चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तीन दिन में दूसरी बार दी भारत को ये धमकी
एक कार्यक्रम के दौरान चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि चीनी लोग शांति चाहते हैं। हम कभी भी आक्रमकता या विस्तार की शुरुआत नहीं करेंगे, लेकिन हम सभी हमलों का जवाब देने की शक्ति रखते हैं।
नई दिल्ली। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक बार फिर से कहा है कि वह अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास के हितों को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा। चीनी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन के बीच डोकलाम मुद्दे को लेकर जुबानी जंग तेज हैं।
राष्ट्रपति जिनपिंग ने फिर दिया बड़ा बयान
एक कार्यक्रम के दौरान चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि चीनी लोग शांति चाहते हैं। हम कभी भी आक्रमकता या विस्तार की शुरुआत नहीं करेंगे, लेकिन हम सभी हमलों का जवाब देने की शक्ति रखते हैं।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 90वीं स्थापना दिवस पर बोले चीनी राष्ट्रपति
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की 90वीं स्थापना दिवस के समारोह में पहुंचे राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि हम किसी भी व्यक्ति, संगठन या राजनीतिक दल को यह इजाजत नहीं देंगे कि वो देश के किसी भी हिस्से का विभाजन करें या फिर घुसपैठ की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि किसी को भी यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि चीन ऐसे नतीजों को स्वीकार कर लेगा जो उसकी संप्रभुता, सुरक्षा या विकास के आड़े आ रहा है।
चीनी लोग शांति चाहते हैं: जिनपिंग
दूसरी ओर दिल्ली में भी चीनी सेना की 90वीं वर्षगांठ के मौके पर हुए कार्यक्रम में भारत, भूटान और चीन के प्रतिनिधि मौजूद रहे। चीन और भारत के बीच चल रहे विवाद की गर्माहट इस कार्यक्रम में देखने को नहीं मिली। वहीं, पिछले हफ्ते उत्तराखंड में हुए ताजा चीनी घुसपैठ की रिपोर्ट का भी असर इस समारोह में नहीं दिखा। सूत्रों के मुताबिक दोनों ही देश सिक्किम बॉर्डर के मुद्दे पर राजनयिक समाधान खोजने के लिए बातचीत कर रहे हैं। नई दिल्ली में हुए समारोह में भारतीय प्रतिनिधित्व की मौजूदगी इस बात की पुष्टि करती है।
डोकलाम विवाद के बीच चीनी राष्ट्रपति की बड़ी टिप्पणी
चीन का कहना है कि जून में भारतीय सैनिकों ने सिक्किम की सीमा को पार करते हुए एक हिमालयन पठार पर चीनी सेना को सड़क बनाने से रोक दिया जबकि उनका यह इलाका डोंगल है। वहीं, भूटान का कहना है कि यह क्षेत्र उसका है और इसका नाम डोकलाम है। भूटान के करीबी सहयोगी होने के नाते भारत ने चीन की इस परियोजना को रोकने के लिए अपने सैनिकों को यहां तैनात कर दिया। ऐसे में चीन भारत पर चीनी जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप लगा रहा है।
चीन और भारत में जारी है जुबानी जंग
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने पुष्टि कि है कि पिछले मंगलवार को करीब 50 चीनी सैनिकों ने उत्तराखंड के बाराहाटी में घुसपैठ की और दो घंटे के बाद वे वापस लौट गए। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि दोनों ही देशों में ऐसे मामले कई बार हुए हैं और दोनों ही देशों के लिए एलएसी (लाइन ऑफ एक्च्युल कंट्रोल) को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं।
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