#Corona: खाना ख़त्म, पानी ख़त्म, अमरीका में कोरोना दहशत की आंखोंदेखी
तेज़ी से ग़ायब होतीं पानी की बोतलें. दुकानों के बाहर ग्राहकों की लंबी क़तारें. हैंड सेनीटाइज़र और टॉयलेट पेपर जैसी चीज़ों की कमी. खाने-पीने के ज़रूरी सामानों को जमा करते लोग. अमरीका के कई शहरों से ऐसी ही तस्वीरें आ रही हैं. बीते सप्ताह मैं एक स्टोर में पानी की बोतलें ख़रीदने गया था. मैं ये देखकर अचरज में था कि स्टोर ख़ाली था. मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था.
तेज़ी से ग़ायब होतीं पानी की बोतलें. दुकानों के बाहर ग्राहकों की लंबी क़तारें. हैंड सेनीटाइज़र और टॉयलेट पेपर जैसी चीज़ों की कमी. खाने-पीने के ज़रूरी सामानों को जमा करते लोग. अमरीका के कई शहरों से ऐसी ही तस्वीरें आ रही हैं.
बीते सप्ताह मैं एक स्टोर में पानी की बोतलें ख़रीदने गया था. मैं ये देखकर अचरज में था कि स्टोर ख़ाली था. मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था.
This was the sign outside a local COSTCO in Seattle. Costco, the literal warehouse that seems like it has seemingly endless supplies. I have never seen anything like this:#coronavirus pic.twitter.com/kRbMKqPgBb
— Gavin Verhey (@GavinVerhey) March 5, 2020
बड़े स्टोर की बड़ी ट्रालियां पूरी तरह ख़ाली थीं. आलू, गाजर तक बिक चुके थे. स्टोर के बाहर मास्क लगाए खड़े सुरक्षाकर्मी ट्रालियों के हैंडलों को साफ़ कर रहे थे.
अगले दिन सुबह जल्दी आने की सलाह देते हुए स्टोर के एक कर्मचारी ने कहा कि सामान तेज़ी से ख़त्म हो रहा है. मेरे घर में बोतलबंद पानी ख़त्म हो गया था और सुबह आने के सिवा कोई विकल्प नहीं था.
अगले दिन सुबह भी स्टोर के बाहर लंबी क़तार थी. चीज़ें तेज़ी से ख़त्म हो रहीं थीं. चीन के बाद इटली में लॉकडाउन की ख़बरों और अमरीका में तेज़ी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या ने अमरीका के कई हिस्सों में भी अफ़रा-तफ़री मचा दी है.
अमरीका में अब तक कोरोना से 26 लोगों की मौत हो चुकी है और साढ़े छह सौ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. अमरीकी लोगों में कोरोना को लेकर डर बढ़ रहा है. मुझ जैसे बहुत से लोग वायरस के डर की वजह से घर से बाहर निकलने में भी हिचकिचा रहे हैं.
डरे हुए हैं लोग
कैलिफ़ोर्निया में एक तकनीकी कंपनी से जुड़े और इंडिया कम्यूनिटी सेंटर के सीईओ राज देसाई कहते हैं, "लोगों को डर है कि अमरीका में भी इटली जैसा लॉकडाउन हो सकता है."
देसाई के मुताबिक़ कैलिफ़ोर्निया के बे एरिया में क़रीब दो लाख भारतीय काम करते हैं या रहते हैं.
This guy checking out from the Costco in SF. Seriously? This much toilet paper??? #doomsdayprepping pic.twitter.com/FDuCItaiCK
— Sunny Tumber (@sunny_tumber) March 1, 2020
वो कहते हैं, "लोग ज़रूरत का सामान जुटा रहे हैं. हम भी अपने सदस्यों को सैनिटाइज़र उपलब्ध करा रहे हैं. सैनिटाइज़र जैसे सामानों की बाज़ार में कमी है."
आईसीसी के चार परिसरों से क़रीब 600 बुज़ुर्ग लोग भी जुड़े हैं. बुज़ुर्ग लोगों में कोरोना के संक्रमण का ख़तरा ज़्यादा है.
एक स्टोर पर तो हालात ऐसे हो गए कि प्रशासन को दख़ल देना पड़ा. यहां लोग टॉयलेट पेपर, सैनिटाइज़र और पानी वग़ैरह ख़रीदने के लिए जुटे थे और हंगामा करने लगे थे.
अमरीका में 'आपातकाल'
चुनावी साल में ये राष्ट्रपति ट्रंप के लिए बुरी ख़बर है. उन्होंने अपने पूरे चुनाव अभियान में आर्थिक क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों को अहम मुद्दा बनाया हुआ है.
कोरोना वायरस की वजह से अमरीकी नागरिकों की मौत का असर स्टॉक मार्केट पर भी हुआ है और शेयर बाज़ार गिरा है.
आरोप है कि प्रशासन ने वायरस को रोकने में शुरुआत में लापरवाही की और अब ये दिखाया जा रहा है कि हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
प्रशासन वायरस की दवा विकसित करने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आठ अरब डॉलर के आपात फंड का इस्तेमाल कर रहा है.
राष्ट्रपति ट्रंप, उपराष्ट्रपति और ट्रंप प्रशासन से जुड़े अन्य लोग अब लगातार टीवी पर दिख रहे हैं और कोरोना से लड़ाई से जुड़े अपडेट लोगों को दे रहे हैं.
लेकिन वायरस की वजह से मौतों और संक्रमण के नए मामलों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है.
इस ख़तरनाक वायरस को रोकने के लिए वाशिंगटन, कैलिफ़ोर्निया, फ्लोरिडा और न्यूयॉर्क जैसे राज्य आपातकाल घोषित कर चुके हैं.
महंगा है इलाज
अमरीका में ये वायरस अब ऐसे लोगों में भी मिला है जो ना तो चीन गए हैं या न वायरस प्रभावित क्षेत्र से आए किसी व्यक्ति के सीधे संपर्क में आए हैं.
आपातकाल की स्थिति घोषित होनों पर प्रांतों को कई तरह की शक्तियां मिल जाती हैं और वो आपात स्थिति के लिए तैयार योजनाओं को लागू कर सकते हैं.
राजधानी वाशिंगटन और आसपास के इलाक़ों से भी कोरोना वायरस प्रभावित लोग मिले हैं. यहां तक कि कांग्रेस के सदस्यों तक को अपने आप को अलग-थलग करना पड़ा है.
अमरीका में कोरोना वायरस कितना फैला है इसका सही पता नहीं चल सका है और इसके लिए यहां परीक्षणों की महंगी फ़ीस को भी माना जा रहा है.
कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था को हुए नुक़सान का भी अंदाज़ा अभी लगाया जा रहा है. हालांकि इटली या चीन जैसे लॉकडाउन की अभी किसी स्तर पर कोई बात नहीं हुई है.
So last year 37,000 Americans died from the common Flu. It averages between 27,000 and 70,000 per year. Nothing is shut down, life & the economy go on. At this moment there are 546 confirmed cases of CoronaVirus, with 22 deaths. Think about that!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) March 9, 2020
राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट किया, "पिछले साल सामान्य फ्लू की वजह से 37, 000 अमरीकी नागरिकों की मौत हुई थी. औसतन प्रतिवर्ष 27 से 70 हज़ार लोगों की मौत इस वजह से होती है. बंद करने की कोई बात नहीं है. ज़िंदगी और अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती रहती है."
होली, पाकिस्तान दिवस का आयोजन रद्द
राज देसाई कहते हैं, "दो सप्ताह के लिए बुज़ुर्गों से जुड़े योगा, चर्चा, डांस आदि के सभी कार्यक्रम रद्द कर रहे हैं. आगे की स्थिति पर हम विचार कर रहे हैं."
देसाई कहते हैं, "हमने होली का आयोजन भी रद्द कर दिया है. सैन फ्रांसिसको, स्टैनफ़र्ड आदि में होली के सामुदायिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं, अब सिर्फ़ पारिवारिक आयोजन ही होंगे. "
रंगों के त्यौहार होली से बसंत के आगमन और सर्दियों के समापन भी होता है.
वहीं कैलिफ़ोर्निया बे एरिया के पाकिस्तानी अमरीकन सेंटर ने भी इस साल 23 मार्च को होने वाले पाकिस्तान दिवस के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है.
सेंटर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि अब पाकिस्तान दिवस और पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस अगस्त में एक साथ मनाया जाएगा.
पाकिस्तान दिवस 1940 में लाहौर में मुस्लिम लीग के अधिवेशन में पाकिस्तान बनाने के प्रस्ताव के पारित होने की याद में मनाया जाता है.
पाकिस्तान सेंटर से जुड़े एक बुज़ुर्ग (अयूब-बदला हुआ नाम) ने बताया, "हमने सामूहिक आयोजन रद्द कर दिए हैं. जिम में और सड़कों पर भी लोगों की संख्या कम है."
वो कहते हैं, "आमतौर पर पाकिस्तान दिवस के कार्यक्रम में दो ढाई सौ लोग जुट ही जाते हैं, सेटंर में होने वाले साप्ताहिक कार्यक्रमों में भी 25-30 लोग आते ही हैं जिनमें से अधिकतर पचास वर्ष से अधिक आयु के हैं. हर कोई चिंतित और सावधान है."
इस इलाक़े में रहने वाले अधिकतर भारतीय और पाकिस्तानी तकनीकी कंपनियों में काम करते हैं और इन दिनों घर से ही काम कर रहे हैं.
अय्यूब कहते हैं, "मैं घर पर ही रहा हूं और जिम के हर उपकरण को सेनेटाइज़ करता हूं. चीन से आने वाले लोगों की तादाद कम हो गई है. लोग कार तक में सेनीटाइज़र रख रहे हैं."
अय्यूब तकनीकी कंपनी से ही रिटायर हैं और उनके तकनीकी कंपनियों में ही काम करने वाले उनके बच्चे इन दिनों घर से ही काम कर रहे हैं. वो कहते हैं, "हम फ्रीज़र में अपना खाना रखते हैं. घर में हम दो ही लोग हैं. हमारे पास बहुत सी दालें, चिकन और बीफ़ है. हम आमतौर पर एक साथ ही खाने का सामान ख़रीदते हैं. हमें सिर्फ़ सब्ज़ियां ख़रीदने की ज़रूरत पड़ती है."
कारोबारियों और ऑफ़िस जाने वालों का डर
बदलते हालात में व्यापार जगत भी बदल रहा है.
एक उद्योग एसोसिएशन से जुड़ीं सुचिता सोनालिका कहती हैं, "हम देख रहे हैं कि बहुत सी कंपनियां ऐसी प्रक्रियाएं बना रही हैं जिसमें लोगों को काम करने के लिए एक दूसरे के सीधे संपर्क में ना आना पड़े."
वो कहती हैं, "लोगों से घर से काम करने के लिए कहा जा रहा है. एक ही इमारत में होने के बावजूद बात करने के लिए इंटरनेट आधारित सेवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है. हमारी कोशिश है कि काम समय पर होता रहे. लोगों जुड़े रहें."
कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में सप्लाई चेन भी प्रभावित हुई है और व्यापार जगत के लोग इससे हुए आर्थिक हिसाब के अंदाज़े लगाने में जुटे हैं.
सोनालिका कहती हैं, "ये पहली बार है जब हम लोग इस तरह के हालात में रह रहे हैं."
सोनालिका इन दिनों आफ़िस जा रही हैं लेकिन उनके दफ़्तर में भी घर से ही काम करवाने पर बात हो रही है.
समलैंगिक समुदाय पर भी ख़तरा
दक्षिण एशिया और भारतीय-कैरीबियाई द्वीपों से आए एलजीबीटीक्यू (गे, लेस्बियन, बाइसेक्शुअल, ट्रांसजेंडर और क्वियर) समदुाय के लोगों के लिए काम करने वाली संस्था के 'देसीक्यू डायसपोरा 2020' इवेंट पर भी संशय के बादल हैं.
ये आयोजन 15 मई को होने वाला है. इसमें क़रीब 300 मेहमानों के आने की उम्मीद है.
देसी क्यू डायसपोरा 2020 की आयोजन समिति में शामिल ख़ुदाई तनवीर कहते हैं, "हमसे पूछा जा रहा है कि हम मेहमानों को सुरक्षित कैसे रखेंगे."
नेशनल एलजीबीटीक्यू कैंसर नेटवर्क का कहना है कि इस वायरस का ख़तरा इस समुदाय के लोगों के लिए अधिक है क्योंकि एलजीबीटीक्यू समुदाय लोग धूम्रपान अधिक करते हैं और उनमें एचआईवी संक्रमण का ख़तरा भी अधिक होता है.