कोरोना की पहली वैक्सीन बनाने वाले रूस में हालात बिगड़े, एक दिन में रिकॉर्ड 986 मौतें
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: जब पूरी दुनिया कोरोना के खौफ में जीने को मजबूर थी, तो सबसे पहले रूस ने ही कोरोना वैक्सीन को बनाने का दावा किया। साथ ही उसे वहां की बड़ी आबादी को दे दिया गया, लेकिन मौजूदा वक्त में वहां पर तेजी से कोरोना केस बढ़ रहे हैं। साथ ही मृतकों की संख्या ने भी सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। जिसके तहत गुरुवार को मौत का आंकड़ा 986 हो गया, जो अब तक का अधिकतम है। हालांकि सरकार इसके पीछे की वजह टीकाकरण की धीमी गति को मान रही है।
coronatracker.com के मुताबिक रूस में गुरुवार को 31,299 नए कोरोना केस सामने आए हैं। इसके अलावा 986 लोगों की मौत हुई। ऐसे में अब कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 7,892,980 हो गई है। जिसमें से 220,315 ने जान गंवाई, जबकि 6,937,756 ठीक हो चुके हैं। रूसी सरकार के मुताबिक देश में कोरोना मृत्युदर अब 2.8 प्रतिशत हो गई। साथ ही रिकवरी रेट 87.9 प्रतिशत है।
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क्यों
बढ़ी
मृत्युदर?
दो
दिन
पहले
सरकार
ने
बढ़ते
मृत्युदर
को
देखते
हुए
बयान
जारी
किया
था।
सरकार
के
मुताबिक
टीकाकरण
की
रफ्तार
काफी
धीमी
है,
जिस
वजह
से
वायरस
तेजी
से
फैल
रहा
है।
रूस
की
कुल
आबादी
14.6
करोड़
है,
लेकिन
12
अक्टूबर
तक
सिर्फ
4.78
करोड़
जनता
ने
ही
वैक्सीन
की
पहली
डोज
ली,
जबकि
4.25
करोड़
लोग
ऐसे
हैं
जिन्होंने
दोनों
डोज
ले
ली
है।
वहां
पर
सभी
को
स्पुतनिक
वैक्सीन
लगाई
जा
रही।
रूस
का
दावा
है
कि
स्पुतनिक
दुनिया
की
पहली
कोरोना
वैक्सीन
है।
भारत
में
भी
दी
जा
रही
स्पुतनिक
स्पुतनिक
की
दो
डोज
लोगों
को
दी
जाती
है।
भारत
सरकार
ने
भी
रूस
के
साथ
इस
वैक्सीन
को
लेकर
समझौता
किया
है,
जिस
वजह
से
चुनिंदा
जगहों
पर
स्पुतनिक
भारत
में
दी
जा
रही
है।
हाल
ही
में
रूस
ने
स्पुतनिक
लाइट
को
लॉन्च
किया,
जिसकी
एक
खुराक
ही
काफी
है।