
अंतरिक्ष से बैक टू बैक टेंशन वाली खबर, सूरज में हुआ घाटी नुमा छेद, क्या पृथ्वी होगी प्रभावित
सूर्य अपनी आधी उम्र पार करने वाला है, जिस वजह से उस पर लगातार विस्फोट हो रहे। आए दिन पृथ्वी पर आने वाले सौर तूफान की वजह भी यही विस्फोट हैं। अब हमारे सौरमंडल के ऊर्जा स्त्रोत सूर्य को लेकर एक टेंशन वाली खबर आई है, जो हमारे ग्रह को भी कुछ हद तक प्रभावित करेगी।

सूर्य पर घाटी नुमा छेद
spaceweather की रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों को सूर्य की एक नई तस्वीर मिली है, जिसके अध्ययन से पता चला कि सूर्य पर घाटी नुमा छेद हो गया। ऐसे में बड़ा सौर तूफान उठने वाला है, जो पृथ्वी से टकरा सकता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इससे इंसानों को ज्यादा नुकसान नहीं होगा, लेकिन अंतरिक्ष में बार-बार आ रहे सौर तूफान ग्रहों पर बुरा असर डाल रहे।

सौर मलबे में क्या-क्या है?
वैज्ञानिक के मुताबिक इन छेदों के चारों ओर सूर्य की चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं अपने आप में वापस आने के बजाय अंतरिक्ष में बाहर की ओर जाती हैं। ज्यादा जांच करने पर पता चला कि ये रेखाएं सौर मलबे को 1.8 मिलियन मील प्रति घंटे के हिसाब से बाहर की ओर बिखेरती हैं। इसमें ज्यादातर इलेक्ट्रान, प्रोटॉन और अल्फा कण रहते हैं, जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र द्वारा अवशोषित हो जाते हैं।

पृथ्वी पर ऐसा प्रभाव
वैज्ञानिक ने एक राहत भरी खबर भी दी, उनके मुताबिक ये तूफान पृथ्वी से टकराएगा तो जरूर, लेकिन ये काफी कमजोर होगा। इसे G-1 भू-चुंबकीय श्रेणी में डाला गया है, जो पावर ग्रिड में मामूली गड़बड़ी की वजह बन सकता है। इसके अलावा ये कुछ सैटेलाइट्स को भी प्रभावित करेगा, जिससे मोबाइल डिवाइस और जीपीएस सेवा प्रभावित हो सकती है। वहीं सौर तूफान की वजह से पृथ्वी पर अरोरा भी देखने को मिलेंगे।

1859 में सबसे बड़ा तूफान
वहीं वैज्ञानिकों ने बताया कि वो 1885 से सौर गतिविधियों की निगरानी कर रहे, लेकिन अब सूर्य ज्यादा सक्रिय हो गया है। वो अपने 11 साल के एक्टिव फेज से गुजर रहा। 2025 में ये अपने अधिकतम स्तर पर पहुंचकर फिर धीरे-धीरे कम हो जाएगा। इसकी वजह से सूर्य पर लगातार विस्फोट हो रहे और अंतरिक्ष में चारों ओर सौर तूफान फैल रहे। वैज्ञानिकों ने बताया कि 1859 में सबसे बड़ा सौर तूफान आया था, उस वक्त करीब 10 बिलियन 1-मेगाटन परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा निकली थी।
पृथ्वी पर 15000 किलो की 'अलौकिक चट्टान', अंदर मिले 2 रहस्यमयी खनिज

आज हुआ विस्फोट तो क्या होगा?
1859 वाले तूफान ने दुनिया के टेलीग्राफ सिस्टम को नष्ट कर दिया था। इसके बाद पूरी पृथ्वी पर बहुत सारे अरोरा दिखे। नासा की रिपोर्ट के मुताबिक उस वक्त एक अरब टन गैस भी जारी हुई, जो कनाडाई प्रांत में एक ब्लैकआउट का कारण बनी। वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि 1859 जैसा सौर विस्फोट आज के जमाने में हुआ तो खरबों डॉलर का नुकसान होगा और बड़े पैमाने पर ब्लैकऑउट हो जाएगा।