क्या WHO के खिलाफ जाकर ट्रंप ने कोरोना संकट पर खुद की नाकामी छिपाने की कोशिश की?
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की फंडिंग रोक दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने डब्लूएचओ पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाते हुए फंडिंग रोकने का ऐलान कर दिया। ट्रंप ने कहा कि WHO ने चीन की तरफदारी की और इसके बाद ये वायरस पूरी दुनिया में फैल गया। वहीं, अमेरिका के इस फैसले पर यूएन चीफ गुटारेशे ने प्रतिक्रिया आई और उन्होंने कहा कि डब्लूएचओ या फिर दूसरे संगठन जो इस महामारी से लड़ रहे हैं, उनके संसाधनों को कम नहीं करना चाहिए।
ट्रंप के WHO की फंडिंग रोकने के ऐलान के बाद उनके इस फैसले पर सवाल उठने लगे हैं। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के बीच में विश्व स्वास्थ्य संगठन की फंडिंग रोकने का डोनाल्ड ट्रम्प का फैसला इस बात को दर्शाता है कि वह कोरोना संकट से निपटने के लिए अपने प्रशासन द्वारा देरी से उठाए गए कदमों पर पर्दा डालने के लिए बलि का बकरा खोज रहे थे।
अमेरिका डब्ल्यूएचओ को सालाना 400 मिलियन डॉलर की राशि देता रहा है। सैद्धांतिक रूप से व्हाइट हाउस कांग्रेस द्वारा अनिवार्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की फंडिग को रोक नहीं सकता है। लेकिन प्रशासन ने इस तरह की संवैधानिक बाधाओं के इर्दगिर्द 'तरीके' ढूंढ निकाले। जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ साइंस एंड सिक्योरिटी के सहायक प्रोफेसर एलेक्जेंड्रा फेलन कहते हैं, 'ये जिस रूप में भी है लेकिन ये एक खतरनाक निर्णय है वो भी महामारी के दौरान।'
ड्यूक यूनिवर्सिटी के गेविन यामे ने कहा कि यह एक अजीबो-गरीब फैसला है जो वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होगा। वह (ट्रंप) अपनी उन गलतियों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं जिसके कारण कोविड-19 के संक्रमण के बीच सबसे खराब सरकारी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी आमतौर पर सहमत हैं कि महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ की प्रतिक्रिया सही नहीं है लेकिन 2014 में इबोला के प्रकोप के सामने इसमें सुधार हुआ है।
5 जनवरी को वुहान आउटब्रेक के बाद WHO ने कोरोना को लेकर अलर्ट जारी कर दिया था और 7 जनवरी से अमेरिका के सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों और अन्य देश की सरकारों के साथ इसको लेकर टेलीक्रॉन्फ्रेंस कॉल हुई। 9 जनवरी को WHO ने मेंबर्स स्टेट को उनके रिस्ट मैनेजमेंट और प्लानिंग के लिए गाइडलाइंस भी जारी किए थे।