न्यूजीलैंड हमला: कोर्ट में खड़ा मुस्कुरा रहा था हमलावर टारैंट, एक जिम में रह चुका है पर्सनल ट्रेनर
क्राइस्टचर्च। न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में स्थित अल नूर और लिनवुड मस्जिद पर शुक्रवार को हुए आतंकी हमले में 49 लोगों की मौत हो गई। इस हमले को ऑस्ट्रेलियाई नागरिक 28 वर्ष के ब्रेनटॉन हैरीसन टारैंट ने अंजाम दिया था। ब्रेनटॉन को शनिवार को क्राइस्टचर्च के डिस्ट्रीक्ट कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पेश होते समय टारैंट के चेहरे पर मुस्कान थी और उसे देखकर कोई नहीं सकता था कि उसे अपने किए का जरा भी मलाल है। दोनों मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज अता करने के लिए भारी संख्या में लोग मौजूद थे। दोपहर करीब 1:30 मिनट पर उन पर गोलियों की बौछार होने लगी और लाशों के ढेर लगने लग गए।
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ऑस्ट्रेलिया का रहने वाला टारैंट
28 वर्ष के टारैंट को कुछ ही मिनटों के लिए कोर्ट में पेश किया गया था। टारैंट, ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स का रहने वाला है। लेकिन हाल ही में न्यूजीलैंड के साउथ आईसलैंड के ड्यूनेडिन का निवासी बना है। जेल के सफेद कपड़े पहना टारैंट मुस्कुरा रहा था और उसने अपनी उंगलियों से एक अजीब सा निशाना बनाया हुआ था। उसके आसपास कई सुरक्षाकर्मी थे लेकिन इससे बेखबर टारैंट मानों अपनी 'जीत' पर मुस्कुराता जा रहा था।
एक मिनट से भी कम समय में सुनवाई
पुलिस का कहना है कि अल नूर मस्जिद में फायरिंग करने के बाद टारैंट लिनवुड मस्जिद की तरफ गया। यहां पर उसने उसी अंदाज में गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं। एक और दूसरा व्यक्ति जिसकी उम्र 18 वर्ष है उसे भी इस हमले में आरोपी बनाया गया है। इस व्यक्ति का नाम डैनियन जॉन बरगो है लेकिन उसे कोर्ट में पेश नहीं किया गया था। टारैंट की सुनवाई एक मिनट से भी कम समय में पूरी हो गई और कोर्ट से जाते समय उसने यहां मौजूद हर व्यक्ति को देखा।
'मेरा खून यूरोपियन और सोच भी'
टारैंट पर अभी हत्या का केस दर्ज हुआ है लेकिन पुलिस का कहना है उस पर और आरोप तय होंगे। उसे अब पांच अप्रैल को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा। हमले से पहले 17 मिनट तक लाइव स्ट्रीमिंग की थी। हमलावर टारैंट ने अपनी साजिश को अंजाम देने से पहले 74 पेज का एक मैनिफेस्टो भी ऑन लाइन रिलीज किया था। उसने अपने इस मैनिफेस्टो में कहा था कि उसकी भाषा यूरोपियन है, संस्कृति और राजनीतिक विचारधारा तक सबकुछ यूरोपियन है। टारैंट ने लिखा है, 'मेरी सोच मेरे विचार और मेरी पहचान सबकुछ यूरोपियन है और सबसे अहम है कि मेरा खून भी यूरोपियन है।'
एक जिम में था ट्रेनर
न्यूज चैंनल एबीसी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक टारैंट ने साउथ वेल्स के ग्रैफटॉन स्थित जिम में एक ट्रेनर के तौर पर काम किया है। वह एक पर्सनल ट्रेनर था और जिम मैनेजर ट्रेसी ग्रे ने खबरों में टारैंट को देखकर पहचाना। उन्होंने बताया कि साल 2009 में स्कूल खत्म करने के बाद टारैंट ने जिम में पर्सनल ट्रेनर की नौकरी शुरू की थी। लेकिन यहां से नौकरी छोड़ने के बाद वह एशिया और यूरोप की यात्रा पर निकल गया था।