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Climate Change:साल 2015 से 2022 सबसे गर्म रहने का अनुमान, इस वर्ष 1.15 डिग्री ज्यादा तापमान- WMO की रिपोर्ट

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पिछले कुछ वर्षों में धरती पर तापमान ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पूर्व औद्योगिक काल से तुलना करें तो वैश्विक तापमान में औसत वृद्धि 1 डिग्री से भी ज्यादा हो चुकी है। इसका असर ये हुआ है कि हाल के वर्षों में समुद्री जलस्तर में बढ़ोतरी की रफ्तार अनुमानों से भी तेज होने लगी है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार मौजूदा साल अबतक पिछले साल की तुलना में ज्यादा गर्म रहा है। इस साल एक्स्ट्रीम वेदर इवेंट की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है। कहीं बाढ़, कहीं सूखा तो कहीं भू-स्खलन की घटनाएं देखने को मिली हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन सभी प्राकृतिक आपदाओं के पीछे पृथ्वी का बढ़ता हुआ तापमान है।

पिछला 8 रिकॉर्ड में दर्ज सबसे गर्म साल-रिपोर्ट

पिछला 8 रिकॉर्ड में दर्ज सबसे गर्म साल-रिपोर्ट

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की रिपोर्ट के मुताबिक 2015 से लेकर 2022 के बीच के साल के रिकॉर्ड में दर्ज सबसे गर्म वर्ष रहने की संभावना है। इसी रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 1850 से 1900 के बीच की औसत की तुलना में 2022 में वैश्विक औसत तापमान 1.15 डिग्री सेल्सियस अधिक रहने की संभावना है। इसी की वजह से 2015 के बाद के वर्षों का तापमान सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया जा रहा है। यह रिपोर्ट रविवार को UNFCCC के 27वें कॉन्फ्रेंस में जारी की गई है, जिसका टाइटल है, 'डब्ल्यूएमओ प्रॉविजिनल स्टेट ऑफ द ग्लोबल क्लाइमेट 2022'।

समुद्र जलस्तर में वृद्धि दर ने पकड़ी रफ्तार

समुद्र जलस्तर में वृद्धि दर ने पकड़ी रफ्तार

इस रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला तथ्य यह भी है कि 1993 के बाद से समुद्री जलस्तर में वृद्धि दर दोगुनी हो गई है और यह 2020 के जनवरी से लेकर अबतक करीब 10 एमएम बढ़ चुका है, जो कि नया रिकॉर्ड है। 30 साल से सैटेलाइट के माध्यम से इसे मापा जा रहा है और रिपोर्ट के अनुसार पिछले ढाई वर्षों में ही समुद्र जलस्तर में कुल मिलाकर 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2022 के यह आंकड़े प्रारंभिक हैं, जो कि इस साल सितंबर तक ही मान्य हैं। अंतिम और फाइनल रिपोर्ट अगले साल अप्रैल में जारी की जाएगी।

सबसे गर्म वर्ष के रिकॉर्ड में 2022 पांचवें या छठे स्थान पर रहेगा

सबसे गर्म वर्ष के रिकॉर्ड में 2022 पांचवें या छठे स्थान पर रहेगा

रिपोर्ट के अनुसार, '2022 में वैश्विक औसत तापमान अब तक 1850-1900 के औसत तापमान की तुलना में 1.15 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा है। अगर यह स्थिति बरकरार रही तो इस साल के अंत तक 2022, 1850 के बाद से रिकॉर्ड में सबसे गर्म वर्षों में से पांचवें या छठे स्थान पर रहेगा और 2021 की तुलना में भी थोड़ा ज्यादा गर्म रहेगा। 2015 से 2022 तक के 8 वर्ष रिकॉर्ड के तहत सबसे गर्म रहने की संभावना है।'

तापमान की वजह से पैदावार पर भी प्रभाव

तापमान की वजह से पैदावार पर भी प्रभाव

वैसे, 2013 से 2022 के बीच 10 साल का औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक युग के मुकाबले 1.14 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहने की संभावना है। जबकि, इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की छठी अनुमान रिपोर्ट में 2011 से 2020 तक 1.09 डिग्री सेल्सियस तापमान रहने का अनुमान लगाया गया था। इस साल भारत और पाकिस्तान में मानसून से पहले बहुत ज्यादा गर्मी दर्ज की गई थी। मार्च और अप्रैल में पाकिस्तान में रिकॉर्ड गर्मी दर्ज की गई थी। तापमान की वजह से पैदावार में कई दर्ज की गई।

मौसम की गंभीर घटनाओं में भी बढ़ोतरी

मौसम की गंभीर घटनाओं में भी बढ़ोतरी

पैदावार घटने के साथ अन्य वैश्विक कारणों से विश्व के कई देशों में खाद्य संकट बढ़ गया है। गर्मी के बाद पाकिस्तान में इस बार जुलाई से अगस्त के बीच भारी बारिश हुई और बाढ़ ने काफी तबाही मचाई जिसमें 1,700 के करीब लोगों की जान चली गई और इसी वजह से 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए और 79 लाख लोगों को अपना घर-द्वार छोड़ना पड़ गया। जून में खासकर पूर्वोत्तर भारत में भी बाढ़ की बढ़ी घटनाएं देखने को मिलीं। बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में भारी तबाही देखने को मिली।

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जितनी ज्यादा गर्मी, नतीजा उतना ही खतरनाक

जितनी ज्यादा गर्मी, नतीजा उतना ही खतरनाक

डब्ल्यूएमओ के महासचिव प्रोफेसर पेट्टेरी तालस ने कहा, 'जितनी ज्यादा गर्मी होगी, परिणाम उतने ही गंभीर होंगे।अब हमारे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का इतना उच्च स्तर है कि पेरिस समझौते के अनुसार 1.5 डिग्री सेल्सियस कम करने का लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल है। ' उनके मुताबिक 'कई सारे ग्लेशियर पहले ही पिघल चुके हैं और हजारों नहीं तो सैकड़ों वर्षों तक यह पिघलते रहेंगे। इसकी वजह से जल सुरक्षा पर गंभीर संकट पैदा होगा। पिछले 30 साल में समुद्र जलस्तर बढ़ने की दर दोगुना से ज्यादा है। यह हर सौ साल में आधे से एक मीटर तक बढ़ सकता है, जिससे समुद्र के तटों पर रहने वाले और निचले इलाकों में लाखों की जनसंख्या पर खतरा है।'

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English summary
Climate Change:According to the report of the World Meteorological Organization, in the last eight years, the highest temperature has been recorded. The final estimate will be released in April.
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