साउथ चाइना सी पर ऑस्ट्रेलिया ने दिखाई चीन को आंख, UN में अवैध कब्जे को नकारा
न्यूयॉर्क। ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने अब यूनाइटेड नेशं (यूएन) में चीन को चुनौती दी है। चीन पर हमला बोलते हुए यूएन में ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा कर दी है कि साउथ चाइना सी पर जो विवादित द्वीप हैं, वह चाइना की सीमा में नहीं आते हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब ऑस्ट्रेलिया की नेवी ने चीनी नौसेना के जहाजों को विवादित हिस्से में घेर लिया था। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से इस घोषणा के बाद माना जा रहा है कि चीन के साथ उसका तनाव बुरे दौर में पहुंच सकता है।
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दोनों देशों के बीच जारी है तनाव
शुक्रवार रात ऑस्ट्रेलिया की तरफ से यूएन में घोषणा पत्र दायर किया गया है। इस घोषणा पत्र के साथ ही चीन के साउथ चाइना सी पर दावे को पूरी तरह से नकार दिया गया है। इस घोषणा पत्र के मुताबिक चीन, साउथ चाइना सी के स्पार्टली और पार्सल द्वीप पर दावा करता है और यह दावा पूरी तरह से गैर-कानूनी है। ऑस्ट्रेलिया का कहना है कि चीनी दावा समुद्री सीमा के लिए तय यूएन के घोषणा पत्र के बिल्कुल विपरीत है। ऑस्ट्रेलिया के इस कदम से चीन का गुस्सा भड़क सकता है। हाल ही में दोनों देशों ने एक-दूसरे पर व्यापार प्रतिबंध लगाए हैं और साथ ही बॉयकॉट करने की धमकी भी दी गई है।
ऑस्ट्रेलिया ने नकारे चीन के दावे
ऑस्ट्रेलिया का कहना है कि वह इस घोषणा पत्र के साथ ही चीन की तरफ से किए जा रहे दावों को नकारता है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कुछ माह पहले मांग की थी कि कोरोना वायरस महामारी कैसे पूरी दुनिया तक फैली, इसकी जांच होनी चाहिए। उनके इस बयान के बाद से ही दोनों देशों में तनाव बना हुआ है। उनके बयान के बाद चीन ने ऑस्ट्रेलिया के किसानों पर ट्रेड टैरिफ लगा दिया था जिसमें जौ पर 80 प्रतिशत तक शुल्क लगा दिया गया था। जो घोषणापत्र ऑस्ट्रेलिया की तरफ से आया है उसके मुताबिक, 'ऑस्ट्रेलिया की सरकार चीन की तरफ से किए जा रहे दावों को खारिज करती है जो 1982 यूएन कनवेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी (यूएनक्लॉस) के विपरीत हैं।'
चीन के पास नहीं है कोई कानूनी आधार
ऑस्ट्रेलिया के मुताबिक चीन के पास इस बात का कोई कानूनी आधार नहीं है जिनके तहत वह कोई आधाररेखा तैयार कर सकें जो साउथ चाइना सी पर स्थिति द्वीपों के ग्रुप को आपास में जोड़ ती हो जिसमें 'फोर शा' के करीब का हिस्सा भी शामिल है। ऐसे में ऑस्टेलिया आंतरिक जल सीमा में चीन के दावों को नहीं मानता है जिसमें एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन और दूसरे हिस्से शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच हर वर्ष होने वाली ऑस्मिन वार्ता होने वाली है। उससे पहले ऑस्ट्रेलिया के इस ऐलान से साफ है कि चीन वार्ता का केंद्र बिंदु होगा।
ऑस्ट्रेलियाई नेवी ने घेरा चीन को
कुछ ही दिन पहले चीन की नौसेना को साउथ चाइना सी में ऑस्ट्रेलिया की वॉरशिप्स ने घेर लिया था। इस घटना के बाद साउथ चाइना सी पर तनाव की स्थिति हो गई थी। ऑस्ट्रेलिया के जहाज स्पार्टली द्वीप के एकदम करीब पहुंच गए थे। इस द्वीप पर चीन अपना दावा करता है। इसके अलावा फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम भी इस पर अपना-अपना दावा जताते हैं। ऑस्ट्रेलिया की वॉरशिप्स एचएमएएस कैनबरा, होबार्ट, स्टुअर्ट, अरुंता और सिरिअस ने चीनी नौसेना को घेर लिया था। यह घटना उस समय हुई थी जब हवाई में अमेरिका और जापान के बीच मिलिट्री वॉर गेम्स जारी थे।