युद्ध के मैदान में आमने-सामने आए चीन-ताइवान, एक दूसरे को खदेड़ रहे दर्जनों वॉरशिप्स, होगी जंग?
अमेरिका ने कहा है कि, चीन का ये युद्धाभ्यास उत्तेजक है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि, "ये गतिविधियां यथास्थिति को बदलने के चीन के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण वृद्धि हैं।
ताइपे, अगस्त 07: अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है और ड्रैगन लगातार फुफकार रहा है। वहीं, पिछले चार दिनों से चीन भीषण युद्धाभ्यास कर रहा है और समुद्र में मिसाइलें दाह रहा है, लेकिन अब ताइवान भी चीन के सामने तनकर खड़ा हो गया है और रिपोर्ट के मुताबिक, चीन और ताइवान की युद्धपोतें ,समु्द्र में आनने-सामने खड़ी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन को करारा जवाब देने लिए ताइवान ने भी अपने युद्धपोतों को समुद्र में उतार दिया है। ऐसे में आशंका बन रही है, कि कहीं चीन अब ताइवान पर हमला ना कर दे।
अमेरिका से संचार लिंक काटा
पिछले हफ्ते नैन्सी पेलोसी की स्व-शासित द्वीप ताइवान की यात्रा ने चीन को भारी नाराज कर दिया है और चीन ने पहली बार ताइवान के ऊपर से बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं और पहली बार चीन ने बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण लॉन्च ताइवान के ऊपर से किया है और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संचार लिंक को काट दिया है। मामले की जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, चीन और ताइवान, दोनों ने अपने अपने 10-10 युद्धपोतों को ताइवान जलडमरूमध्य में करीब क्वार्टर में रवाना कर दिए हैं। वहीं, चीनी जहाजों ने मध्य रेखा को पार कर लिया है, जहां दोनों पक्षों को अलग करने वाला एक अनौपचारिक बफर जोन है। रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही चीन की सेना ने उस लाइन को पार किया, जैसा की उसने शनिवार को किया था, ताइवान ने कहा कि, वो इसकी करीब से निगरानी कर रहा है और उस लाइन को पार करने से चीन की क्षमता को वंचित कर दिया गया है।
समुद्र में चूहे-बिल्ली का खेल
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों पक्ष अभी तक संयम दिखा रहे हैं, लेकिन इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, संबंधित व्यक्ति ने बताया कि, उच्च समुद्र में दोनों पक्ष चूहे-बिल्ली का खेल खेल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जब एक पक्ष दूसरे को पार करने की कोशिश करता है, तो दूसरा रास्ते में खड़ा हो जाता है और उन्हें परेशान करने वाले पॉजीशन की तरफ लेकर जाता है और फिर दूसरा पक्ष वापस आ जाता है। ताइवान ने कहा है कि, उसकी तट-आधारित जहाज-रोधी मिसाइलें और उसकी पैट्रियट मिसाइल, जो सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं, उन्हें उसने स्टैंड-बाय पर रखा हुआ हैं। जबकि, ताइवान को घेरते हुए करीब 6 से 7 जगहों पर चीन की सेना लगातार युद्धाभ्यास कर रही है। चीन की सेना ने शनिवार को कहा कि वह ताइवान के उत्तर, दक्षिण-पश्चिम और पूर्व में समुद्री और हवाई संयुक्त अभ्यास कर रही है, जिसमें जमीन पर स्ट्राइक करने और समुद्री-हमला क्षमताओं का परीक्षण किया जा रहा है।
अमेरिका ने बताया उत्तेजक गतिविधियां
वहीं, अमेरिका ने कहा है कि, चीन का ये युद्धाभ्यास उत्तेजक है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि, "ये गतिविधियां यथास्थिति को बदलने के चीन के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण वृद्धि हैं। वे उत्तेजक, गैर-जिम्मेदार हैं और गलत अनुमान लगाने का जोखिम उठाते हैं'। व्हाइट हाउस ने कहा कि, "वे ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनाए रखने के हमारे लंबे समय से चले आ रहे लक्ष्य से भी असहमत हैं, जिसकी दुनिया को उम्मीद है।"
शांति को गंभीर खतरा
चीन ने पेलोसी की यात्रा के प्रति प्रतिक्रिया के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ विभिन्न चैनलों के माध्यम से कम्युनिकेशन रोक दिया है, जिसमें सैन्य थिएटर कमांड और जलवायु परिवर्तन पर भी शामिल है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन पर "गैर-जिम्मेदार" कदम उठाने और बल प्रयोग की दिशा में शांतिपूर्ण समाधान को प्राथमिकता देने से दूर जाने का आरोप लगाया है। वहीं, ताइवान की सेना ने शनिवार को कहा कि, अभ्यास में भाग लेने वाले चीनी जहाज और विमान उस द्वीप पर एक नकली हमला कर रहे हैं, जिसे चीन अपना क्षेत्र होने का दावा करता है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बाद में कहा कि, हमने उनके 20 फाइटर जेट्स और 14 जहाजों को अपने क्षेत्र से खदेड़ दिया है, जो मध्य रेखा को पार कर गए थे। इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय ने ताइवान जलडमरूमध्य के आसपास गतिविधि करने वाले 14 चीनी जहाजों का भी पता लगाया है। मंत्रालय ने एक तस्वीर जारी की है, जिसमें ताइवानी नाविकों को पास के एक चीनी पोत को करीब से देखते हुए दिखाया गया है। ताइवान की सेना ने शुक्रवार को किनमेन द्वीपों पर उड़ने वाले ड्रोन और उसके मात्सु द्वीपों के ऊपर से उड़ने वाले अज्ञात विमानों को चेतावनी देने के लिए आग लगा दी। दोनों द्वीप समूह चीन के तट के करीब हैं। मंत्रालय ने कहा, "चीन के सैन्य अभ्यास ने क्षेत्र में मौजूदा स्थिति को एकतरफा बदल दिया है और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है।"
ताइवान को लेकर क्या है विवाद?
आपको बता दें कि, ताइवान 1949 से स्व-शासित रहा है, जब माओत्से तुंग के कम्युनिस्टों ने एक गृहयुद्ध में च्यांग काई-शेक के कुओमिन्तांग पार्टी, जिसे नेशनल पार्टी भी कहा जाता है, उसे हरा दिया था और च्यांग काई-शेक, जो चीन में लोकतंत्र की स्थापना करना चाहते थे, वो देश छोड़कर ताइवान द्वीप पर चले गये और नई सरकार की स्थापना की है। लेकिन, चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है औऱ चीन का कहना है कि ताइवान के साथ उसके संबंध एक आंतरिक मामला है और यदि आवश्यक हुआ, तो वह बल द्वारा द्वीप को अपने नियंत्रण में लाने का अधिकार सुरक्षित रखता है। ताइवान ने चीन के दावों को खारिज करते हुए कहा कि केवल ताइवान के लोग ही अपना भविष्य तय कर सकते हैं।
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