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Coronavirus को लेकर यूरोप के लिए मुश्‍किल भरे हो सकते हैं आने वाले 6 महीने

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नई दिल्‍ली। जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ रही हैं कोरोना वायरस भी अपना विक्राल रूप लेता जा रहा है। ऐसे में अब सवाल यह उठने लगा है कि क्‍या दुनिया को कोरोना की दूसरी लहर का सामना करना पड़ेगा? वहीं सवाल यह भी है कि कोरोना की वैक्‍सीन कबतक आएगी? इन सवालों का सही-सही जवाब किसी के पास मौजूद नहीं है। इस वायरस के चलते लगभग 7 महीने तक पूरी दुनिया रुकी हुई थी और अब जब सबकुछ थोड़ा सामान्‍य हुआ तो कोरोना की दूसरी लहर की आशंका ने डर बढ़ा दिया है। दुनिया के कई देशों में पॉजिटिव केसों में अचानक तेजी आई है।

Coronavirus को लेकर यूरोप के लिए मुश्‍किल भरे हो सकते हैं आने वाले 6 महीने

सरकारों ने फिर से उन नियमों को लागू कर दिया है जिसमें कुछ समय पहले ढील दी गई थी। डब्‍लूएचओ ने चेतावनी दी है कि यूरोप के देशों के लिए आने वाले 6 महीने मुश्‍किल भरे होंगे। डब्ल्यूएचओ यूरोप के निदेशक हैंस क्लूज ने कहा कि इस महाद्वीप में पिछले सप्ताह 29,000 से अधिक लोगों की कोरोना से मौत हुई है। उन्‍होंने कहा कि लॉकडाउन फिर से लगाने के कारण नए मामलों में कमी आई है। गुरुवार को एक सम्‍मेलन में यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि वर्ष के अंत तक दो टीकों को मंजूरी दिया जा सकता है।

बीबीसी की खबर के मुताबिक अक्‍टूबर माह में वायरस की दूसरी लहर को देखते हुए अधिकांश देशों में फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, यूरोप में अब तक 15,738,179 संक्रमणों की पुष्टि और 354,154 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमणों और मौतों का सबसे बड़ा हिस्‍सा ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, स्‍पेनन, इटली और जर्मनी में पंजीकृत किया गया है। यूरोप और यूके में सबसे अधिक मौतें (53,870) हुई हैं। फ्रांस में सबसे अधिक मामले (2,115,717) सामने आए हैं।

और क्‍या कहा डॉ क्लूज ने?

डॉ क्‍लूज ने कहा कि कोरोना के 28% वैश्विक मामले और 26% मौतों के लिए यूरोप जिम्मेदार है। उन्होंने स्विट्जरलैंड और फ्रांस की स्थिति पर विशेष चिंता व्यक्त की, जहां गहन देखभाल यूनिट 95% क्षमता पर हैं।

WHO ने कही ये बड़ी बात

डब्ल्यूएचओ के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक माइक रयान ने अनुमान जताया है कि दुनिया की 10 फीसदी आबादी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुकी है। उन्होंने कहा, "ये संख्या अलग-अलग देशों के, शहरों और गावों के और अलग-अलग समूहों के आधार पर अलग-अलग है।" "लेकिन इसका मतलब ये है कि दुनिया का एक बड़ा हिस्सा ख़तरे में है। हम जानते हैं कि महामारी बनी रहेगी लेकिन हम ये भी जानते हैं कि हमारे पास इस वक़्त संक्रमण को फैसले से रोकने और ज़िंदगियों को बचाने के तरीक़े हैं।"

विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेड्रॉस एडहॉनम गीब्रियेसुस ने कहा है कि दुनिया भर के अलग-अलग देशों में वायरस ने अलग-अलग तरीके से असर डाला है और इस महामारी के निपटने के लिए सभी को एक साथ आना चाहिए।

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English summary
Coronavirus: Europe faces 'six tough months' of pandemic, says WHO.
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