तो इसलिए भारत नहीं हो सकता है साउथ चाइना सी से दूर!
वाशिंगटन। साउथ चाइना सी शायद अब एक ऐसा विषय बन गया है जो अक्सर नए विवादों में रहता है। साउथ चाइना सी अमेरिका और चीन के बीच विवाद की एक बड़ी वजह है। जुलाई में अमेरिका ने चीन को सलाह दी थी कि वह भारत से मैरीटाइम डेस्प्यूट्स को कैसे संभाला जाता है। वहीं चीन हमेशा भारत को इससे दूर रहने को कहता है।
पढ़ें-साउथ
चाइना
सी
पर
इंटरनेशनल
कोर्ट
ने
चीन
का
दावा
किया
खारिज
अमेरिका ने क्यों दी थी चीन को सलाह
पिछले माह इंटरनेशनल कोर्ट ने इस विवादित द्विप पर चीन का अधिकार मानने से इंकार कर दिया था। लेकिन चीन ने कोर्ट के आदेश को मानने से साफ इंकार कर दिया था। केस फिलीपींस की ओर से दायर किया गया था और अमेरिका ने चीन के फैसले को इंकार करने के बाद उसे सलाह दी थी।
पढ़ें- भारत की वजह से अमेरिका और चीन में फिर से तनाव की स्थिति
अमेरिका के आड़े आता चीन
अमेरिका हमेशा से ही साउथ चाइना सी में एक सक्रिय भूमिका अदा करना चाहता है। चीन हमेशा उसके आड़े आ जाता है। हाल के कुछ दिनों में चीन, अमेरिका और जापान की मिलिट्रीज इस हिस्से में काफी सक्रिय हो चुकी हैं। जहां अमेरिका और चीन के बीच इसे एक लेकर बड़ी लड़ाई है तो वहीं जापान और भारत की भी भूमिका को खारिज नहीं किया जा सकता है।
पढ़ें-अमेरिका, जापान और भारत की जासूसी करता चीन कैसे
भारत होगा अमेरिका का मददगार
विशेषज्ञों के मुताबिक साउथ चाइना सी पर इस समय अगर अमेरिका को किसी का समर्थन मिल सकता है तो वह भारत है। भारत भी साउथ चाइना सी पर अपने हितों बात करने से नहीं रुक सकता है।
हाल ही में चीन ने अफ्रीकी देश दिजीबोउती पर एक मिलिट्री बेस स्थापित किया है। यह देश लाल सागर और हिंद महासागर से घिरा है।
पढ़ें-पाक के लिए चीन, भारत के लिए अमेरिका, एशिया में नए समीकरण
भारत के जरिए अमेरिका को चुनौती
चीन की सबमरींस अब दिजीबोउती मिलिट्री बेस के जरिए हिंद महासागर में गश्त करने लगी हैं। भारत अपने रणनीतिक हितों को किसी कीमत पर कुर्बान नहीं करेगा।
विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी की मानें तो न तो चीन, भारत को इस मामले में दखल देने से रोक सकता है और न ही कभी अमेरिका उसे ऐसा करने देगा। ऐसे में अगर चीन भारत को इस मुद्दे से दूर रहने को कहता है तो वह कहीं न कहीं अमेरिका को भी चुनौती देता है।