन होता है। कंपन से उत्पन्न गति एक दृश्य संकेत की रचना करती है, जिसे हम खुली आंखों से नहीं देख सकते। एबी डेविस के मुताबिक लोगों को पता नहीं होता कि इसमें कितनी सूचनाएं छिपी होती हैं।
शोध के दौरान टीम ने एक उच्च गति वाले कैमरे से एक आलू चिप्स के थैले की 2,000 से 6,000 तस्वीरें खींचीं। थैले के अंदर उत्पन्न ध्वनि से उत्पन्न कंपन का शोधकर्ताओं ने एल्गोरिद्म की सहायता से विश्लेषण किया और समान ध्वनि की रचना करने में सफल रहे। यहां तक कि शोधकर्ताओं ने एल्युमिनियम फ्वाइल, पानी से भरी गिलास की सतह और पौधे की पत्तियों की वीडियो और तस्वीरों से ध्वनियां रचने में कामयाबी हासिल की।
इस शोध के बाद एमआईटी से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि इस खोज का इस्तेमाल कई कानून और फोरेंसिक क्षेत्रों में कई उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है और इसकी मदद से दूर की बातें सुनने के लिए माइक्रोफोन रहित उपकरण विकसित किया जा सकता है।