एलन मस्क ने बताया कैसी होगी मंगल ग्रह पर शुरुआती इंसानी बस्ती, कांच के खास घरों में रहेंगे लोग
नई दिल्ली। अंतरिक्ष से भी कहीं दूर दूसरे ग्रहों पर इंसानी जीवन को लेकर बेहद उत्साही लोगों में से एक एलन मस्क ने ये कहकर चौंका दिया था कि वे मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती बसाने की तैयारी कर रहे हैं। इस बयान के बाद मंगल ग्रह पर इंसानी जीवन को लेकर चर्चा ने जोर पकड़ लिया था। अब एलन मस्क (Elon Musk) ने मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती कैसी होगी इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि प्रांरभिक अवस्था में मंगल पर इंसान को जिंदा रखने के लिए किस तरह से रखा जाएगा।
मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती की ये है योजना
मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना को लेकर लंबे समय से अंतरिक्षविज्ञानी शोध कर रहे हैं। अभी तक वैज्ञानिकों ने जो पाया है उसके मुताबिक मंगल पर वातावरण ऐसा नहीं है कि वहां इंसान रह सके। लेकिन कुछ उत्साही लोग परिस्थितियों का इंतजार नहीं करते बल्कि खुद ही परिस्थितियां तैयार करने में जुट जाते हैं। अंतरिक्ष को लेकर ऐसे ही बेहद उत्साही शख्स स्पेसएक्स कंपनी के मालिक एलन मस्क हैं। स्पेसएक्स अंतरिक्ष मिशन के लिए अपने रॉकेट से उपग्रह भेजने के साथ ही अंतरिक्षयात्रियों को भी भेजता है। लेकिन एलन मस्क की सबसे चर्चित परियोजना मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती बसाना है।
उन्होंने पहली बार मंगल पर इंसानी बस्ती बसाने के ख्याल के बारे में पहली बार 2015 में स्टीफल कोल्बर्ट (Stephen Colbert) के शो में बताया था। तब उन्होंने कहा था कि अगर मंगल का तापमान थोड़ा गर्म हो जाए। तो वहां इंसान के रहने लायक वातावरण बन सकता है। बाद में एलन मस्क ने घोषणा की थी कि वह मंगल ग्रह के तापमान को कृत्रिम तरीके से गर्म करने पर विचार कर रहे हैं। मस्क ने बताया था वह मंगल के कुछ हिस्से पर परमाणु हमले करेंगे ताकि वहां ग्रीन हाउस उत्सर्जन हो और तापमान में वृद्धि हो। हालांकि मस्क की इस योजना की सफलता पर वैज्ञानिकों ने संदेह जताया था लेकिन इसे पूरी तरह से खारिज भी नहीं किया जा सका है।
रहने के लिए बनाए जाएंगे विशेष आवास
अब मस्क ने पहली बार इस बारे में जानकारी दी है कि मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती कैसी होगी। ट्विवटर पर मस्क ने बताया कि शुरुआत में लोग कांच के गुंबदों में रहेंगे। आखिर में धीरे-धीरे मंगल को पृथ्वी की तरह बदल दिया जाएगा। एलन मस्क ने ये जानकारी एक ट्विटर यूजर के सवाल के जवाब में दी है।
Astronomiaum नाम के एक ट्विटर यूजर ने मस्क से पूछा था कि जब लोग पहली बार मंगल पर पहुंचेंगे तो क्या ग्रह को पहले ही पृथ्वी की तरह तैयार कर लिया गया रहेगा या फिर लाल ग्रह पर जिंदा रहने के लिए स्पेस एक्स ने कोई दूसरा तरीका तैयार करेगा। इस सवाल के जवाब में ही मस्क ने कांच के घरों में लोगों को रखने की जानकारी दी है।
दरअसल अभी मंगल का तापमान अधिकतम माइनस 48 डिग्री रहता है। साथ ही मंगल पर सूर्य से आने वाली खतरनाक किरणों को रोकने के लिए कोई रक्षाकवच नहीं है। ऐसे वातावरण में इंसानी जीवन संभव नहीं है।
ऐसा बदला जाएगा मंगल का वातावरण
मास्क की योजना 2050 तक मंगल पर पहली बस्ती बसाने की है। एलन मस्क ने बताया था कि वह तापमान बढ़ाने के लिए मंगल के एक हिस्से पर भारी ताकत के कई परमाणु विस्फोट करेंगे। विस्फोट से कार्बन डाई ऑक्साइड गैस निकलेगी जिसके चलते मंगल के तापमान में बढ़ोतरी होगी। ऐसा होने से ग्रीन हाउस गैसों को प्रभाव बढ़ेगा और धीरे-धीरे इंसानों के रहने लायक एक कृत्रिम वातावरण तैयार होगा। हालांकि ये करना इतना आसान भी नहीं होगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक मंगल के तापमान में परिवर्तन के लिए वहां पर 10 हजार परमाणु बम गिराने होंगे जिन्हें वहां तक पहुंचाने के लिए आधुनिकतम मिसाइलों की जरूरत होगी। परमाणु बम के बाद वहां विकिरण का खतरा भी बना रहेगा।
मार्स पर किनकी मर्जी से बनेगा कानून ?
वहीं एक अन्य ट्वीट में जब उनसे मंगल ग्रह पर शासन करने के तरीके के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बहुत ही शानदार जवाब दिया। यूजर ने उनसे पूछा कि मंगल पर उन कानूनों के बारे में आपकी क्या राय है, जो आपके पास पृथ्वी पर नहीं है। इस पर मस्क ने कहा इसका निर्णय मार्सियन (मार्स पर रहने वाले) को करने देते हैं।
मंगल के तापमान को बदलने को लेकर भी इस ट्विटर यूजर ने मस्क से सवाल किया कि कई अध्ययनों से पता चला है कि वर्तमान तकनीकों के साथ मंगल के तापमान में बदलाव संभव नहीं है। इसके लिए स्पेसएक्स भविष्य में क्या करेगा ?
इस सवाल के जवाब में मस्क ने कहा हमारे जीवन के हिसाब से मंगल के वातावरण में परिवर्तन की गति बहुत ही धीमी होगी। हालांकि हम अपने जीवनकाल में ही मंगल पर एक इंसानी बेस बनाने में कामयाब होंगे। अब देखना है कि एलन मस्क की ये महत्वाकांक्षी योजना हम कब तक पूरा होते देख सकेंगे। वैसे मस्क की अब तक जो उपलब्धियां रहीं हैं उसे देखते हुए इसे हो पाना मुश्किल भले लग रहा हो नामुमकिन तो नहीं है।
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