अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा सीरिया में हारा IS, वापस आएंगे 2,000 अमेरिकी सैनिक, मिलिट्री लीडर्स चौंके
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस) पर जीत का ऐलान करते हुए यहां से 2,000 अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का आदेश जारी कर दिया है। अमेरिका ने साल 2014 में सीरिया में हवाई हमलों को शुरुआत की थी। इसके साथ ही ट्रूप्स को सीरिया में तैनात किया गया था। ट्रंप ने एक ट्वीट किया और ऐलान किया कि सीरिया में अमेरिकी मिशन पूरा हो चुका है। बुधवार को अधिकारियों की ओर से इस बात का ऐलान किया गया। राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से इस अमेरिकी सेना को वापस बुलाने की घोषणा ने हर किसी को हैरान कर दिया है। उन्होंने अचानक ही यह फैसला किया और आईएस पर जीत घोषित कर दी।
खतरनाक साबित हो सकता है फैसला
इस मामले पर नजर रख रहे विशेषज्ञों की राय ट्रंप से अलग है। ट्रंप के इस फैसले ने उनकी ही पार्टी के अंदर मतभेद पैदा कर दिए हैं क्योंकि कई रिपब्लिकन का मानना है ट्रंप ने जल्दबाजी में यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यह आगे चलकर काफी खतरनाक साबित हो सकता है। अमेरिका ने साल 2014 सीरिया से सटे इराक की जमीन से आईएस पर हवाई हमले शुरू किए थे। इसके एक वर्ष बाद यानी साल 2015 में अमेरिकी सैनिक यहां पर तैनात हुए। ट्रंप ने अपनी ट्वीट में लिखा, 'हमने सीरिया में आईएसआईएस को मात दे दी है और आईएसआईएस को हराना ही मेरा एकमात्र लक्ष्य था।' उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने पेंटागन के कई टॉप लीडर्स से मुलाकात की है। पेंटागन के अधिकारियों की मानें तो अभी तक इस बात पर कोई फैसला नहीं लिया गया है कि ट्रूप्स को कब और कैसे वापस बुलाया जाएगा। लेकिन माना जा रहा है कि जनवरी माह के मध्य में अमेरिकी सेनाओं की वापसी सीरिया से हो सकती है।
पिछले हफ्ते ही दिए थे ट्रंप ने संकेत
पिछले दिनों ट्रंप ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो के बारे में ट्रंप ने कहा था कि यह काफी दिल तोड़ने वाली बात है कि जो लोग मारे जा चुके हैं उन्हें चिट्ठियां लिखी जा रही हैं और कॉल की जा रही है। इसके बाद उन्होंने लिखा, 'अब समय आ गया है जब हमारी सेनाओं को घर वापस आ जाना चाहिए।' ट्रंप प्रशासन के एक सीनियर ऑफिसर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि ट्रंप ने यह फैसला इस बात के आधार पर लिया है कि सीरिया में आईएस को हराने के अलावा अमेरिकी सेनाओं का कोई रोल नहीं है। इस अधिकारी के मुताबिक आईएस के आतंकियों का अब बस सीरिया के एक प्रतिशत हिस्से पर ही कब्जा है और उनके पास कोर्ठ ताकत नहीं बची है। राष्ट्रपति ट्रंप ने टर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्डोगान को फोन करके अपने फैसले की जानकारी दी। टर्की ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि वह नॉर्थ-ईस्टर्न सीरिया में कुर्दिश सेनाओं के खिलाफ दक्षिणी बॉर्डर से हमला करेगा। टर्की सीरिया में लड़ रही गठबंधन सेनाओं का हिस्सा है जिसकी अगुवाई फिलहाल अमेरिका कर रहा है।
|
ट्रंप से की थी ऐसा न करने की रिक्वेस्ट
अमेरिकी रक्षा और मिलिट्री से जुड़े कई नेताओं की ओर से ट्रंप को ऐसा न करने के लिए कहा गया था। इन लीडर्स ने ट्रंप को ट्रूप्स की वापसी का आदेश रोकने की सलाह दी थी। अब उनके फैसले ने अमेरिकी कांग्रेस में हंगामा मचा दिया है। यहां तक कि कई रिपब्लिकन भी ट्रंप के ऐलान से खुश नहीं हैं। साउथ कैरोलिना से सीनेटर लिंडसे ग्राहम जो अभी अफगानिस्तान से वापस लौटे हैं, उन्होंने कहा है कि वह इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री जिम मैटीस से मुलाकात करेंगे। मिलिट्री लीडर्स का मानना है कि आईएसआईएस एक बड़ा खतरा है और सीरिया में जारी सिविल वॉर में यह फिर से इकट्ठा हो सकता है। उनका कहना है कि अमेरिकी नीति के तहत जब तक आतंकी पूरी तरह से किसी देश से खत्म नहीं हो जाते हैं सेनाएं वहां तैनात रहती हैं।