बाढ़ से बह गई पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा, दो रोटी के लिए तड़प सकता है ये 'दुश्मन देश'
पाकिस्तान समाचार एजेंसी के राज्य द्वारा संचालित एसोसिएटेड प्रेस ने इकबाल के हवाले से कहा कि, पाकिस्तान को संकट की वजह से सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि के आंकड़े में दो प्रतिशत की कटौती की उम्मीद है।
इस्लामाबाद, सितंबर 10: भारत से अलग होने के साथ ही खतरनाक कट्टरपंथ के रास्ते पर कदम बढ़ा देने वाले पाकिस्तान की हालत आज की तारीख में भिखमंगे जैसे हो गई है। अली जिन्ना ने यह कहकर भारत दो टुकड़े कर दिए थे, हिन्दुओं के साथ मुसलमान नहीं रह सकते हैं, लेकिन पाकिस्तान के मुसलामान आज जिस दुर्गति में हैं, जिस फटेहाल और जिस कंगलेपन की स्थिति में हैं, उसपर सिर्फ दया ही किया जा सकता है। रही सही कसर कुदरत के कहर ने पूरा कर दिया है और भीषण बाढ़ की वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा खत्म हो जाएगा, जिसके बाद पाकिस्तान में चारों तरफ सिर्फ बेकारी, भूखमरी और लाचारी की स्थिति होगी।
बाढ़ से जीडीपी को भारी नुकसान
पाकिस्तान में विनाशकारी मानसूनी बारिश और बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है और यूक्रेन युद्ध के बाद पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है। शनिवार को पाकिस्तान सरकार की रिपोर्ट के मुताबितक, बाढ़, यूक्रेन युद्ध और अन्य कारकों की वजह ले पाकिस्तान को वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिए अपनी जीडीपी विकास दर को पांच प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। पाकिस्तान के नेशनल फ्लड रिस्पांस एंड कॉर्डिनेशन सेंटर (एनएफआरसीसी) के अध्यक्ष मेजर जनरल जफर इकबाल ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के लिए संयुक्त ब्रीफिंग के दौरान कहा कि, कम से कम एक तिहाई पाकिस्तान जलमग्न हो गया है और भीषण बाढ़ की वजह से पाकिस्तान को कम से कम 30 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
जीडीपी वृद्धि में 2 प्रतिशत की गिरावट
पाकिस्तान समाचार एजेंसी के राज्य द्वारा संचालित एसोसिएटेड प्रेस ने इकबाल के हवाले से कहा कि, पाकिस्तान को संकट की वजह से सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि के आंकड़े में दो प्रतिशत की कटौती की उम्मीद है। वहीं, उन्होंने ये भी कहा है कि, आईएमएफ फंड मिलने में देरी होने का असर भी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ रेट पर पड़ा है और यूक्रेन युद्ध ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को काफी ज्यादा गंभीर बना दिया है। वहीं, पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री इकबाल ने बताया कि, भीषण बाढ़ की वजह से कम से कम 2 करोड़ से ज्यादा लोग गंभीर प्रभावित हुए हैं और कम से कम साढ़े 3 करोड़ लोगों पर भीषण बाढ़ का असर हो रहा है और अभी तक करीब 60 लाख से ज्यादा लोगों को अलग अलग बाढ़ राहत शिविरों में रखा गया है। पाकिस्तान के मंत्री ने कहा कि, इन्फ्रास्ट्रक्चर को गंभीर नुकसान पहुंचा है, जिसकी भरपाई करना पाकिस्तान के लोगों के लिए काफी ज्यादा मुश्किल होने वाली है।
सोमवार से शुरू होगा सर्वेक्षण
एनएफआरसीसी के अधिकारी ने कहा कि, संयुक्त राष्ट्र सहायता निकायों सहित नागरिक सरकार, सेना और गैर सरकारी संगठनों के बीच समन्वित प्रयास पूरे जोरों के साथ जारी है और प्रांतों में राहत कार्यों पर एक मूल्यांकन सर्वेक्षण सोमवार से शुरू होगा। इस बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने बताया कि, घातक बाढ़ से मरने वालों की संख्या 1,396 हो गई है, जबकि घायलों की कुल संख्या 12,700 से ज्यादा है। एनडीएमए की नवीनतम स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों की संख्या करीब 17 लाख के आसपास है और करीब 6,600 किमी से ज्यादा सड़कें और 269 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसका डेटा बताता है कि, कुल 81 जिले (बलूचिस्तान में 32, सिंध में 23 और खैबर पख्तूनख्वा में 17) को 'आपदा प्रभावित' के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
यूएन प्रमुख ने की पाकिस्तान की यात्रा
इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी आपदा ग्रस्त देश पाकिस्तान की यात्रा की है और उन्होंने सिंध और बलूचिस्तान का दौरा कर हालात का जायजा लेने की कोशिश की। इन क्षेत्रों में बाढ़ की वजह से स्थिति काफी ज्यादा खराब हो चुकी है और राहत और बचाव कार्यों में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, पाकिस्तान पहले ही अंतर्राष्ट्रीय मदद के लिए गुहार लगा चुका है और फ्रांस, अमेरिका, सऊदी अरब और तुर्की जैसे देश ने पाकिस्तान को काफी मदद भेजी है। वहीं, यूएन प्रमुख ने इस अवसर पर कहा कि, ग्लोबल वार्मिंग में पाकिस्तान का बहुत कम योगदान है, लेकिन इससे बड़े पैमाने पर वो प्रभावित हुआ है।
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