चीन ने फिर दी धमकी, ज्यादा समय तक डोकलाम में इंतजार नहीं करेगी उसकी सेना
बीजिंग। डोकलाम में एक महीने से जारी तनाव के बाद चीन ने बीजिंग में मौजूद सभी विदेशी राजनयिकों को यह बात बता दी है कि उसकी सेना डोकलाम में धैर्यपूर्वक इंतजार कर रही हैं। चीन, भूटान में आने वाले और भारत के साथ सटी सीमा वाले इस क्षेत्र पर अपना दावा करता है। साथ ही चीन ने यह भी कह दिया है कि उसकी सेना अनिश्चित समय के लिए इंतजार नहीं करेंगी।
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चीन ने दी दुनिया को जानकारी
चीन की ओर से दिए गए इस संदेश ने बीजिंग में राजनयिकों को चिंता में डाल दिया है। कुछ राजनयिकों ने चीन की ओर से आए इस संदेश को दिल्ली में मौजूद अपने भारतीय और भूटानी समकक्षों को बता दिया है। आपको बता दें कि पिछले माह भारतीय सेना ने डोकलाम में चीनी सेना की ओर से जारी सड़क निर्माण के कार्य को रोक दिया था और उसके बाद से ही चीन और भारत की सेनाएं आमने-सामने हैं। चीन, भारत पर जोर डाल रहा है कि वह पीछे हट जाए। इंग्लिश डेली इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक चीनी अधिकारियों की पिछले हफ्ते एक सीक्रेट मीटिंग हुई है और इसी मीटिंग में बीजिंग में मौजूद राजनयिकों को यह संदेश दिया गया है। जी-20 समूह के कुछ देशों को भी इस बारे में बताया गया है। चीन की सरकार ने इन देशों को अलग से इस बारे में जानकारी दी थी।
चीन ने कहा डोकलाम उसका हिस्सा
यूनाइटेड नेशंस में पी-5 देशों के समूह में शामिल एक देश के राजनयिक की ओर से बताया गया है कि बीजिंग में उनके सहकर्मियों ने इस मीटिंग में शिरकत की। इन्हें इस मीटिंग में इस तरफ इशारा कर दिया गया था कि सेनाएं बहुत ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करेंगी। इस राजनयिक की मानें तो यह काफी परेशान करने वाली बात है। इस बारे में भारतीय अधिकारियों को इत्तिला दे दी गई है। साथ ही भूटान के अधिकारियों को भी इस बारे में जानकारी दी गई है। इस राजनयिक की मानें तो बीजिंग में राजनयिकों को कहा गया है कि विवाद चीन और भूटान के बीच है और भारत ने इसमें हस्तक्षेप किया है। चीन ने इन्हें कहा है कि भारतीय पक्ष ने चीनी सीमा में दखल दिया और यथास्थिति को बदल दिया। चीन की ओर से किया गया यह दावा भारतीय दावे से एकदम अलग है। 20 जून को भारत की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि हाल ही में चीन ने जो कदम उठाए हैं वह काफी चिंताजनक और चीन की सरकार को इससे अवगत करा दिया गया है। चीन ने राजनयिकों से कहा है कि उसके पास इस बात के कड़े सुबूत हैं कि डोकलाम, चीन का ही हिस्सा है।