क्या डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं दुनिया में ट्रेड वॉर, जानिए कौन जीतेगा यह लड़ाई?
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को चीनी सामानों के आयात पर 60 अरब डॉलर तक का शुल्क लगाने संबंधी मेमो पर हस्ताक्षर कर, अब कहा है कि वे अपने देश में चीनी निवेशकों पर भी नए प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहे हैं। वहीं, विश्व व्यापार संगठन (WTO) और राजस्व विभाग भी चीन पर अतिरिक्त कदम उठाने के लिए कहा है। दूसरी ओर चीन ने भी पोर्क (सूअर का मांस) और पाइप सहित अन्य अमेरिकी उत्पादों पर उच्च शुल्क लागू करने की योजना जारी कर, ट्रेड वॉर की शुरूआत कर दी है। दुनिया के अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि चीन और अमेरिका के इस टिट-फॉर-टेट वाले गेम में पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है।
क्या ट्रंप चाहते हैं ट्रेड वॉर?
बौद्धिक संपदा की चोरी के मामले की 7 महीने की जांच के बाद ट्रंप ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि को चीन से आयात पर 60 अरब डॉलर का टैरिफ लागू करने को कहा है। ट्रंप ने कहा कि हमें बौद्धिक संपदा की चोरी की बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यह हमें अधिक मजबूत, अधिक संपन्न देश बनाएगा। ट्रंप ने स्टील और एल्यूमीनियम के आयात पर क्रमश: 25% और 10% का शुल्क लगाया, जिससे चीन को यह कहने के लिए कहा गया कि वह अपनी खुद की दरों के साथ वापस आ सकता है।
ट्रंप क्यों चाहते हैं ट्रेड वॉर?
डोनाल्ड ट्रंप ने 2 मार्च को ट्वीट कर अपने पोस्ट में ट्रेड वॉर को 'अच्छा' और 'आसानी से जीतना' बताया था। ट्रंप का फोकस अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करना है, जिससे पता चलता है कि देश निर्यात से कहीं ज्यादा अरबों डॉलर का आयात करता है। उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते और ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप जैसे व्यापार सौदे से पीछे हटने से अमेरिका के जंग बेल्ट में ट्रम्प के मतदाताओं के आधार पर भी अपील की गई है। लेकिन, इसका कोई प्रभाव पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है, अमेरिका के बिजनेस लीडर्स का मानना है कि अगर दूसरे देशों के साथ ट्रेड वॉर जारी रहता है, तो इससे देश की आर्थव्यवस्था को नुकसान और घाटे का सौदा होगा।
कौन जीतेगा ट्रेड वॉर?
इतिहास गवाह है, कोई भी नहीं जीतेगा। अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार आयोग के मुताबिक, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू बुश ने 2002 में स्टील टैरिफ उठाए थे, तब अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद 30.4 मिलियन डॉलर घट गया था। उस दौरान लगभग 2,00,000 नौकरियां को नुकसान, जिनमें से लगभग 13,000 कच्चे स्टील के निर्माण में थे। विश्व व्यापार संगठन ने यह भी फैसला किया कि बुश टैरिफ अवैध थे।
क्या है ट्रेड वॉर?
ट्रेड वॉर, उन देशों के बीच की आर्थिक लड़ाई है जो एक-दूसरे के आयातों पर प्रतिबंध लगाकार व्यापार को प्रभावित करते हैं। चीन पर लगाए गए नए प्रतिबंध ट्रम्प का प्रतिशोध कहा जा रहा है। जिन्होंने चीन पर बौद्धिक संपदा की चोरी का आरोप लगाया है। इस प्रकार के व्यापारिक झगड़े कई क्षेत्रो में कई बार देखे जा चुके हैं।
यही भी पढ़ें: ट्रेड वॉर-अमेरिका के खिलाफ अकेले ही WTO में लड़ेगा भारत, भेदभाव से नाराज नई दिल्ली