कुछ महीने में ही बदल गए हैं चीनी सेना कमांडर के तेवर
भारत के दौरे पर कुछ महीने पहले आए चीन के कमांडर ने दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध की बात कही थी, लेकिन अब वह सिक्किम में विवाद की बड़ी वजह हैं।
नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से भारत-चीन के रिश्तों में तकरार देखने को मिल रही है, लेकिन गत वर्ष दिसंबर माह में चीन की सेना के पश्चिमी थिएटर कमांड की सेना जनरल झाओ जॉग्की भारत के दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने मौजूदा भारत सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत से मुलाकात की थी। अपनी तीन दिन की यात्रा के दौरान जनरल झाओ ने पश्चिमी सेना के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट प्रवीन बख्शी से भी मुलाकात की थी।
भारत के साथ बेहतर संबंध पर दिया था जोर
भारत में अपने दौरे के दौरान जनरल झाओ भारत और चीन क साथ संबंधों पर बात की थी, साथ ही दोनों देश किस तरह से पीएलए वेस्टर्न थिएयटर कमांड और भारतीय सेना के बीच संबंध को सुधारा जाए इस पर भी जोर दिया था। इस दौरान भारत और चीन इस बात पर समहत हुए थे कि दोनों देश एक दूसरे के साथ स्थिर और सकारात्मक संबंध को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे।
अब बने सिक्किम में तनाव की मुख्य वजह
लेकिन अब वही चीन के जनरल झाओ ने अपने तेवर बदल दिए हैं और वह सिक्किम में भारत चीन के बीच तनाव का मुख्य कारण बन गए हैं। पिछले तीन हफ्ते से दोनों देशों के बीच सिक्किम में तनाव बढ़ा है। चीन के वेस्टर्न थिएटर कमांड के कमांडर जनरल झाओ की अगुवाई में चीन की तकरीबन एक तिहाई यानि तकरीन 26 लाख सेना के जवान काम करते हैं और वह इस सेना का नेतृत्व फरवरी 2016 से कर रहे हैं।
विएतनाम-चीन युद्ध में लिया था हिस्सा
चीनी सेना के कमांडर झाओ कम्युनिस्ट पार्टी के काफी वरिष्ठ सदस्य भी हैं और वह सेंट्रल कमेटी के सदस्य भी हैं। वह मिलिट्री कमांडर भी हैं और उन्हें पहाड़ पर युद्ध का काफी अनुभव है, चीन में उन्हें चीनी सेना का उगता सितारा माना जाता है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि जनरल झाओ उन चुनिंदा लोगों मे से हैं जिन्होंने 1979 में चीन-विएतनाम युद्ध में हिस्सा लिया था, जिसके चलते उनका सम्मान काफी अधिक है। ऐसे में अगर वह सीमा पर विवाद को बढ़ावा देते हैं तो उन्हें चीन में काफी समर्थन मिलेगा।