चीन-पाक के CPEC प्रोजेक्ट से पर्यावरण पर मंडराया खतरा, गिलगित-बाल्टिस्तान की 36 झीलें खतरनाक स्थिति पर
इस्लामाबाद। पाकिस्तान आधारित एक NGO ने सर्वे किया है, जिसमें चीन के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट CPEC को पर्यावरण के लिए खतरा बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक, गिलगित-बाल्टिस्तान की 36 झीलें खतरनाक स्थिति में हैं। वही, 7 झीले तो लोगों के लिए खतरा बताया जा रहा हैं। इस्लामाबाद के एक सेमिनार में कहा गया है कि CPEC प्रोजेक्ट से गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में क्लामेट चैंज पर जबरदस्त असर पड़ रहा है। पाकिस्तान और चीन के बीच बलूचिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट पर 60 बिलियन डॉलर खर्च होने वाले हैं, जो कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक महत्वकांक्षी योजना है।
खुर्दोपिन ग्लेशियर पर खतरा
डॉ. नजीर अहमद के मुताबिक, खुर्दोपिन ग्लेशियर अब पहाड़ी तक पहुंच गया है, जिसकी वजह से वहां एक छोटी सी झील बन गई है। यह झील फिलहाल जमी हुई है, लेकिन मार्च तक यहां का बर्फ पिघलना शुरू होगी, जिसका बहाव तेज होगा। उन्होंने कहा कि इससे आने वाले वक्त में कितना नुकसान होगा, इसका अनुमान नहीं लगा सकते लेकिन पानी का बहाव तेज होने से इसका असर जरूर पड़ेगा।
CPEC से लगातार पड़ रहा है पर्यावरण पर असर
गिलगित-बाल्टिस्तान डिसास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी भी इस सेमिनार में मौजूद थे, जिन्होंने इस क्षेत्र के आस-पास गांवो की सुरक्षा के लिए उपकरण की मांग करे रहे हैं जिससे डिजास्टर से बचाव किया जा सके। गिलगित-बाल्टिस्तान डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के एक अधिकारी मुजाही खान ने कहा, 'जिस प्रकार की चेतावनी जारी की जा रही है, अगर झील को खतरा होता है तो हम अंतरराष्ट्रीय स्तर की उपकरण स्थापित करेंगे, जिससे स्थानीय लोगों को भी अलर्ट किया जा सके।' जब से गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में CPEC प्रोजेक्ट शुरू हुआ है, तभी से पर्यावरण पर खतरनाक असर पड़ रहा है।
चीन के लिए महत्वपूर्ण है CPEC
चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के तहत ग्वादर पोर्ट भी बनकर तैयार हो रहा है, जो कि एक गेटवे के रूप में उभरेगा। यहीं से होकर शी जिनपिंग अपनी महत्वकांक्षी सिल्क रोड योजना का विस्तार करेंगे, जो एशिया यूरोप और अफ्रीका के 60 देशों को जोड़ेगा। इस जोन में 27 बिलियन डॉलर का प्रोजेक्ट का खत्म हो चुका है। ग्वादर पोर्ट प्रोजेक्ट के बारे में पाकिस्तान के पूर्व पीएम यूसुफ रजा गिलानी तो इसे पर्वतों से भी ऊंचा, महासागरों से भी गहरा, स्टील से भी मजबूत और शहद से भी ज्यादा मीठा बताया है।