Coronavirus Impact: चीन से निकलने की तैयारी में iPhone बनाने वाली कंपनी Apple, भारत पर जमीं नजरें!
वॉशिंगटन। अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर की वजह से पहले ही अमेरिकी कंपनियों को खासा नुकसान झेलना पड़ा था। अब कोरोना वायरस ने इस समस्या को उनके लिए और बड़ा कर दिया है। आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल के मैन्यूफैक्चरिंग पार्टनर विस्ट्रॉन कॉर्प ने इस महामारी के बाद बड़ा फैसला लिया है। कंपनी ने तय किया है कि वह अपनी आधी क्षमता को एक साल के अंदर चीन से बाहर भारत जैसे देशों में स्थापित करेगी। चीन वह देश है जहां से पूरे एशिया के लिए आईफोन तैयार होते हें। ब्लूमबर्ग की तरफ से पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
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एक देश पर निर्भर रहना ठीक नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस की वजह से विस्ट्रॉन कॉर्प को यह बात महसूस हो रही है कि सिर्फ देश पर ही निर्भर रहना बुद्धिमानी का फैसला नहीं हो सकता है। कंपनी ने उत्पादन को चीन से बाहर करने की तरफ कदम उसी समय बढ़ा दिए थे जब अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर शुरू हुआ था। विस्ट्रॉन और एप्पल की तरफ से लिए गए फैसले के बाद अब इसमें तेजी लाई गई है। विस्ट्रॉन भारत पर नजरें जमाए हुए हैं। यहां पर पहले से ही कुछ आईफोन्स का निर्माण शुरू हो चुका है।
भारत के अलावा मैक्सिको और वियतनाम भी
भारत के अलावा वियतनाम और मैक्सिको भी उसके सामने दो विकल्पों के तौर पर हैं। इस वर्ष और अगले वर्ष तक कंपनी अपनी इस योजना के विस्तार में करीब एक बिलियन डॉलर खर्च करने वाली है। विस्ट्रॉन के चेयरमैन सिमोन लिन ने कहा, 'ग्राहकों की तरफ से आने वाले मैसेजेस में हमें यह बात मालूम चली है कि यह एक फैसला है जिसे हमें लेना ही पड़ेगा। वे खुश हैं और इस बात को सराह रहे हैं कि हम आगे भी ऐसे कदम उठाते रहेंगे और वे हमारे साथ काम करते रहेंगे।'
भारत पर जमीं नजरें
आईफोन को एसेंबल करने वाली कंपनी पेगाट्रॉन भी इसी बात पर यकीन करती है। कंपनी के सीईओ लियो साइ जांग ने कहा कि वियतनाम में साल 2021 तक मैन्यूफैक्चरिंग का काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा वह नए स्थान के तौर पर भारत को देख रहे हैं। एप्पल के सबसे बड़े एसेंबली पार्टनर इनवेनटेक, जो एयरपॉड्स के लिए कंपनी की मदद करते हैं, उसका कहना है कि वह वियतनाम में यूनिट स्थापित करने की तरफ देख रही है।
बेंगलुरु और तमिलनाडु में यूनिट
फॉक्सकॉन जो कि एप्पल की ही सहायक कंपनी है उसकी एक यूनिट तमिलनाडु में हैं। एप्पल के कैलिफोर्निया के क्यूपेर्टिनो स्थित हेडक्वार्टर पर भी कम कीमत वाले SE, 6S और 7 मॉडल को भारत के जरिए ही एसेंबल किया जा चुका है। वहीं, बेंगलुरु स्थित विस्ट्रॉन कॉर्प की लोकल यूनिट ने इसमें मदद की थी। अभी तक भारत में जो आईफोन आते हैं वे चीन में असेंबल होते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कई बार एप्पल जैसी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए कहा गया है ताकि दक्षिण एशिया में भारत को तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति के तौर पर स्थापित किया जा सके।