राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर की गई थी शपथ ग्रहण समारोह की तस्वीरों से छेड़छाड़!
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक नए खुलासे से फिर से मुश्किल में पड़ गए हैं। अमेरिकी सरकार के एक फोटोग्राफ ने यह मान लिया है कि जनवरी 2017 में ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह यानी इनॉग्रेशन सेरेमनी के दौरान जो फोटाग्राफ्स आई थीं, उन्हें एडिट किया गया था। फोटोग्राफर ने मान लिया है कि ज्यादा भीड़ दिखाने के लिए खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने उस पर दबाव डालकर फोटोग्राफ्स को एडिट करने के लिए कहा था। हाल ही में जारी नए फेडरल डॉक्यूमेंट्स में यह बात निकलकर आई है। आपको बता दें कि 20 जनवरी 2017 को ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के बाद जो तस्वीरें आई थीं उन पर जमकर विवाद हुआ था। कहा गया था कि तस्वीरों में जो भीड़ दिखाई गई है वह दरअसल पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के शपथ ग्रहण समारोह की हैं।
सबसे ज्यादा भीड़ के आने का दावा
फ्रीडम ऑफ इनफॉर्मेशन एक्ट के तहत अमेरिका के आतंरिक विभाग के तहत कुछ डॉक्यूमेंट्स जारी किए गए हैं। इन्हीं डॉक्यूमेंट्स में इस बात की पुष्टि की गई है कि फोटोग्राफर ने शपथ ग्रहण के दौरान खाली पड़ी जगहों को क्रॉप कर दिया था। ट्रंप ने नेशनल पार्क सर्विस यानी एनपीएस से शिकायत की थी कि बराक ओबामा के साल 2009 में हुए शपथ ग्रहण समारोह में जो भीड़ आई थी, उसकी तुलना में उनके शपथ ग्रहण समारोह की भीड़ को कम दिखाया गया है। इन रिकॉर्ड्स में जो बातें दर्ज हैं वे विभाग के एक इंस्पेक्टर जनरल रैंक के ऑफिसर की ओर से हुई जांच के बाद दर्ज की गई हैं। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के बाद सामने आईं फोटोग्राफ्स के बाद नए अमेरिकी प्रशासन के साथ पहला विवाद जुड़ गया था। इन फोटोग्राफ्स के साथ व्हाइट हाउस की ओर से दावा किया गया था कि राष्ट्रपति ट्रंप के इनॉग्रेशन समारोह में इतिहास में सबसे ज्यादा दर्शक शामिल हुए हैं। ऐसा पहले कभी किसी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान नहीं हुआ था।
ट्रंप ने फोन पर की थी बात
एनपीएस के कम्युनिकेशन ऑफिशियल जिसका नाम इन डॉक्यूमेंट्स में नहीं है, उसने जांचकर्ताओं को बताया है कि एनपीएस के एक्टिंग डायरेक्टर माइकल रेनॉल्ड्स ने उन्हें फोन करके राष्ट्रपति से बात करने के लिए कहा था जो इनॉग्रेशन की फोटोग्राफ चाहते थे। इस अधिकारी की ओर से जांचकर्ताओं को बताया गया है कि राष्ट्रपति चाहते थे कि फोटोग्राफ्स में ज्यादा भीड़ दिखाई जाए। रिकॉर्ड्स के मुताबिक 21 जनवरी 2017 यानी शपथ ग्रहण समारोह के अगले ट्रंप और रेनॉल्ड्स के बीच फोन पर बात हुई थी। इसके बाद कम्युनिकेशन अधिकारी की ओर से बताया गया कि रेनॉल्ड्स ने उनसे यह नहीं कहा कि फोटोग्राफ्स को क्रॉप किया जाए लेकिन वह समझ गई थीं कि ऐसा करना है। इसके बाद उन्होंने एनपीएस के उस फोटोग्राफर को कॉन्टैक्ट किया जिसने एक दिन पहले यह कार्यक्रम कवर किया था।