ब्रिटेन ने कोरोना वायरस के इंडियन वैरिएंट को बताया वैक्सीनेशन के बीच गैप कम करने की वजह
लंदन, 15 मई। कोरोना वायरस से बचने के लिए फिलहाल जो सबसे कारगर तरीका है वो ये है कि वैक्सीनेशन ड्राइव में तेजी लाई जाए। कई देशों में इसपर काम शुरू कर दिया है और तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है। ब्रिटेन ने अब कोविशील्ड की दोनों डोज देने के बीच के समय को कम कर दिया है। अब दोनों डोज के बीच गैप 8 हफ्ते का होगा। हालांकि यह नियम 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए लागू किया गया है। इसके अलावा गंभीर बीमार लोगों को भी 8 हफ्ते के अंदर दोनों डोज लगाई जाएंगी। आपको बता दें कि ब्रिटेन में पहले दोनों डोज के बीच का समय 12 हफ्ता था।
वैक्सीन के दोनों डोज के बीच गैप कम करने के पीछे का कारण संक्रमण का इंडियन स्ट्रेन बताया गया है। ब्रिटेन सरकार के बयान के हवाले से ब्रिटिश न्यूज एतेंसी बीबीसी ने एक रिपोर्ट में बताया है कि भारतीय स्ट्रेन से बचने के लिए सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में फिर से पाबंदियां लाई जा सकती हैं। इतना ही नहीं वैक्सीन का जो डोज बाद में लगना था उसे पहले लगाया जा सकता है। इसी बीच, एक शीर्ष वैज्ञानिक ने चेताया है कि 21 जून को प्रतिबंध हटाना कोरोना के भारतीय रूप के कारण संदेह में है।
वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने कहा कि जनता को सुरक्षित रखने के लिए जो कुछ भी करना पड़े, हम करेंगे। जॉनसन ने कहा कि एक कारगर वैक्सीन ड्राइव की बदौलत ब्रिटेन ने पिछले कुछ महीनों में संक्रमण पर लगाम लगाया है। अधिकारियों को इस बात की उम्मीद है कि वैक्सीन दूसरे वैरिएंट पर भी प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि, हमें अपने टीकों पर भरोसा करना चाहिए और स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है।
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