चीन ने दोस्त पाकिस्तान को दिखाई औकात, 38 मिलियन डॉलर का मांगा मुआवजा, बिजली प्रोजेक्ट पर जड़ा ताला
बीजिंग/इस्लामाबाद, अक्टूबर 16: चीन ने अपने बेहद खास दोस्त पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका दिया है और चीन के इस कदम से पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के पैरों तले जमीन खिसक गई है। पाकिस्तान चीन को 'हर मौसम का सहयोगी' मानता है और पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं सोचा होगा, कि चीन उसके ऊपर इतना बड़ा आर्थिक स्ट्राइक करेगा। पाकिस्तान में दसू डैम हादसे में मारे गये चीनी इंजीनियरों के बदले अब चीन ने पाकिस्तान ने 38 मिलियन डॉलर का मुआवजा मांगा है।

पाकिस्तान से मांगा मुआवजा
चीन ने अपने हर मौसम के साथ पाकिस्तान से दासू डैम परियोजना में बम विस्फोट के दौरान मारे गये चीनी इंजीनियरों की जान के बदले 38 मिलियन डॉलर का मुआवजा मांगा है। बिजनेस रिकॉर्डर की खबर के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान को साफ कहा है, कि जबतक पाकिस्तान चीन को मुआवजा नहीं देता है, तबतक दासू डैम का काम फिर से शुरू नहीं किया जाएगा। आपको बता दें कि, इसी साल 14 को पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों को ले जा रही बस में भीषण धमाका हुआ था, जिसमें चीन के 9 इंजीनियरों के साथ दो स्थानीय लोग और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के दो जवानों की मौत हो गई थी और दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गये थे। और अब चीन ने मारे गये इंजीनियरों के लिए पाकिस्तान से मुआवजे की मांग की है।

चीन ने बंद कर दिया है काम
पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव डॉ शाहजेब खान बंगश ने कहा है कि, चीन ने जुलाई महीने में चीनी इंजीनियर्स पर हुए हमले के बाद परियोजना का काम बंद कर दिया है। पाकिस्तानी मीडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि, चीनी नागरिकों को मुआवजे के मुद्दे पर उच्च स्तर पर चर्चा हो रही है। पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, आंतरिक मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय और चीनी दूतावास मुआवजे के पैकेज के साथ-साथ परियोजना पर काम फिर से शुरू करने पर मिलकर काम कर रहे हैं, लेकिन चीन ने बिना मुआवजा लिए काम आगे बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है, जिसके बाद से पाकिस्तान के तमाम अधिकारी परेशान हैं।

पाकिस्तान कैसे देगा मुआवजा?
पाकिस्तानी मीडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि, पाकिस्तान सरकार ने संबंधित मंत्रालयों के सचिवों वाली संचालन समिति ने एक अन्य समिति का गठन किया था, जिसने दासू परियोजना से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया है, खास तौर पर चीनी सरकार द्वारा मांगे गये मुआवजे की रकम पर काफी माथापच्ची की गई है। पाकिस्तान सरकार द्वारा तमाम विभागों की उप-समिति ने चीन सरकार द्वारा मांगे गये मुआवजे को 'तर्कहीन' बताया है और एक बार फिर से चीन की सरकार से बातचीत करने का फैसला किया है। सूत्रों ने कहा कि, "उपसमिति मुआवजे के लिए एक बेंचमार्क विकसित करेगी, यह देखते हुए कि अगर चीनी सरकार की मांग पूरी होती है, तो यह भविष्य में सरकार के लिए समस्या पैदा करेगी।"

चीन ने पाकिस्तानी अपील को ठुकराया
सूत्रों ने कहा कि सचिव जल संसाधन को उम्मीद है कि मुआवजे के मुद्दे को एक दो सप्ताह के भीतर सुलझा लिया जाएगा, जिसके बाद साइट पर सिविल वर्क फिर से शुरू हो जाएगा। लेकिन, सूत्रों ने ये भी कहा है कि, चीन ने पाकिस्तान सरकार की तमाम अपीलों को ठुकरा दिया है। चीनी फर्म, चाइना गेझोउबा ग्रुप कॉर्प, जिसने बस बम ब्लास्ट की घटना के बाद दासू परियोजना पर काम सस्पेंड कर रखा है, उसने पाकिस्तानी सरकार के अनुरोध पर काम फिर से शुरू करने और पाकिस्तानी श्रमिकों को फिर से बहाल करने की अपील को ठुकरा दिया है। और कंपनी ने पाकिस्तान की सरकार से साफ तौर पर कहा है कि, जब तक मुआवजा पैकेज और चीनी नागरिकों को अधिक सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाती, वह काम आगे नहीं बढ़ाएगी।
पाक कुरान पर बनाया गया खास एप्लिकेशन, बौखलाए चीन ने एप्पल के खिलाफ उठाया नापाक कदम