व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इफ्तार पार्टी और भाई-चारे वाला संदेश
बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। लेकिन उनके इस इफ्तार डिनर का कई मुस्लिम संगठनों ने बायकॉट कर दिया। इन संगठनों ने ट्रंप मुसलमान विरोधी सोच का हवाला देते हुए इस पार्टी को अटेंड न करने का फैसला किया था।
वॉशिंगटन। बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। लेकिन उनके इस इफ्तार डिनर का कई मुस्लिम संगठनों ने बायकॉट कर दिया। इन संगठनों ने ट्रंप मुसलमान विरोधी सोच का हवाला देते हुए इस पार्टी को अटेंड न करने का फैसला किया था। पिछले वर्ष राष्ट्रपति ट्रंप ने इफ्तार पार्टी का आयोजन करने से साफ इनकार कर दिया था। उनके इस फैसले ने कई लोगों को नाराज कर दिया था। इस हफ्ते की शुरुआत में व्हाइट हाउस की ओर से इस इफ्तार पार्टी के आयोजन की जानकारी दी गई तो कई मुस्लिम संगठन इसके विरोध में आ गए थे।
1805 से जुड़ी है जड़ें
व्हाइट हाउस में इफ्तार डिनर की परंपरा की शुरुआत डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति रहे बिल क्लिंटन ने सन् 1990 में की थी। लेकिन माना जाता है इसकी जड़ें सन् 1805 में हैं और उस समय अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन ने इसी तरह के डिनर की शुरुआत व्हाइट हाउस में की थी। इस पार्टी के बारे में व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी सारा सैंडर्स ने बताया था कि इसमें 30-40 लोग शामिल हो सकते हैं। जिन मुस्लिम संगठनों ने व्हाइट हाउस में पूर्व में आयोजित इस डिनर में शिरकत की थी उन्होंने कहा था कि ट्रंप लगातार इस्लाम को निशाना बनाना रहे हैं और उनके प्रशासन के साथ संपर्क करके उनके समर्थकों ने इस तरह की पहल को निरर्थक पहल बना दिया है।
बदल लिया है ट्रंप ने अपना रुख
इफ्तार पार्टी से पहले ट्रंप ने दुनियाभर के मुसलमानों को रमजान की मुबारकबाद भी दी थी। बुधवार को इफ्तार डिनर पर ट्रंप ने अमेरिका और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बसे मुसलमानों को एकता का संदेश दिया। ट्रंप ने कहा, 'आज शाम मैं दुनिया के महान धर्मों में से एक धर्म की पवित्र परंपरा का सम्मान करता हूं।' उनके इस डिनर में कई सऊदी अरब, कुवैत, जॉर्डन और यूनाइटेड अरब अमीरात जैसे मुस्लिम जनसंख्या वाले देशों से भी कुछ सदस्य और राजदूत शामिल थे। इफ्तार की यह पार्टी कहीं न कहीं ट्रंप के रवैये में आए रुख का भी प्रदर्शन करती है। ट्रंप ने सीएनएन के साथ एक इंटरव्यू में कहा था, 'मुझे लगता है इस्लाम हमसे नफरत करता है।' ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनावों के दौरान पूरे समय मुसलमान विरोधी बातें कहीं थीं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि मुसलमान शरणार्थियों के देश में आने पर पूरी तरह से रोक लगा दी जानी चाहिए। ट्रंप ने तो सीरिया के शरणार्थियों की तुलना एक जहरीले सांप से कर डाली थी।
पिछले वर्ष ट्रंप ने तोड़ी परंपरा
ट्रंप ने इस दौरान पिछले वर्ष अपनी सऊदी अरब की यात्रा को भी याद किया। ट्रंप ने कहा, 'इफ्तार पार्टियों में परिवार और दोस्त एक साथ आते हैं और ये शांति और प्रेम का संदेश देते हैं और यह काफी महान है।' पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की तरफ से व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी को होस्ट करने का ट्रेंड शुरू किया गया था। इसके बाद जॉर्ज डब्लूय बुश और बराक ओबामा ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया। ट्रंप ने रमजान माह की शुरुआत में एक आधिकारिक बयान भी जारी किया था और इसमें मुसलमानों को रमजान शुरू होने की बधाई दी गई थी। साल 2017 के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में इस समय करीब 3.45 मिलियन मुसलमान रहते हैं।