रूस-चीन युद्धाभ्यास के बीच शी जिनपिंग से मिलने चीन पहुंचे पुतिन के ‘राइट हैंड’, यूक्रेन पर नया प्लान?
मेदवेदेव, जो अब रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष हैं, ने अपने टेलीग्राम चैनल पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्हें शी से मुलाकात करते, तस्वीरों के लिए मुस्कुराते हुए और चीनी और रूसी अधिकारियों के बीच बैठक करते हुए दिखे।
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रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने अचानक बीजिंग पहुंचे हैं। मेदवेदेव ने एक बयान में कहा कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत की, जिसमें यूक्रेन विवाद पर चर्चा हुई। मेदवेदेव फिलहाल रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने अपने टेलीग्राम चैनल पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इसमें उन्हें शी से मुलाकात करते, तस्वीरों के लिए मुस्कुराते हुए और चीनी और रूसी अधिकारियों के बीच बैठक करते हुए देखा जा सकता है।
उपयोगी रही दोनों देशों की बातचीत: मेदवेदेव
मेदवेदेव ने कहा कि उन्होंने और शी ने दोनों देशों की "नो लिमिट्स" रणनीतिक साझेदारी के साथ-साथ यूक्रेन पर भी चर्चा की। हालांकि इस विषय पर उन्होंने और कोई ब्योरा नहीं दिया। मेदवेदेव ने कहा, "हमने चीन और रूस की दो सत्ताधारी पार्टियों के बीच सहयोग पर चर्चा की। इसके अलावा दोनों देशों की अर्थव्यवस्था, औद्योगिक उत्पादन सहित, रूस-चीन के बीच रणनीतिक साझेदारी के भीतर द्विपक्षीय सहयोग पर भी विचार किया गया। पूर्व रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके बीच की बातचीत उपयोगी रही।
अमेरिका दौरे पर जाएंगे जेलेंस्की
आपको बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध के शुरू होने के बाद पहली बार यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की अमेरिकी दौरे पर जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जेलेंस्की बुधवार को अमेरिका पहुंचेंगे। रिपोर्ट की मानें तो जेलेंस्की अपनी इस यात्रा में व्हाइट हाउस भी पहुंच सकते हैं। इसके साथ ही जेलेंस्की के रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों के कांग्रेस नेतृत्व और राष्ट्रीय-सुरक्षा समिति के प्रमुखों से भी मिलने की उम्मीद है। वह कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित कर सकते हैं।
चीन-रूसी नौसेना का युद्धाभ्यास
इस बीच बुधवार से ही रूस और चीन की नौसेना ने साझा युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। रूस का कहना है कि बुधवार को चीनी नौसेना के साथ होने वाले दोनों देशों के अभ्यास का मकसद सहयोग को और गहराई प्रदान करना है। इससे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति का माहौल बनेगा। इस युद्धाभ्यास में रूस की ओर से वारयाग मिसाइल क्रूजर, मार्शल शापोशनिकोव विध्वंसक और प्रशांत बेड़े के दो जंगी जहाज युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे। वहीं, बयान के मुताबिक चीन की तरफ से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी 2 डेस्ट्रॉयर, 2 गश्ती जहाज, एक सप्लाई शिप और एक पनडुब्बी भेजेगी।
यूक्रेन युद्ध के बाद और करीब आए रूस-चीन
इसके अलावा चीन की सेना की तरफ से पैसिफिक फ्लीट के एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर्स को भी शामिल किया जाएगा। हालांकि सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी रक्षा मंत्रालय के बयान पर चीनी सेना ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। आपको बता दें कि चीन ने अब तक यूक्रेन पर रूस के अकारण हमले की निंदा करने से इनकार कर दिया है, जबकि रूस को मिलने वाली आर्थिक सहायता बढ़ा दी है। पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच चीन-रूसी व्यापार दोनों देशों के लिए बढ़ता जा रहा है और अब यह रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुका है।
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