Bitcoin को कंट्रोल करने की ईरानी चाल, क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ शुरू किया एक्शन
तेहरान। ईरान में अधिकारियों ने एक बार फिर से क्रिप्टोकरेंसी के ऊपर कार्रवाई शुरू कर दी है। ईरान में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को सीधे निर्देश दिए हैं। ईरान में सरकार ने बिटकॉइन के खिलाफ ऐसे समय में सख्ती शुरू की है जब पिछले साल दिसम्बर के बाद से क्रिप्टोकरेंसी में उछाल के बाद देश में लोगों में इसे खरीदने को लेकर फिर से रुचि हो रही है।
सरकार के कदम से अलग ईरान में काफी लोग बिटकॉन को ईरान की मुद्रा रियाल में हो रही गिरावट के खिलाफ एक बचाव के रूप में देखते हैं। क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिबंधों के चलते ईरान की अर्थव्यवस्था बहुत ही खराब हालत में है। ईरान के साथ व्यापार को लेकर कई सारे प्रतिबंध हैं। यही नहीं डॉलर में व्यापार करने पर भी उसे काफी मुश्किल होती है। इसकी वजह से कई देशों जैसे भारत से ईरान को उन्हीं की मुद्रा में व्यापार करना पड़ता है। उधर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन पर किसी सरकार का नियंत्रण नहीं है।
बिटकॉइन
पर
कंट्रोल
की
कोशिश
बिटकॉइन
को
लेकर
दुनिया
भर
के
देशों
में
सरकारों
के
इसके
नियंत्रण
को
लेकर
चिंता
बनी
हुई
है
क्योंकि
यह
डिजिटल
टोकन
इस
तरह
से
डिजाइन
किया
गया
है
कि
यह
सरकारों
के
नियंत्रण
से
बाहर
है।
ईरान
भी
इससे
अलग
नहीं
है
यही
वजह
है
सरकार
क्रिप्टोकरेंसी
पर
लगाम
लगाने
की
कोशिश
कर
रही
है।
जबकि
क्रिप्टोकरेंसी
के
समर्थकों
ने
चेताया
है
कि
क्रिप्टोकरेंसी
पर
सरकारी
दबाव
इसे
कम
पारदर्शिता
की
तरफ
ले
जाएगा
जो
कि
तेजी
से
बढ़
रही
इस
इंडस्ट्री
में
ईरान
को
कम
प्रतिस्पर्धी
बना
सकता
है।
सेंट्रल
बैंक
ने
जारी
किया
था
आदेश
पिछले
महीने
ही
ईरान
की
संसद
के
डिजिटल
इकोनॉमी
कमीशन
के
प्रमुख
मोजताबा
तवांगर
ने
राष्ट्रपति
हसन
रूहानी,
उनके
मंत्रियों
और
सेंट्रल
बैंक
ऑफ़
ईरान
को
एक
पत्र
लिखकर
बिटकॉइन
और
दूसरी
क्रिप्टोकरेंसी
के
खरीदने
और
बेचने
के
लिए
रियाल
के
इस्तेमाल
पर
पूर्ण
रोक
लगाने
का
आह्वान
किया
था।
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तवांगर ने चेतावनी दी कि ट्रेडिंग क्रिप्टोकरेंसी बड़े पैमाने पर वित्तीय घोटालों और धोखाधड़ी को बढ़ावा दे सकती है। जिनमें से कई पारंपरिक संपत्तियां भी शामिल हैं जिन्होंने पिछले एक दशक में देश को नुकसान पहुंचाया है।
इस पत्र के बाद फरवरी में ईरान के सेंट्रल बैंक के गवर्नर अब्दोलनसर हेममती ने घोषणा की कि निश्चित क्रिप्टो एक्सचेंजों को चुना जाएगा ताकि उन क्रिप्टोकरेंसी के लिए बिक्री और लेनदेन की सुविधा हो, जिनका इस्तेमाल देश में माल आयात करने के लिए खर्च किए जाएगा।
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