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पूरी दुनिया में मची तेजस की धूम, अमेरिका के बाद अर्जेंटीना को भी भाया भारतीय विमान, क्या बेचेगा भारत?

अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सैंटियागो कैफिएरो के साथ अपनी बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने रक्षा, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष के रणनीतिक क्षेत्रों में चल रहे सहयोग की समीक्षा की है।

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ब्यूनस आयर्स, अगस्त 27: भारत का स्वदेशी युद्धक विमान तेजस की पूरी दुनिया में धूम मची है और अमेरिका के बाद भारत से 16 हजार किलमोटीर की दूरी पर मौजूद देश अर्जेंटीना ने तेजस विमान को लेकर अपनी रूची दिखाई है और द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक,भारत ने शुक्रवार को अर्जेंटीना वायु सेना के लिए भारत में बने तेजस लड़ाकू विमान में रुचि को स्वीकार कर लिया है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के अर्जेंटीना दौरे के दौरान भारत के स्वदेशी तेजस विमान को लेकर अर्जेंटीना की तरफ से रूचि दिखाई गई है, जिसे भारत ने मान लिया है।

भारत-अर्जेंटीना समझौता

भारत-अर्जेंटीना समझौता

अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सैंटियागो कैफिएरो के साथ अपनी बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने रक्षा, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष के रणनीतिक क्षेत्रों में चल रहे सहयोग की समीक्षा की है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अर्जेंटीना के विदेश मंत्री कैफिएरो ने संयुक्त रूप से, दोनों देशों के बीच संयुक्त आयोग की बैठक (जेसीएम) की अध्यक्षता की। यात्रा के दौरान जयशंकर ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति डॉ अल्बर्टो फर्नांडीज से भी मुलाकात की। संयुक्त बयान में कहा गया है कि, "भारत और अर्जेंटीना ने रक्षा, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष के रणनीतिक क्षेत्रों में अपने चल रहे सहयोग की समीक्षा की और पारस्परिक लाभ के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।" दोनों नेताओं ने 2019 में हस्ताक्षरित रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन के ढांचे के भीतर रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है, इसके साथ दोनों पक्षों ने अन्य बातों के साथ-साथ और आगे के समझौता ज्ञापनों/करारों के निष्कर्ष के माध्यम से अपनी भागीदारी के दायरे का विस्तार करने पर भी चर्चा की है।

तेजस विमान में अर्जेंटीना की रूचि

तेजस विमान में अर्जेंटीना की रूचि

दोनों देशों से संयुक्त बयान में कहा गया है कि, "भारतीय विदेश मंत्री ने अर्जेंटीना वायु सेना के लिए भारत में बने तेजस लड़ाकू विमानों में अर्जेंटीना की रुचि को स्वीकार करते हुए द्विपक्षीय संबंधों के रणनीतिक भागफल को बढ़ाने के प्रस्ताव के महत्व पर प्रकाश डाला है।" इसके साथ ही दोनों पक्ष सशस्त्र बलों के बीच यात्राओं के आदान-प्रदान, रक्षा प्रशिक्षण और रक्षा संबंधी उपकरणों के संयुक्त उत्पादन के लिए सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमत हुए। आपको बता दें कि, भारत में बने स्वदेशी तेजस विमान को लेकर कई देश गहरी रूचि जता चुके हैं और मलेशिया के साथ साथ इंडोनेशिया और फिलीपींस के साथ तेजस को लेकर डील चल रही है। तेजस युद्धक विमान अपनी बेहतरीन उड़ान क्षमता, स्पीड और संचालन में आसानी के लिए कई देशों का ध्यान आकर्षित किया है। भारतीय वायु सेना ने हाल ही में तेजस विमान को फ्रांसीसी मूल के हैमर एयर-टू-ग्राउंड स्टैंड-ऑफ मिसाइल से भी लैस किया है, जिसके बाद तेजस की डिमांड और भी ज्यादा बढ़ गई और अमेरिका भी तेजस विमान खरीदने में दिलचस्पी दिखा चुका है।

कई देश दिखा चुके तेजस में दिलचस्पी

कई देश दिखा चुके तेजस में दिलचस्पी

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इसी महीने कहा है कि, अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस भी सिंगल इंजन वाले जेट में रुचि दिखा रहे है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को यह जानकारी दी। रक्षा राज्य मंत्री भट्ट ने अपने बयान में कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी HAL एक इंजन वाले इस फाइटर जेट का निर्माण करती है। पिछले साल अक्टूबर में रॉयल मलेशियाई वायु सेना ने 18 जेट विमानों के प्रस्ताव के अनुरोध का जवाब दिया था, जिसमें तेजस के 2 सीटों वाले संस्करण को बेचने की पेशकश की गई थी। केंद्र सरकार विदेशी रक्षा उपकरणों पर भारत की निर्भरता को कम करने की इच्छुक है। इसके अलावा सरकार भारत में बने जेट विमानों के निर्यात के लिए राजनयिक प्रयास भी कर रही है।

तेजस की आक्रामक क्षमता

तेजस की आक्रामक क्षमता

तेजस एक साथ 10 लक्ष्यों को ट्रैक कर उन पर निशाना साधने में सक्षम है। यह बेहद कम जगह यानी 500 मीटर से कम रनवे पर टैकऑफ करने की क्षमता रखता है। यह भारत में बना सबसे हल्का फाइटर जेट है। इसमें 6 तरह की मिसाइलें तैनात हो सकती हैं। इसका वजह सिर्फ 6500 किलो है। विमान का वेट कम होने की वजह से यह समुद्री पोतों पर भी आसानी से लैंड और टेक ऑफ कर सकता है। यही नहीं इसकी हथियार ले जाने की क्षमता MiG-21 से दोगुनी है। अगर तेजी की बात की जाए तो राफेल भी इसके सामने कहीं नहीं ठहरता। तेजस की स्पीड राफेल से 300 किलोमीटर प्रति घंटा ज्यादा है।

वाजपेयी ने किया था नामांकरण

वाजपेयी ने किया था नामांकरण

इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में हलके फाइटर विमान यानी LCA को शामिल करने की तैयारी 1983 में ही शुरू हो गई थी। सरकार की हरी झंडी मिलते ही भारतीय वैज्ञानिक अपने मिशन को अंजाम देने में जुट गए थे। करीब 18 सालों की कड़ी मेहनत के बाद जनवरी 2001 को पहली बार इस स्वदेशी फाइटर जेट ने हिंदुस्तान के आसमान में उड़ान भरी थी। इस विमान का नाम तेजस तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था। तेजस नाम रखते वक्त प्रधानमंत्री वाजपेयी ने कहा था कि ये संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब 'चमक' है।

पांचवीं पीढ़ी के विमान बना रहा भारत

पांचवीं पीढ़ी के विमान बना रहा भारत

बता दें कि भारत पांचवीं पीढ़ी के मध्यम वजन वाले डीप पेनेट्रेशन फाइटर जेट बना रहा है। इस प्रोजेक्ट में करीब 5 बिलियन डॉलर्स का खर्च आएगा। पांचवीं पीढ़ी के मध्यम वजन वाले डीप पेनेट्रेशन फाइटर जेट का प्रोटोटाइप साल 2026 तक बन जाएगा। इसका उत्पादन साल 2030 में शुरू होगा। इस प्रोजेक्ट में फिलहाल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ काम कर रहा है। जब एक बार उनकी तरफ से चीजें अंतिम रूप ले लेंगी तब हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड उसपर काम करना शुरू करेगा।

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English summary
After America, Argentina has also shown keen interest in India's indigenous Tejay fighter aircraft.
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