काबुल में स्कूल के बाहर सिलसिलेवार धमाके, 50 से ज्यादा की मौत, मृतकों में ज्यादातर छात्राएं
आतंकियों ने राजधानी काबुल में एक स्कूल के पास जबरदस्त धमाके किए हैं, जिनमें कम से कम 50 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, वहीं 100 से ज्यादा लोगों के इस धमाके में घायल होने की खबर है।
काबुल, मई 09: अफगानिस्तान में आतंकियों ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए बच्चों को निशाना बनाने की कोशिश की है। आतंकियों ने राजधानी काबुल में एक स्कूल के पास जबरदस्त धमाके किए हैं, जिनमें कम से कम 50 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, वहीं 100 से ज्यादा लोगों के इस धमाके में घायल होने की खबर है। रिपोर्ट के मुताबिक ये धमाका सैय्यद-उल-शुहादा हाई स्कूल के पास किया है और आतंकियों का मुख्य मकसद बच्चों को निशाना बनाना था।
आतंकियों के निशाने पर थे बच्चे
रिपोर्ट के मुताबिक इस स्कूल में लड़के और लड़कियां दोनों पढ़ते हैं, लेकिन सभी के पढ़ने की टाइमिंग अलग अलग हैं। ये स्कूल तीन शिफ्ट में चलता है और दूसरी शिफ्ट में लड़कियों को पढ़ाया जाता है और उसी दौरान स्कूल के बाहर एक के बाद एक कई शक्तिशाली धमाके किए गए। मरने वालों में ज्यादातर स्कूली छात्राओं के होने की आशंका है। हालांकि, कितने बच्चे इस धमाके का शिकार बने हैं, इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक रिपोर्ट सामने नहीं आई है।
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एक साथ कई धमाके
चश्मदीदों के मुताबिक स्कूल के बाहर एक के बाद एक कई धमाके किए गये हैं, हालांकि, स्थानीय प्रशासन की तरफ से अभी तक नहीं बताया गया कि स्कूल के बाहर कितने धमाके किए गये हैं। वहीं, हमले के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई है और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, इस इलाके में पिछले साल भी आतंकी हमला किया गया था और उस बार एक अस्पताल को आतंकियों ने निशाना बनाया था। जिसमें अस्पताल में भर्ती कई गर्भवती महिलाओं की जान चली गई थी।
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शवों से भरे अस्पताल
रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय अस्पताल घायलों और शवों से भर चुके हैं वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो इस परिस्थिति में पीड़ितों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। घटनास्थल से ऐसी कई तस्वीरें आई हैं जो खौफदजा कर रही हैं। खून से सनी किताबें, बैग्स, धुएं का गुबार हर तरफ दिख रहा है। एसोसिएट प्रेस के एक पत्रकार के मुताबिक उन्होंने स्थानीय अस्पताल में एक साथ 20 से ज्यादा शवों को एक जगह रखा देखा है, जिनकी शिनाख्त करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, अभी तक इस हमले की किसी भी आतंकी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन माना जा रहा है कि इसके पीछे अलकायदा या फिर इस्लामिक स्टेट का हाथ हो सकता है। पिछले कुछ समये से इस्लामिक स्टेट के आतंकी अफगानिस्तान में शिया समुदाय के लोगों को लगातार निशाना बना रहे हैं।
आतंकी हमले की निंदा
पूरा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय काबुल धमाके की निंदा कर रहा है और इसे आतंकियों की कायराना हरकत बता रहा है। यूनाइटेड नेशंस ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। यूनाइटेड नेशंस के अलावा यूनिसेफ ने भी इस आतंकी धमाके की कड़ी निंदा की है। यूनिसेफ ने कहा है कि 'इस आतंकी हमले में कई स्कूली बच्चे निशाना बनाए गये हैं, जिनमें ज्यादातर लड़कियां हैं और कई स्कूली छात्राएं घायल हैं। स्कूली बच्चों को हिंसा का शिकार बनाना अस्वीकार्य है। कोई भी स्कूल शांति का जन्नत होता है, जहां शांति के वातावरण में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई होती है'
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