सभी ओपिनियन पोल ने बताई थी बड़ी जीत और नतीजे आए बिल्कुल उल्टे
कैनबरा। शनिवार को ऑस्ट्रेलिया में हुए चुनावों के नतीजे आ गए हैं और यहां पर प्राइम मिनिस्टर स्कॉट मारिसन के नेतृत्व वाली लिबरल नेशनल गठबंधन पार्टी आश्चर्यजनक तरीके से जीत दर्ज करने में सफल रही है। रिजल्ट्स से हैरानी इसलिए भी है क्योंकि एग्जिट पोल्स में इस बात की संभावना जताई गई थी कि विपक्षी लेबर पार्टी को चुनावों में छह वर्ष बाद जीत हासिल होगी। पीएम स्कॉट मॉरिसन ने नतीजों के बाद मतदाताओं का शुक्रिया अदा किया।
यह भी पढ़ें-ऑस्ट्रेलिया में होती है 100 फीसदी वोटिंग, ना करने पर जानिए लगता है कितना जुर्माना
विपक्षी नेता ने दिया इस्तीफा
लेबर पार्टी के नेता बिल शॉर्टेन ने हार स्वीकारते हुए इस्तीफा दे दिया है। वोटों की गिनती का काम अभी जारी है। यहां पर लिबरल नेशनल गठबंधन को 151 सीटों वाली संसद में 76 सीटें मिल रही हैं। वहीं लेबर पार्टी के हिस्से 69 सीटें आ रही हैं। अगर लिबरल पार्टी को 77 सीटें मिल जाती है तो फिर वह अपने दम पर सरकार बनाने में कामयाब रहेगी। ऑस्ट्रेलियन लेबर पार्टी (एएलपी) को एग्जिट पोल में आगे दिखाया गया था। साल 2016 तक हुए हर ओपिनियन पोल में पार्टी को सत्ता में वापसी का हकदार करार दे दिया गया था। लेकिन नतीजों से शॉर्टेन हैरान और दुखी हैं। शनिवार देर रात उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जब उनसे पूछा गया कि आखिर कहां पर क्या गलत हुआ तो उन्होंने बस इतना कहा, 'हम जरूरी वोट हासिल नहीं कर पाए।' पार्टी ने टैक्स और क्लाइमेट चेंज को लेकर जोरदार अभियान प्रचार चलाया था।
किसी पीएम ने पूरा नहीं किया कार्यकाल
विशेषज्ञों की मानें तो वोटिंग के सबसे अंत में जनता ने मॉरिसन के पक्ष में जमकर वोटिंग की। आखिरी राउंड की वोटिंग में मॉरिसन और शॉर्टेन के बीच करीबी मुकाबला था। लेकिन वोटर्स ने तय कर लिया था कि देश की कमान मॉरिसन के हाथों सौंपनी है। उन्होंने कहा कि वह वोटर्स के शुक्रगुजार रहेंगे जो उन्होंने उनकी पार्टी पर भरोसा जताया है। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा, 'वह हमेशा चमत्कार' में यकीन रखते हैं। मॉरिसन की पार्टी को बहुमत के करीब वोट हासिल हुए हैं। यहां हर तीन साल में आम चुनाव कराए जाते हैं तो वर्ष 2007 के बाद यहां किसी भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है।