चीन अभी भी कोरोना वायरस की महत्वपूर्ण जानकारी छिपा रहा है: अमेरिकी विदेश मंत्री
वॉशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कोरोना वायरस प्रकोप के लिए चीन के खिलाफ आलोचना को तेज करते हुए मंगलवार को कहा है कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी अभी भी घातक कोरोना वायरस के बारे में दुनिया से जानकारी साझा करने से इनकार कर रही है जबकि संक्रमण को रोकने के लिए संबंधित जानकारी बेहद अहम है।
एक इंटरव्यू में दिए बयान में विदेश मंत्री माइक पोम्पेओ ने अपने पिछले आरोपों को दोहराते हुए कहा कि चीन ने कोरोना वायरस के बारे में जानकारी साझा करने में देरी ने दुनिया भर में लाखों लोगों की जान को जोखिम में पैदा दिया और वैश्किक प्रकोप में तब्दील हो चुके कोरोना वायरस से अब तक हजारों लोगों की जान जोखिम में आ चुकी है।
हेल्थकेयर में इटली नंबर 2, भारत टॉप 100 में भी नहीं? कोरोना से सुरक्षा है भारत का एकमात्र हथियार!
बकौल पोम्पेओ, "मेरी चिंता यह है कि कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी को लगातार चीन द्वारा छुपाया जा रहा है। वैश्विक आपदा बन चुकी कोरोना वायरस की जानकारी छुपाने में अभी भी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी लगी हुई है जबकि दुनिया को उक्त महत्वपूर्ण जानकारी की बेहद जरूरत है ताकि कोरोना वायरस के आगे के मामलों पर रोकथाम लगाई जा सकें या भविष्य में ऐसा कुछ फिर से होने से रोका जा सकें।"
पोम्पेओ ने ईरान और रूस पर भी कोरोना वायरस के बारे में विघटनकारी अभियान चलाने का भी आरोप लगाते हुए कहा कि रूस और ईरान के साथ ही चीन साथ-साथ यह अभियान चला रहे हैं। पोम्पेओ ने जोड़ते हुए कहा कि वो अमेरिकी सेना से कोरोना वायरस के दुनिया में आने के बारे में बात कर रहे हैं और कह रहे हैं कि शायद यह इटली में शुरू हुआ है, लेकिन उनकी यह सारी कवायद सिर्फ जिम्मेदारी से भागने जैसा है।
एक छोटी गलती और कोरोना वायरस की सबसे बड़ी शिकार बन गई इटली, क्या थी वह गलती?
दिलचस्प यह है कि अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पेओ ने बयान में चीन की कड़ी आलोचना के बावजूद भी कोरोना वायरस को "चीनी वायरस" या "वुहान वायरस" कहने से परहेज किया, जो कि चीन को नाराज़ करने वाले थे, जिसका पहले उन्होंने बार-बार उपयोग किया था।
पोम्पेओ ने आगे कहा, "समय आ गया है कि भेदभाव खत्म किए जाए, क्योंकि दुनिया के लिए अभी यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है कि तब वास्तव में क्या हो रहा था और जब चीन में कोरोना वायरस फैला। पोम्पेओ ने कहा कि यह एक वैश्विक संकट है और आज हर देश को पारदर्शी होने की जरूरत है। इसलिए जो वास्तव में हुआ है, उसे साझा किया जाना चाहिए ताकि वैश्विक समुदाय, ग्लोबल हेल्थ केयर और संक्रामक रोग समुदाय संकट निवारण पर काम शुरू कर सकें।
हालांकि अंत में चीन और कम्युनिस्ट पार्टी के लगातार आलोचक रहे अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पेओ ने यह जरूर कहा कि कोरोना संकट के बीच लिए गए बेहद महत्वपूर्ण फैसले ही भविष्य के अमेरिका और चीन संबंधों की नींव के आधार बनेंगे।
उल्लेखनीय है अमेरिका में कोरोना वायरस से अब तक 54963 लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि संक्रमित 784 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में एक दिन में ही करीब 10,000 नए मामले सामने आए हैं। कोरोना संक्रमण से न्यूयॉर्क में 53 लोगों की मौत हो गई। मंगलवार को अमेरिका में 5,000 नए मामले सामने आए। न्यूयॉर्क में अभी तक 25,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और वहां 210 लोगों की मौत हो चुकी है।
यह भी पढ़ें-पूरी दुनिया के लिए काल बनी चुकी है कोरोना और चीन में पटरी पर लौट रही है जिंदगी!