तिब्बत में भारतीय सीमा के पास चीन ने शुरू की पहली बुलेट ट्रेन, अरूणाचल में भारत की बढ़ी टेंशन!
ग्लोबल टाइम्स ने भारत से विवाद की स्थिति में इस रेल लाइन को काफी ज्यादा महत्वपूर्ण कहा है।
नई दिल्ली, जून 25: रणनीतिक तौर पर बेहद अहम माने जाने वाले हिमालय के तिब्बत क्षेत्र में चीन ने पहली बुलेट ट्रेन चलाकर भारत पर रणनीतिक बढ़त हासिल करने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा गया है। तिब्बत की राजधानी ल्हासा से अरूणाचल प्रदेश की सीमा से सटे शह न्यिंगची के बीच में चीन ने बुलेट ट्रेन शुरू किया है। (फोटो क्रेडिट- पीपुल्स डेली)
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तिब्बत में बुलेट ट्रेन
चीन की सरकार मीडिया ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक सिचुआन-तिब्बत रेलवे के तहत इस परियोजना का विकास किया गया है और एक जुलाई को चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी की 100वीं वर्षगांठ से पहले इस बुलेट ट्रेन को शुरू कर दिया गया है। ये बुलेट ट्रेन ल्हासा से न्यिंगची स्टेशनों के बीच 435.5 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन शुक्रवार सुबह को खुली है और ये ल्हासा को न्यिंगची को जोड़ेगी और ये एक फक्सिंग बुलेट ट्रेन है, जिसका आधिकारिक तौर पर संचालन शुरू हो गया है।
चीन की रेलवे ने क्या कहा
चीन की नेशनल रेलवे कॉरपोरेशन यानि सीएनआरजी ने कहा कि बुलेट ट्रेन का संचालन शुरू होना और यातायात का खोलना, तिब्बत और चीन के अन्य प्रांतों और क्षेत्रों के बीच संपर्क और आदान-प्रदान को मजबूत करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और जातीय एकता को बनाए रखने, सीमा क्षेत्रों में स्थिरता को मजबूत करने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देने के लिए ये एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
पठारों से गुजरेगी बुलेट ट्रेन
चीन द्वारा तिब्बत में शुरू की गई ये बुलेट ट्रेन किंघई-तिबब्त पठार के दक्षिण-पूर्व से होकर गुजरेगी, जिसे दुनिया के सबसे भूगर्भीय रूप से बेहद सक्रिय क्षेत्रों में से एक होने का दर्जा हासिल है। किंघई-तिब्बत के बाद सिचुआन-तिब्बत रेलवे तिब्बत का दूसरा रेलवे परियोजना है। पिछले साल ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिग ने अधिकारियों को ऑर्डर देते हुए कहा था कि सिचुआन प्रांत और तिब्बत के न्यिंगची को जोड़ने वाली रेलवे प्रोजेक्ट का काम काफी तेजी से शुरू किया जाए। चीनी राष्ट्रपति ने इस रेल परियोजना को चीन की सीमा क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम बताया था।
चीन की इस बुलेट ट्रेन की खासियत
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सिचुआन-तिब्बत रेल मार्ग सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदू से शुरू होकर तिब्बत में दाखिल होगा और तिब्बत से होते हुए ये रेलमार्ग चमदो तक जाएगा। इस बुलेट ट्रेन के शुरू होने के बाद अब चेंकदू से ल्हासा तक की दूरी जो पहले 48 घंटे में तय की जाती थी, उसे अब सिर्फ 13 घंटे में पूरा कर लिया जाएगा। आपको बता दें कि न्यिंगची, मेडोग प्रांत में स्थित एक शहर है, जो भारत के अरूणाचल प्रदेश राज्य की सीमा से सटा हुआ है।
अरूणाचल प्रदेश पर चीन की नजर
पहले चीन ने भारत के अभिन्न हिस्से अरूणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताया था, जिसे भारत की तरफ से सिरे से खारिज कर दिया गया था। आपको बता दें कि भारत-चीन सीमा विवाद में 3 हजार 488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल शामिल है, जिसे हम आम भाषा में एलएसी कहते हैं। चीन के शिंहुआ यूनिवर्सिटी के नेशनल स्ट्रेटजी इंस्टीट्यूट के रिसर्च विभाग के निदेशक कियान फेंक ने ग्लोबल टाइम्स से कहा है कि 'भारत-चीन सीमा पर अगर कोई विवाद जैसी स्थिति उत्पन्न होती है या कोई संकट का वातावरण बनता है, तो इस रेलवे के जरिए चीन को रणनीतिक सामग्री पहुंचाने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी।' ऐसे में देखा जाए तो रणनीतिक तौर पर अरूणाचल प्रदेश से लगती सीमा पर तिब्बत के पास भारत के लिए चुनौती बढ़ गई है।
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