अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही इमरान खान ने खोया बहुमत, अहम साथी ने मिलाया विपक्ष से हाथ
इस्लामाबाद, 30 मार्च। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अविश्वसास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले बड़ा झटका लगा है। इमरान खान को बड़ा झटका देते हुए गठबंधन में उनके अहय सहयोगी मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। MQM ने विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया है। पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि एकजुट विपक्ष और एमक्यूएम के बीच समझौता हुआ है। राबता ने वादा किया है कि एमक्यूएम और पीपीपी मौजूदा सरकार को सत्ता से बाहर करेगा। इसके बाद हम इसकी जानकारी मीडिया के साथ साझा करेंगे।
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गौर करने वाली बात है कि पीटीआई सरकार ने संसद के निचले सदन में में बहुमत खो दिया है। जिस तरह से देर रात इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से पहले राजनीतिक घटनाक्रम में बदलाव देखने को मिला है उसके बाद इमरान खान की सरकार का सत्ता से बाहर जाना तय हो गया है। एकजुट विपक्ष के पास अब सदन में 177 का आंकड़ा है। एमक्यूएम के समर्थन वापसी के बाद अब इमरान खान सरकार के पास 164 सदस्यों का ही समर्थन बचा है, जोकि बहुमत के आंकड़े से काफी दूर है। बता दें कि इमरान खान सरकार के खिलाफ विपक्ष को 172 सदस्यों की दरकार है जबकि उसके पास अब इससे अधिक सदस्य हैं।
वहीं इमरान खान ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग विदेशी फंडिंग की मदद से उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं। इमरान खान सरकार में मंत्री असर उमर ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान को इस बाबत पत्र दिखाने को तैयार हैं जिससे उनके दावे की पुष्टि होती है। अविश्वास प्रस्ताव से पहले इमरान खान ने एक विशाल रैली की थी, इस दौरान उन्होंने कहा था कि विदेशी पैसे से पाकिस्तान की सरकार को गिराने की कोशिश हो रही है। हमारे लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुछ लोग हमारे खिलाफ पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं। हमे पता है कि कहां से ये कोशिश हो रही है, कहां से हमपर दबाव डाला जा रहा है। हमे लिखकर धमकी दी गई है, लेकिन हम राष्ट्र हित से कोई समझौता नहीं करेंगे।