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VIDEO: अंतरिक्ष में सभी देशों को चुनौती दे रहा चीन, बनाया खुद का स्टेशन, दो एस्ट्रोनॉट ने किया स्पेस वॉक

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नई दिल्ली, 4 जुलाई: पृथ्वी के साथ ही अंतरिक्ष में भी सभी देशों की प्रतिस्पर्धा जारी है। अमेरिका, रूस, जापान समेत कई देशों के सेंटर अंतरिक्ष में पहले से थे, जो अभी भी संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं, लेकिन चीन को अपना अलग स्टेशन चाहिए था। इसके लिए वो अप्रैल से ही एक मिशन चला रहा है। जिसमें अब चीनी वैज्ञानिकों को दो बड़ी कामयाबी मिली है। पहला तो उन्होंने अपना स्पेस स्टेशन स्थापित कर लिया, जबकि दूसरे में उसके दो एस्ट्रोनॉट्स ने पहली बार स्पेस वॉक किया। (वीडियो-नीचे)

कमांडर रहे अंदर

कमांडर रहे अंदर

दरअसल स्पेस स्टेशन के बाहर रोबोटिक आर्म लगाना था। इसके लिए दो एस्ट्रोनॉट्स स्टेशन से बाहर निकले और अंतरिक्ष में पहला वॉक किया, जबकि टीम के तीसरे सदस्य कमांडर निए हैशेंग अंदर से ही उन्हें मॉनिटर करते रहे। इस स्पेस वॉक को चीन के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। साथ ही वहां के सरकारी टेलीविजन ने इसका एक वीडियो भी जारी किया है। वीडियो में दोनों एस्ट्रोनॉट्स 15 मीटर लंबे रोबोटिक आर्म को लगाते नजर आ रहे हैं।

11 नए मिशन करेगा लॉन्च

11 नए मिशन करेगा लॉन्च

चीनी स्पेस एजेंसी के मुताबिक 29 अप्रैल को उन्होंने पहला मॉड्यूल लॉन्च किया था। इसके बाद दूसरा ऑटोमैटिक मॉड्यूल पहुंचा, जिसमें खाने पीने समेत अन्य जरूरत के सामान थे। इसके बाद आखिरी चरण में 17 जून को तीन चीनी एस्ट्रोनॉट वहां पर पहुंचे। अब रोबोटिक ऑर्म इंस्टाल होने के बाद स्टेशन में कई अन्य हिस्से जोड़े जा सकेंगे। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक चीनी अंतरिक्ष एजेंसी अगले साल के अंत तक 70 टन के स्टेशन में दो और मॉड्यूल जोड़ने के लिए कुल 11 मिशन लॉन्च की योजना बना रही है।

अंतरिक्ष में सभी को टक्कर देगा चीन?

अंतरिक्ष में सभी को टक्कर देगा चीन?

मौजूदा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जिसे ISS के नाम से जाना जाता है, उसमें अमेरिका, रूस, जापान, यूरोप और कनाडा के एस्ट्रोनोट साथ मिलकर काम करते हैं। ISS पृथ्वी की निचली कक्षा में मॉड्यूलर अंतरिक्ष केंद्र है। अब चीन ने अपना स्टेशन स्थपित कर लिया, जिसका पूरा स्वामित्व उसी का है। वैज्ञानिकों के मुताबिक हर उपकरण की चलने की एक समय सीमा होती है, इसी तरह से ISS की भी एक निश्चित अवधि है। भविष्य में जब वो काम करना बंद कर देगा, तो चीन का अंतरिक्ष स्टेशन अकेला बचेगा। ऐसे में सभी देश या तो वक्त रहते नए स्टेशन का इंतजाम करेंगे या फिर उन्हें चीन की शरण में जाना पड़ेगा।

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English summary
China new station in space, first walk of Two astronauts
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