43 साल बाद हमवतन पहुंचे चीनी सैनिक वांग तो नम हुई आखें
वांग, 1963 में भारतीय सीमा में आ गए थे। यहां उन पर मुकदमा चला लेकिन बरी कर दिए गए। इसके बाद उन्होंने अपना परिवार यहीं बसा लिया।
भोपाल। 1963 में चीनी सैनिक वांग ची, भारतीय सीमा में घुस आए थे। भारतीय सेना ने उन्हें गिरफ्तार किया। वांग पर मुकदमा चला और अदालत ने उन्हें बरी कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें मध्य प्रदेश के तिरोंदी गांव में छोड़ दिया।
फिर भी वो अपने मुल्क वापस जाने की जद्दोजहद करते रहे। उनकी यह जद्दोजहद सफल भी हुई। करीब 43 साल बाद वो अपने हमवतन चीन,शुक्रवार को पहुंचे। शुक्रवार सुबह 3 बजकर 10 मिनट पर फ्लाइट के जरिए वांग अपने बड़े हेटे विष्णु के साथ दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से चीन स्थित पेइचिंग के लिए रवाना हुए।
वांग को मिला मल्टीपल वीजा
बता दें कि सरकार को इस मामले की जानकारी जब मीडिया के जरिए हुई तो वांग की मदद की गई। सरकार ने वांग को मल्टीपल वीजा जारी करने के साथ-साथ उनकी आर्थिक सहायता भी की। वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने वांग के परिजनों का पासपोर्ट बनवाने और हवाई यात्रा के वक्त होने खर्चों का ध्यान रखते हुए आर्थिक मदद भी की।
पेइचिंग के लिए रवाना होने से पहले जब वांग के बड़े बेटे विष्णु से यह पूछा गया कि चीन में ही बस जाने पर उनकेी क्या राय है? इस पर विष्णु ने कहा कि अन्य सभी परिजनों को पासपोर्ट तो मुहैया करा दिया गया है लेकिन अभी हम उन्हें साथ लेकर नहीं जा रहे हैं। वहां पहुंचने के बाद यह सोचा जाएगा कि क्या करें।
बता दें कि वांग , 3 जनवरी 1963 को भारतीय सीमा में घुस आए, चीनी सैनिक को भारतीय सेना ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। अदालत से बरी होने के बाद जब पुलिस वांग को मध्य प्रदेश के तिरोंदी गांव में छोड़ आई तो वहीं इन्होंने आटा चक्की में काम करना शुरू किया।
यहीं की स्थानीय से वांग ने शादी रचाई और यहां उनका भरा पूरा परिवार है। 77 वर्षीय वांग, जब पेइचिंग हवाई अड्डे पर पहुंचे तो वहां अपने परिजनों से मिलकर भावुक हो गए। वांग के साथ 35 वर्षीय बेटा विष्णु, बहु नेता और पोती खनक साथ थी। ये भी पढ़े: फेसबुक पर हुआ प्यार, भारतीय प्रेमी से शादी करने मऊ आई इटली की लड़की