क्या पाकिस्तानी अभिनेत्री मीरा शादीशुदा हैं?
सात साल पहले एक शख्स ने प्रमाणपत्र दिखाते हुए दावा किया कि वह मीरा का पति है.
पाकिस्तान की एक अभिनेत्री पिछले सात साल से खुद को ग़ैरशादीशुदा साबित करने के लिए कोर्ट के चक्कर काट रही है.
'मीरा' नाम से पहचानी जाने वाली इर्तिज़ा रुबाब ने पाकिस्तान की कई फ़िल्मों में काम किया है जिसके लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिले हैं.
लेकिन इस बार मीरा अपनी फ़िल्मों या अवॉर्ड की वजह से नहीं बल्कि अपनी शादी की ख़बर पर चल रहे विवाद को लेकर चर्चाओं में हैं.
मीरा पिछले कई साल से एक आदमी के ख़िलाफ़ केस लड़ रही हैं जिसका दावा है कि वह मीरा का पति है.
कौन है मीरा?
मीरा लॉलीवुड (लाहौर में मौजूद पाकिस्तानी फ़िल्म इंडस्ट्री) की जानी-मानी अभिनेत्री हैं.
40 साल की मीरा ने बॉलीवुड की कुछ फ़िल्मों में भी काम किया है.
कुछ वक़्त पहले उन्होंने राजनीति में आने की इच्छा भी ज़ाहिर की थी.
मीरा सोशल मीडिया पर ख़ासी एक्टिव हैं और अक्सर अपने वीडियो को लेकर चर्चा में रहती हैं.
उनके चाहने वालों को उनके बातचीत करने का अंदाज़ बहुत पसंद है.
पाकिस्तानी मीरा की भारतीय हीरोइनों को चुनौती
जिस ख़ास लहज़े में मीरा अंग्रेजी बोलती हैं, इसे भी पाकिस्तान के लोग मनोरंजक समझते हैं. कुछ उनकी खिंचाई करते हैं तो कुछ उसे पसंद.
हाल ही में मीरा ने 'टाइटैनिक' फिल्म का लोकप्रिय गाना 'माय हर्ट विल गो ऑन' अपने ख़ास अंदाज़ में गाया था. यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ.
विवादों में कैसे फंसी मीरा?
साल 2009 में फ़ैसलाबाद के एक बिजनेसमैन अतीक़-उर-रहमान ने पत्रकारों के सामने यह दावा किया उन्होंने साल 2007 में एक निजी कार्यक्रम में मीरा के साथ शादी की थी.
उनका कहना था कि वे इस बाद से दुखी हैं कि मीरा सार्वजनिक रूप से उन्हें अपना पति स्वीकार नहीं कर रही थी और शादी के बाद भी खुद को सिंगल बता रहीं थीं.
अतीक़ ने शादी के अपने दावे को साबित करने के लिए शादी का प्रमाणपत्र भी दिखाया और कहा कि उन्होंने मीरा के ख़िलाफ़ कोर्ट में अपील दायर की है.
शादी और तलाक़ का वज़न से रिश्ता
अपनी अपील में उन्होंने लिखा है कि मीरा का मेडिकल टेस्ट किया जाना चाहिए जिससे यह पता लगाया जा सके कि वह विवाहित है. वे उनसे तलाक़ लेने से पहले किसी दूसरे शख्स के साथ शादी न कर सकें, वे उस घर पर अपना हक़ मांग सकें जहां मीरा रह रहीं हैं और मीरा को विदेश जाने से रोका जा सकें.
वहीं दूसरी तरफ मीरा के वकील बल्ख़ शेर खोसा ने बीबीसी को बताया कि रहमान की उस अपील को लाहौर कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने मीरा के वर्जीनिटी टेस्ट करवाने की मांग की थी.
बल्ख़ शेर खोसा के मुताबिक, ''लाहौर हाई कोर्ट ने यह माना कि किसी भी महिला का वर्जीनिटी टेस्ट रेप जैसे मामलों में किया जाता है, जहां यह पता लगाना हो कि महिला ने अपनी वर्जीनिटी खो दी है और किसी अपराध को साबित करना हो.''
''लेकिन किसी को अपनी पत्नी या पति साबित करने वाले मामले में महिला की रज़ामंदी के बाद ही वर्जीनिटी टेस्ट करवाया जा सकता है, इसलिए अतीक़ का दावा बेबुनियाद है और कोर्ट ने भी उसे ख़ारिज कर दिया है.''
मीरा ने अतीक़ के सभी दावों को नकारते हुए खुद को अविवाहित बताया है, उनका कहना है कि उन्होंने कभी भी किसी के साथ शादी नहीं की. अतीक़ ने शादी का जो प्रमाणपत्र दिखाया है उसके ख़िलाफ़ मीरा ने साल 2010 में एक प्रतिवादी अपील भी दायर की थी.
कौन सच्चा कौन झूठा?
यह मामला जब पहली बार सार्वजनिक हुआ तो पाकिस्तान की सुर्खियों में छा गया, लोग के मत भी इस मामले पर विभाजित रहे.
मीरा ने अतीक़ को शोहरत का भूखा बताया. उन्होंने बीबीसी से कहा, ''रहमान एक प्रमोटर का काम करता था, उनकी उनसे पहली मुलाक़ात किसी दोस्त के ज़रिए हुई, फिर उन्होंने कुछ कार्यक्रम और टूर साथ में किए.''
''एक दिन अचानक वे कुछ फर्ज़ी तस्वीरों के आधार पर मुझे अपनी बीवी साबित करने का दावा करने लगे और कहने लगे कि हमारी शादी हो चुकी है...वे मुझे अपनी बीवी कैसे बोल सकते हैं?''
मीरा कहती हैं कि वे कभी भी इतनी लो-प्रोफाइल वाली शादी नहीं करेंगी, वे एक बड़ी सेलिब्रिटी हैं, क्या वे इतने सादे से कार्यक्रम में एक कमरे में शादी करेंगी?
वहीं रहमान के वकील अली बुखारी ने बीबीसी को बताया, ''मीरा ने अपनी मां और अंकल के सामने अतीक़ के साथ शादी की थी. मीरा को यह मान लेना चाहिए कि वह अतीक़ की बीवी हैं.''
क्या अपनी शादी साबित करने के लिए सच में कोर्ट जाते हैं लोग?
इस सवाल का जवाब 'हां' है. लोग इस तरह के मामले निपटाने के लिए कोर्ट की शरण में जाते हैं. हालांकि किसी सेलिब्रिटी का इस सिलसिले में कोर्ट के चक्कर काटने वाला पाकिस्तान में यह पहला मामला है.
ख़ासतौर पर यह मामला इसलिए भी अलग है क्योंकि इसमें आदमी यह अपील कर रहा है कि उसकी पत्नी को किसी दूसरे शख्स से शादी न करने दी जाए.
कई दफ़ा पुरुष नकली प्रमाणपत्र दिखाकर भी शादी होने का दावा करते हैं. ऐसे मामलों में आमतौर पर महिलाएं जीत जाती हैं. वे यह साबित कर देती हैं कि स्थानीय काउंसिल में उनकी शादी दर्ज नहीं हुई. हालांकि यह एक लंबी प्रक्रिया होती है.
मीरा एक सेलिब्रिटी होने के बाद भी पिछले सात साल से यह केस लड़ रही हैं. यह बताता है कि पाकिस्तान में न्याय व्यवस्था कितनी धीमी गति से काम करती है.
मीरा कहती हैं कि इस केस ने उनकी साख को नुकसान पहुंचाया है. जब तक यह मामला निपट नहीं जाता वे किसी और से शादी भी नहीं कर सकती हैं.
वे कहती हैं, ''मैं शादी करना चाहती हूं, मां बनना चाहती हूं, मेरे लिए समय तेज़ी से निकल रहा है. इस केस की वजह से मेरी मानसिक स्थिति और काम दोनों प्रभावित हुआ, लेकिन फिर भी मैं लगातार काम कर रही हूं.''
अब क्या होगा?
सात साल से खिंचा चला आ रहा यह मामला शायद अब किसी नतीजे पर पहुंचे. मीरा के वकील ने अतीक़-उर-रहमान पर मामले को लंबा खींचने की कोशिश करने के आरोप लगाए हैं.
वे कहते हैं, ''अतीक़ ने इतनी बार अपने वकील बदल दिए हैं कि अब तो मुझे उनका चेहरा और गिनती भी याद नहीं. जब भी कोर्ट में मामले की सुनवाई होती है वे बमुश्किल ही वहां हाज़िर होते हैं.''
''इसके अलावा कभी जज के ट्रांसफर या अनुपस्थिति के चलते भी मामला लंबा खिंचता चला जा रहा है, मैं मीरा का तीसरा वकील हूं, लेकिन हमारी तरफ से कभी कोई देरी नहीं की गई. मीरा ने साल 2011 में ही अपना बयान दर्ज करवा दिया था.''
पिछले हफ्ते लाहौर की सिविल अदालत में अतीक़ की उस अपील को ख़ारिज कर दिया गया जिसमें उन्होंने मीरा को तब तक किसी दूसरे शख्स से शादी न करने की बात कही थी जब तक कि उनका तलाक़ नहीं हो जाता.
हालांकि मामला अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है.
जज बाबर नदीम का कहना है कि अभी तक कोर्ट ने इस बात का निर्णय नहीं लिया है कि शादी का प्रमाणपत्र असली है या नकली. लेकिन फैमिली कोर्ट एक्ट 1964 के मुताबिक मीरा को किसी दूसरे शख्स से शादी करने से नहीं रोका जा सकता.
हालांकि जज नदीम का यह भी कहना है कि अगर अतीक़ मीरा के साथ अपनी शादी को सही साबित करने में कामयाब हो गए तो बाद इसके कानूनी परिणामों के लिए मीरा खुद ज़िम्मेदार होंगी.
वहीं फैमिली कोर्ट के फ़ैसले को मीरा अपनी जीत के रूप में देख रही हैं, उनका कहना है कि आखिरकार उन्हें न्याय मिल गया.
जज नदीम ने जल्दी से जल्दी इस मामले को पूरा करने के आदेश दिए हैं. 30 दिसंबर को कोर्ट इस मामले में अपना अंतिम निर्णय सुनाएगी.