चीन में बनाए जा रहे विशालकाय क्वारंटाइन सेंटर्स, जानवरों की तरह लोगों से बर्ताव, वामपंथी शासन का मॉडल देखिए
कुछ महीने पहले अपनी ज़ीरो कोविड पॉलिसी की हो रही आलोचना को लेकर चीन ने कहा था, कि अस्पतालों पर पड़ने वाले प्रेशर को रोकने के लिए चीन इस नीति पर सख्ती के साथ चल रहा है।
China Covid: वामपंथी शासन का असल चेहरा देखना है, तो इस वक्त आप चीन चले जाइये, जहां आपको दिख जाएगा, कि जब देश का शासन पूरी तरह से वामपंथी विचारधारा मानने वाले लोगों के हाथों में चला जाता है, तो फिर देश की जनता के साथ क्या सलूक किया जाता है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने देश के लोगों को गुलाम बनाकर रखना शुरू कर दिया है और शी जिनपिंग ने चीन के लोगों की जिंदगी जहन्नुम से भी बदतर कर दी है। दुनियाभर में कोरोना वायरस को फैलाने वाला चीन इस वक्त खुद कोरोना की चक्की में पीस रहा है, जबकि दूसरी तरफ हजारों लोगों की भीड़ सकड़ों पर आकर शी जिनपिंग का इस्तीफा मांग रहे हैं।
विशालकाय क्वारंटाइन सेंटर्स का निर्माण
चीन में कोविड मामलों में भारी इजाफा होने के साथ ही चीनी शहर ग्वांगझू में कम से कम 2,50,000 लोगों को एक साथ रखने के लिए क्वारंटाइन सेंटर्स बनाए जा रहे हैं। ये क्वारंटाइन सेंटर एक खाली मैदान में बनाए जा रहे हैं, जिनमें कोविड मरीजों के संपर्क में आए करीबी लोगों को रखा जाएगा। करीब 1 करोड़ 30 लाख लोगों के शहर ग्वांगझू में पिछले दो महीने से कोविड केसेस में इजाफा हो रहा है और शनिवार की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्वांगझू शहर में 7 हजार कोविड मरीज मिले थे, जबकि पूरे चीन को मिला लिया जाए, तो पूरे देश में 40 हजार से ज्यादा कोविड के मामले मिले थे। क्वारंटाइन सेंटर्स की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और पूर्वी यूरोपीय मीडिया NEXTA ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें क्वारंटाइन सेंटर को दिखाया गया है और दावा किया है, कि इस क्वारंटाइन सेंटर में एक साथ 80 हजार लोगों को रखा जा सकता है।
अस्पतालों में व्यवस्थाएं बढ़ाने का काम
कुछ महीने पहले अपनी ज़ीरो कोविड पॉलिसी की हो रही आलोचना को लेकर चीन ने कहा था, कि अस्पतालों पर पड़ने वाले प्रेशर को रोकने के लिए चीन इस नीति पर सख्ती के साथ चल रहा है। लेकिन, इसके बाद भी चीन कोविड संक्रमण को फैलाव को रोकने में नाकाम रहा। ग्वांगझू में बन रहे क्वारंटाइन सेंटर में करीब ढाइ लाख बेड लगाने की योजना है, नहीं दर्जन भर अस्थाई अस्पतालों का भी निर्माण किया जा रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक ग्वांगझू प्रांत में 95 हजार 300 लोगों को अलग अलग क्वारंटाइन सेंटर या फिर अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा गया है। इस बीच राजधानी बीजिंग में भी कोविड के नये मामलों में भारी बढ़ोतरी की रिपोर्ट है और अलग अलग शहरों में चल रहे प्रदर्शन के बीच कोविड मामलों में और इजाफा होने की आशंका है।
ज़ीरो कोविड नीति से जनजीवन अस्तव्यस्त
हाल ही में चीनी अधिकारियों ने बार-बार जोर देकर कहा है, कि चीन को अपनी सख्त 'जीरो-कोविड' नीति पर कायम रहना चाहिए, जिसमें वायरस के संपर्क में आने के संदेह वाले किसी भी व्यक्ति के लिए लॉकडाउन, मास टेस्टिंग और क्वारंटाइन को अनिवार्य किया गया है। नीति का देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ना जारी है और कई चीनी शहरों में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने चीन से शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का सम्मान करने का आह्वान किया है। समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र ने चीन से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए लोगों को हिरासत में नहीं लेने का आग्रह किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में विरोध प्रदर्शन लगातार तीसरे दिन भी जारी है और प्रोटेस्ट कई अन्य शहरों में भी फैल चुका है। दबे कुचले लोगों के लिए बोलने का अधिकार का बात करने वाली वामपंथी पार्टियां जब सत्ता में आती है, तो फिर लोगों के हर अधिकार को कैसे कुचला जाता है, चीन के मॉडल को देखकर काफी आसानी से समझा जा सकता है।
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