यूएन में तीसरी बार चीन बना रोड़ा, पाकिस्तानी आतंकी साजिद मीर को काली सूची में डालने से रोका
इसी साल जून में, मीर को पाकिस्तान में एक आतंकवाद-रोधी अदालत द्वारा आतंक-वित्तपोषण मामले में 15 साल से अधिक की जेल हुई थी।
संयुक्त राष्ट्र, 17 सितंबर : ऐसा लगता है कि चीन पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को बचाने की आड़ में भारत के शांति प्रयासों को विफल करना चाहता है। खबर के मुताबिक,बीजिंग ने एक बार फिर से पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को काली सूची में डालने के अमेरिका और भारत के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर रोक दिया है। बता दें कि, चार महीनों में 'ड्रैगन' देश ने तीसरी बार ऐसा कदम उठाया है। आतंकी साजिद मीर भारत के वांछित आतंकवादियों में से एक है और 2008 के मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता (conspirators) है।
चीन ने मीर को काली सूची में डालने के प्रस्ताव पर रोक लगाई
खबर के मुताबिक, बीजिंग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकवादी के तौर पर मीर को काली सूची में डालने के अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगा दी। भारत ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। इसके तहत आतंकवादी साजिद मीर की संपत्तियों को कुर्क करने और उस पर यात्रा तथा शस्त्र प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के साजिद मीर भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी है और अमेरिका ने 2008 में हुए 26/11 मुंबई हमलों में उसकी भूमिका के लिए उस पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा है।
पाकिस्तान ने कहा था मीर की मौत हो गई
इसी साल जून में, मीर को पाकिस्तान में एक आतंकवाद-रोधी अदालत द्वारा आतंक-वित्तपोषण मामले में 15 साल से अधिक की जेल हुई थी। पाकिस्तानी अथॉरिटी ने पहले दावा किया था कि आतंकी साजिद मीर की मौत हो गई है लेकिन पश्चिमी देश को पाकिस्तान पर भरोसा नहीं हुआ और उन्होंने उसकी मौत का सबूत मांगा था। पिछले साल पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के आतंकवादियों पर कार्रवाई पर पाकिस्तान की प्रगति में यह एक बहुत बड़ा मसला बन गया था। मीर पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का बड़ा आतंकी है। नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों की साजिश रचने को लेकर उसे मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल किया गया है।
लश्कर का संचालक था मीर
अमेरिका के मुताबिक, मीर लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियों का संचालक था और उसने साजिश की तैयारी और हमले में अहम भूमिका निभाई। पिछले महीने चीन ने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के भाई और पाकिस्तान के एक आतंकी संगठन में शामिल अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के अमेरिका तथा भारत के एक प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में रोक दिया था। अब्दुल रऊफ अजहर का जन्म पाकिस्तान में 1974 में हुआ और अमेरिका ने दिसंबर 2010 में उसे प्रतिबंधित किया था। पाकिस्तान का सहयोगी चीन संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति के तहत पाकिस्तानी आतंकवादियों को काली सूची में डालने की राह में परेशानी खड़े करता रहा है।वहीं, चीन ने इस साल जून में पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को काली सूची में डालने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को भी अवरुद्ध कर दिया था। बता दें कि, अमेरिका ने मक्की को आतंकवादी सूची में डाल रखा है। मक्की हाफिज सईद का रिश्तेदार बताया जाता है।
लश्कर का टॉप आतंकी है मीर
अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा कि मीर लगभग 2001 से लश्कर का टॉप सदस्य है। वह 2006 से 2011 तक लश्कर की विदेशी गतिविधियों का प्रभारी रहा और उसने समूह के इशारे पर कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया। इसके अलावा आतंकी मीर ने 2008 और 2009 के बीच डेनमार्क में एक अखबार तथा उसके कर्मचारियों के खिलाफ आतंकवादी हमले की कथित तौर पर साजिश रची थी। मुंबई हमलों में भूमिका के लिए मीर पर अप्रैल 2011 में अमेरिका में मुकदमा चलाया गया। अमेरिका के वित्त विभाग ने अगस्त 2012 में मीर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डाल दिया था। विदेश विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक,खूंखार आतंकी मीर एफबीआई (FBI) की Most Wanted आतंकवादियों की सूची में शामिल है। जानकारी के अनुसार वह पाकिस्तान में रहता है।