चीन के कई और शहरों में नरम पड़े कोविड प्रतिबंध, क्या प्रदर्शन के सामने झुक रहे हैं शी जिनपिंग?
वुहान शहर में कोरोना वायरस फैलने बाद चीन ने कोविड को कंट्रोल कर लिया था, लेकिन अब एक बार फिर से चीन कोविड के चपेट में है।
China Covid Protest: चीन के अलग अलग शहर पिछले डेढ़ सालों से सख्ततम लॉकडाउन से गुजर रहे हैं, जिसे चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने ज़ीरो कोविड पॉलिसी नाम दिया हुआ है। लेकिन, पिछले एक हफ्ते से शी जिनपिंग की ज़ीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ देशभर के कई शहरों में भारी प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसे देखते हुए कई शहरों में कोविड प्रतिबंधों में ढील दी जाने लगी है। चीन में इस वक्त जो प्रदर्शन चल रहा है, पूरी दुनिया में उसे दुर्लभ प्रदर्शन कहा जा रहा है, जहां राष्ट्रपति शी जिनपिंग से इस्तीफे की मांग की गई है।
कोविड प्रतिबंधों में ढील
समाचार एजेंसी एपी ने बताया कि, चीन के उत्तर में स्थित ग्वांगझू और चोंगकिंग के अलावा, उत्तरी प्रांत शिनजियांग, दक्षिण पश्चिमी शहर चेंगदू और अन्य प्रमुख शहरों ने अब कोविड प्रतिबंध कम कर दिए गये हैं और इस तरह से सरकार ने आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश शुरू कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी शहरों में अब कोविड टेस्टिंग कम करने की घोषणा की जा रही है, जबकि पहले हर कोविड मरीज मिलने के बाद पूरे शहर के लोगों का टेस्ट किया जाता था, जिसकी वजग से लोगों को बार बार, हर तीसरे दिन कोविड टेस्ट करवाना पड़ता था। इस बीच, चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा है कि, बुजुर्ग लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने की उनकी योजना है क्योंकि उन्हें संक्रमण का 'उच्च जोखिम' है। आपको बता दें कि, चीन में अभी तक वैक्सीनेशन में बुजुर्ग लोगों पर कम ध्यान दिया गया था और सबसे पहले आर्मी का वैक्सीनेशन के बाद युवाओं को टीके लगाए गये थे।
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गुस्से को नियंत्रित करने की कोशिश
चीन में चल रहे प्रदर्शन को कवर करने गये कई विदेशी पत्रकारों ने कहा है, कि चीन के कई शहरों के प्रशासन ने कोविड प्रतिबंधों में नरमी की घोषणा कर दी है और ये जनता के गुस्से को कम करने के लिए किया गया है। चीनी अखबार Yicai ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि, राजधानी बीजिंग में कुछ लोगों को संक्रमण के साथ घर पर ही आइसोलेशन में रहने की इजाजत देनी शुरू कर दी गई है। हालांकि, चीनी एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है, कि सख्त 'कोविड-19 नीति' एक और साल तक बनी रह सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, शेनयांग और हार्बिन में, चीन के औद्योगिक केंद्रों ने घोषणा की है, कि जो छात्र ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेते हैं और अन्य जो बहुत कम बातचीत करते हैं, उन्हें अब वायरस परीक्षण से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी। इन दोनों शहरों में छात्रों का कोविड टेस्ट हर दिन रिया जाता है।
गर्भवती महिलाओं को राहत
मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि, आने वाले दिनों में पूरक उपायों की घोषणा के बीच चीन कुछ वर्ग के लोगों को घर पर ही क्वारंटाइन करने की अनुमति देने जा रहा है, जिनमें कोविड पॉजिटिव महिला, बुजुर्ग और किसी दूसरी बीमारी से परेशान लोग शामिल होंगे। वहीं, समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने वादा किया है कि वह क्वारंटाइन पीरियड को कम करके और अन्य महत्वपूर्ण बदलाव करके अपनी 'शून्य कोविड' रणनीति के सामने में आने वाली परेशानियों को कम करेगी। हालांकि, स्कूल और व्यवसाय बंद रहेंगे और लोगों के बाहर निकलने पर पाबंदियां अभी भी जारी रहने वाली है। वहीं, अब जाकर बुजुर्ग आबादी को टीका लगाने का अभियान तेज शुरू कर दिया गया है। वहीं, चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि, उसका अभियान 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के जल्द टीकाकरण पर टिका हुआ है।
चीन में टीकाकरण पर रिपोर्ट
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अनुसार, चीन में अभी तक 10 में से 9 लोगों को टीका लगाया गया है, लेकिन 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में से सिर्फ 66% लोगों को अभी तक टीके का एक ही खुराक दिया गया है। जबकि 40 प्रतिशत लोगों को बूस्टर शॉट दिया गया है और 60 वर्ष से अधिक आयु के 86 प्रतिशत लोगों ने टीका लगवाया। आपको बता दें कि, चीन में विरोध प्रदर्शन की शुरूआत शिनजियांग के उरुमकी में एक अपार्टमेंट इमारत में आग लगने के बाद शुरू हुई है, जिसमें दस लोगों की मौत हो गई थी और नौ लोग घायल हो गए थे।
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