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बेकाबू होकर धरती पर गिरे 21 हजार किलो के रॉकेट जैसा ही रॉकेट फिर से चीन ने छोड़ा, पता नहीं इस बार क्या होगा?

चीन ने अपने स्पेस स्टेशन के लिए सबसे महत्वपूर्ण मॉड्यूल की शुरूआत 29 अप्रैल को की थी। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी अगले साल के अंत तक 11 रॉकेट लॉन्चिंग की योजना पर काम कर रहा है।

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बीजिंग, मई 30: इसी महीने अंतरिक्ष से बेलगाम होकर धरती पर गिरने वाले 21 हजार टन वजनी रॉकेट की ही तरह का एक और रॉकेट चीन ने फिर से शनिवार को लॉन्च किया है। चीन के पिछले रॉकेट ने एक हफ्ते तक पूरी दुनिया को परेशान करके रखा था। और आशंका जताई गई थी ये ये रॉकेट धरती पर जहां भी गिरेगा, वहां तबाही मचा सकता है। विश्व के तमाम वैज्ञानिकों ने चीन के इस ऑउट ऑफ कंट्रोल हो चुके रॉकेट को लेकर चिंता जताई था। हालांकि, बाद में चीन का बेकाबू रॉकेट का मलबा हिंद महासागर में गिरा था। गनीमत रही की किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ और उस वक्त उस क्षेत्र से कोई विमान या जहाज नहीं गुजर रहा था। लेकिन, एक बार फिर से चीन ने ठीक वैसा ही रॉकेट फिर से लॉन्च कर दिया है और इस बार ये चीनी रॉकेट क्या करेगा, इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

बेकाबू हुआ था चीन का रॉकेट

बेकाबू हुआ था चीन का रॉकेट

चीन ने अपने स्पेस स्टेशन के लिए सबसे महत्वपूर्ण मॉड्यूल की शुरूआत 29 अप्रैल को की थी। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी अगले साल के अंत तक 11 रॉकेट लॉन्चिंग की योजना पर काम कर रहा है, जिसके तहत 70 टन तक केन्द्र तक 2 और मॉड्यूल को बनाया जाएगा। यानि, चीन ऐसा 11 रॉकेट और लॉन्च करने वाला है। साथ ही और दूसरे उपकरणों की सप्लाई करने के साथ साथ 3 सदस्य चालक दल को भी स्पेस स्टेशन पहुंचाएगा। आपको बता दें कि 29 अप्रैल को चीन ने जो रॉकेट छोड़ा था, वही बाद में अनियंत्रित हो गया था और धरती पर उसके गिरने को लेकर कोहराम मच गया था। बाद में चीन द्वारा भेजे गये उस रॉकेट का मलबा हिंद महासागर में गिरा था। जिसके बाद चीन की काफी आलोचना की गई थी। हालांकि, इस बार भी चीन द्वारा भेजे इस रॉकेट की क्या स्थिति होने वाली है, इसके बारे मे अभी कोई जानकारी नहीं है।

रूस ने बताया चीनी मिशन को खतरनाक

रूस ने बताया चीनी मिशन को खतरनाक

चीन के इस अंतरिक्ष मिशन को रूस ने खतरनाक बताया है। आपको बता दें कि नासा द्वारा स्थापित स्पेस स्टेशन में यूरोपीयन देश भी शामिल हैं। साथ ही अभी तक दुनिया के दूसरे देशों को भी अगर स्पेस स्टेशन की जरूरत होती है तो उसे नासा मदद करता है। लेकिन अब चीन भी स्पेश स्टेशन बना रहा है और अगले साल तक चीन का स्पेस स्टेशन पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। पहले इस प्रोजेक्ट में रूस भी शामिल था लेकिन बाद में रूस ने चीन के इस स्पेस मिशन को खतरनाक बताया था और खुद को इस स्पेस मिशन से अलग कर लिया था।

अमेरिका मानता है चीनी मिशन को संदिग्ध

अमेरिका मानता है चीनी मिशन को संदिग्ध

आपको बता दें कि इंटरनेशनल स्पेस एजेंसी का हिस्सा चीन नहीं है और इसकी बड़ी वजह अमेरिका की आपत्ति को माना जाता है। चीन के स्पेश मिशन को अमेरिका बेहद संदिग्ध मानता है। अमेरिका का मानना है कि चीन के स्पेस मिशन पारदर्शी नहीं होते हैं और चीन अपने स्पेस मिशन को लेकर क्या क्या करता है, ये किसी को पता नहीं होता है। जबकि हर स्पेस मिशन दुनिया के लिए पारदर्शी होना चाहिए। क्योंकि अगर कुछ गड़बड़ी होती है तो इसका असर किसी एक देश पर नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर होगी। लेकिन, चीन को इससे मतलब नहीं है। वहीं, चीन के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह स्पेस स्टेशन इसी साल से काम करना शुरू कर देगा और 15 सालों तक इस स्पेस स्टेशन से चीन काम ले सकेगा।

स्पेस स्टेशन बना रहा है चीन

स्पेस स्टेशन बना रहा है चीन

अभी तक अंतरिक्ष में एक ही स्पेस स्टेशन है, जिसका नाम इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन है, जिसे नासा ने तैयार किया है । और अब चीन भी अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन तैयार कर रहा है और उसी स्पेस स्टेशन के निर्माण के लिए चीन लगातार रॉकेट को अंतरिक्ष में छोड़ रहा है। इन रॉकेट्स के जरिए चीन अलग अलग सामान अंतरिक्ष पहुंचा रहा है। अगले साल तक चीन अपने अंतरिक्ष स्टेशन का काम पूरा करना चाहता है और रिपोर्ट है कि चीन अभी कई और रॉकेट अंतरिक्ष में छोड़ने वाला है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के इस स्टेशन का वजन करीब 100 टन यानि एक लाख किलो हो सकता है। वहीं, विश्व के कई वैज्ञानिकों ने इस बात की भी आशंका जताई है कि आने वाले वक्त में चीन अपने स्पेस स्टेशन में घातक हथियार भी ले जाएगा ताकि भविष्य में वो बाकी देशों को डरा धमका सके।

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English summary
A rocket similar to the rocket that fell in the Indian Ocean has been launched again by China for its space station.
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