वैज्ञानिकों का दावा- इस उम्र के लोगों पर नहीं काम करेगी कोरोना वायरस की वैक्सीन
नई दिल्ली: चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैल चुका है। पिछले पांच महीनों से इस वायरस की वैक्सीन पर काम चल रहा है। चीन, अमेरिका, इजरायल जैसे कई देशों में इसका ट्रायल भी शुरू हो गया है। इस साल के अंत तक कोरोना वायरस की वैक्सीन बाजार में आने की उम्मीद है। इस बीच वैज्ञानिकों ने एक चिंताजनक खबर दी है। जिसके मुताबिक जिन्हें इस बीमारी से खतरा ज्यादा है, उन पर वैक्सीन काम नहीं करेगी।
बुजुर्गों पर वैक्सीन असरदार नहीं?
इंपीरियल कॉलेज के प्रोफेसर पीटर ओपेनशव ने ब्रिटिश संसद के साइंस एंड टेक्नोलॉजी कमेटी को बताया कि उन्हें वैक्सीन देने के लिए अलग-अलग ग्रुप को टारगेट करना होगा। मौजूदा वक्त के शोध पर नजर डालें तो लगता है कि सेहतमंद बुजुर्ग लोगों के शरीर में भी इन्फ्लेमेशन ज्यादा होता है। यही इन्फ्लेमेशन कमजोरी समेत कई लक्षणों के रूप में इंसान के शरीर में दिखने लगता है। जब कोई कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो उसमें इन्फ्लेमेशन काफी ज्यादा हद तक बढ़ जाता है। जिससे उन पर खतरा बरकरार रहता है। ये इन्फ्लेमेशन कहां से आता है, वैज्ञानिक इसका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या है विकल्प?
ब्रिटिश सोसाइटी ऑफ इम्युनोलॉजी के प्रेसिडेंट अर्ने अकबर के मुताबिक सिर्फ कोरोना वायरस की वैक्सीन से बुजुर्गों को नहीं बचाया जा सकता है। वैक्सीन के साथ बुजुर्गों को एंटी इन्फ्लैमेटरी दवा भी देनी पड़ सकती है। तब शायद उनका बचाव कोरोना वायरस से किया जा सके। अभी इस दिशा में शोध किया जा रहा है। हालांकि वैज्ञानिकों ने बुजुर्गों को बचाने के लिए एक सुझाव दिया है। जिसके तहत उनके आसपास वाले कम उम्र के लोगों को वैक्सीन देकर उन्हें मजबूत बना दिया जाए। जब आसपास के लोगों को कोरोना नहीं होगा, तो बुजुर्ग भी सुरक्षित रहेंगे।
3000 लोगों पर ट्रायल
वहीं दूसरी ओर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने AstraZeneca Plc के साथ मिलकर कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार की है। पिछले हफ्ते ब्राजील में 3000 लोगों पर इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है। लेमन फाउंडेशन के मुताबिक 2000 स्वास्थ्य कर्मियों और रियो डी जेनेरियो में 1000 लोगों पर इसका ट्रायल किया जाएगा। ट्रायल सफल रहा तो इस साल के अंत तक वैक्सीन बाजार में आने की उम्मीद है। तब तक सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर ही कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।
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