चीन ने पाकिस्तान नेवी को सौंपा सबसे बड़ा और अत्याधुनिक स्टील्थ वॉरशिप, भारत की बढ़ेगीं मुश्किलें?
चीन ने पाकिस्तान को सबसे बड़ा स्टील्थ युद्धपोत सौंप दिया है, जिसके बाद पाकिस्तान नेवी की क्षमता काफी बढ़ जाएगी, वहीं अरब सागर में भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
बीजिंग/इस्लामाबाद, नवंबर 09: चीन और पाकिस्तान भारत को घेरने के लिए हर वक्त चाल चलते रहते हैं और अब चीन ने सोमवार को सबसे बड़ा और सबसे उन्नत युद्धपोत, जो स्टील्थ टेक्नोलॉजी के साथ बना हुआ है, उसे पाकिस्तान को सौंप दिया है। जिसके बाद विश्व की सबसे कमजोर मानी जाने वाली पाकिस्तान नेवी को बहुत बड़ा बुस्चअप डोज मिला है और इस्लामाबाद को अब भारत से 'मुकाबला' करने में मदद मिलेगी। चीन ने पाकिस्तान नेवी को ये वॉरशिप भारत के खिलाफ ही सौंपी है।
पाकिस्तान को मिला स्टील्थ युद्धपोत
चीन की सरकारी मीडिया ने सोमवार को दावा किया है कि, चीन की सरकार की तरफ से पाकिस्तान को अत्याधुनिक स्टील्थ युद्धपोत सौंप दिया गया है। ये युद्धपोत टाइप-054 स्टील्थ वॉरशिप है, जिसके अंदर आसानी से रडार को चकमा देने की क्षमता मौजूद है। इसके साथ ही चीन की तरफ से दावा किया गया है कि, ये समझौता चीन-पाकिस्तान के "सभी मौसम में रणनीतिक सहकारी साझेदारी" पर प्रकाश डालता है। पाकिस्तान ने इस युद्धपोत का नाम 'पीएनएस तुगरिल' रखा है और चीन की सरकारी टैब्लॉइड ग्लोबल टाइम्स ने बताया है कि "...जहाज तकनीकी रूप से उन्नत और अत्यधिक सक्षम प्लेटफॉर्म है, जो पानी में लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम है। इसके साथ ही ये युद्धपोत सतह से हवा में और सतह से पानी के भीतर भी मार करने में सक्षम है। इसके अलावा इस युद्धपोत में निगरानी क्षमता भी मौजूद है'।
चीन में बनाया गया है विशालकाय युद्धपोत
चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (CSSC) द्वारा डिजाइन और निर्मित फ्रिगेट को शंघाई में एक कमीशनिंग समारोह में पाकिस्तानी नौसेना को दिया गया है। चीन की सेना पीएलए नेवल रिसर्च एकेडमी के एक वरिष्ठ शोधार्थी झांग जुंशे ने बताया वे ग्लोबल टाइम्स को बताया कि, ये स्टीस्थ युद्धपोत पिछले चीनी युद्धपोतों की तुलना में नए जहाज में बेहतर वायु रक्षा क्षमता है, क्योंकि यह एक बेहतर रडार प्रणाली और लंबी दूरी की मिसाइलों की क्षमता से लैस है। झांग ने दावा किया कि, ये युद्धपोत टाइप-054ए आधारित चीन का सबसे बड़ा उन्नत युद्धपोत है और इसमें विश्वस्तरीय स्टील्थ क्षमता के साथ बनाया गया है। CSSC ने कहा कि, ''जहाज का पूरा होना और उसकी डिलीवरी चीन-पाकिस्तान दोस्ती की एक और बड़ी उपलब्धि है, और इससे दोनों देशों के बीच की दोस्ती और मजबूत होती है।''
पाकिस्तान के लिए उपलब्धि
झांग ने दावा किया कि, ये युद्धपोत टाइप-054ए आधारित चीन का सबसे बड़ा उन्नत युद्धपोत है और इसमें विश्वस्तरीय स्टील्थ क्षमता के साथ बनाया गया है। CSSC ने कहा कि, ''जहाज का पूरा होना और उसकी डिलीवरी चीन-पाकिस्तान दोस्ती की एक और बड़ी उपलब्धि है, और इससे दोनों देशों के बीच की दोस्ती और मजबूत होती है।''
पाकिस्तान की नेवी होगी मजबूत
इस साल की शुरुआत में चीन की सरकारी मीडिया से बात करते हुए पाकिस्तान के नौसेना प्रमुख एडमिरल एम अमजद खान नियाजी ने चीन से युद्धपोत की खरीदने का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि, "... F-22P फ्रिगेट, फास्ट अटैक क्राफ्ट (मिसाइल), हेलीकॉप्टर और अत्याधुनिक सर्वेक्षण जहाज की खरीद के साथ दोनों देशों के बीच नौसेना सहयोग को मजबूत किया गया है। पाकिस्तान की नौसेना ने आठ हैंगर-श्रेणी की पनडुब्बियों, चार प्रकार के 054A/P जहाजों (जिनमें से एक सोमवार को वितरित किया गया है) और चीन से मध्यम-ऊंचाई वाले लंबे-मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहनों के निर्माण का करार किया है''।
युद्धपोत पर चीन के दावे
चीनी कंपनी सीएसएससी ने कहा कि, "फ्रिगेट की डिलीवरी चीनी जहाजों के उत्पादों के प्रभाव को बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में एक मील का पत्थर के रूप में भी काम करती है।" आपको बता दें कि, चीन और पाकिस्तान ने अपने संयुक्त रूप से विकसित जेएफ-17 लड़ाकू जेट को भी अपग्रेड किया है, जिसका खुलासा पिछले साल हुआ है। चीन-पाकिस्तान सह-विकसित लड़ाकू जेट के मुख्य डिजाइनर यांग वेई ने 2020 में चीन की सरकारी मीडिया से कहा था कि, "जेएफ -17 ब्लॉक 3 का विकास और उत्पादन चल रहा है।" ऐसी रिपोर्ट है कि, भारतीय राफेल का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान जेएफ-17 के उन्नत वर्जन का निर्माण काफी तेजी के साथ कर रहा है और अगले साल जेएफ-17 का उन्नत वर्जन पाकिस्तान की वायुसेना में शामिल हो जाएगा।
काफी धुंआ छोड़ता है ये युद्धपोत
हालांकि, अपनी स्वभाव के मुताबिक चीन की तरफ से इस युद्धपोत को लेकर काफी दावे किए गये हैं और कहा गया है कि, ये युद्धपोत आसानी से रडार को चकम दे सकता है, लेकिन पिछले साल अगस्त में डील के तहत पहली बार ये युद्धपोत तैयार हुआ था और परीक्षण के दौरान पता चला था कि, ये जहाज इतना ज्यादा धुंआ छोड़ता है, कि ये रडार तो दूर की बात है, मीलों तक समुद्र में नंगी आंखों से देखा जा सकता था। जिसके बाद चीनी कंपनी ने फिर से युद्धपोत में सुधार की बात कही थी और इस बार अभी तक पता नहीं चल पाया है कि, युद्धपोत अभी भी उतना धुंआ छोड़ता है या नहीं? इससे पहले कई चीनी हथियारों के पाकिस्तान में खराब होने की खबर आ चुकी है, लिहाजा इस युद्धपोत को लेकर चीन ने जितने दावे किए हैं, उसपर एक्सपर्ट्स को संदेह है।
युद्धपोत की क्या है क्षमता
चीन और पाकिस्तान की तरफ से दावा किया गया है कि, इस युद्धपोत में अत्याधुनिक सेंसर लगाए गये हैं और इस युद्धपोत को निगरानी क्षमताओं से लैस किया गया है। वहीं, इस युद्धपोत में अत्याधुनिक युद्ध मैनजमेंट सिस्टम भी लगे होने का दावा किया गया है और कहा गया है कि, इस युद्धपोत से पाकिस्तान की नेवी की लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
7 अरब डॉलर की डील
चीन और पाकिस्तान के बीच इस युद्धपोत को खरीदने के लिए 7 अरब डॉलर की डील की गई है और इस डील को लेकर चीन और पाकिस्तान अपनी दोस्ती को और मजबूत बनाने का दावा करते आए हैं। इसके साथ ही चीन और पाकिस्तान चायना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर से भी जुड़े हुए हैं, जिसका काम पिछले कुछ सालों से रूका हुआ है और चीन ने पाकिस्तान से ब्याज वसूलना शुरू कर दिया है, लेकिन चीन ने दावा किया है कि, इस युद्धपोत के मिलने के बाद पाकिस्तान की नौसेना काफी ज्यादा घातक हो जाएगी और अगर चीन के दावे में वाकई दम है, तो ये भारत के लिए चिंता की बात होगी।
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