'आईएसआईएस का आतंक बढ़ने के लिए ट्विटर नहीं है जिम्मेदार'
सैन फ्रैंसिस्को। अमेरिका के सैन फ्रैंसिस्को की एक अदालत ने उस केस को खारिज कर दिया है, जिसमें ट्विटर पर इस्लामिक स्टेट समूह का समर्थन करने का आरोप लगाया गया था। जॉर्डन में मारे गए दो व्यक्तियों के परिवारों ने ट्विटर पर आरोप लगाया था कि ट्विटर भी उन दोनों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि उन्होंने इस्लामिक स्टेट को ट्विटर अकाउंट बनाने की अनुमति दे रखी है।
जज ने ट्विटर की उस बात का समर्थन किया जिसमें उसने कहा था कि किसी को बोलने के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराने पर उस कंपनी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। अमेरिका के एक जिला जज एच. ओरिक ने बुधवार को कहा- यह उतना ही दुखद है जितना उन लोगों की मौतें... ट्विटर को आईएसआईएस का प्रकाशक कहना या उनकी तरफ से बोलने वाला बताने के आरोप गलत हैं।
कानूनी रूप से सही है ये फैसला
फेडरल कम्युनिकेशन डीसेंसी एक्ट किसी यूजर की तरफ से एक्शन लिए जाने पर सेवा प्रदाता कंपनियों की रक्षा करता है, इसलिए अदालत की तरफ दिए गए इस फैसले में कुछ अलग नहीं है। 2015 में लॉयड कार्ल फील्ड्स जूनियर और जेम्स डेमन क्रीच की जॉर्डन के अमान में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जो अमेरिकी सरकार के कॉन्ट्रैक्टर थे। इस्लामिक स्टेट ने उन्हें मारने की जिम्मेदारी ली थी।
क्या कहा जज ने
कोर्ट में दायर केस में कहा गया है कि अनवर अबु जैद नाम के एक युवक ने उन दोनों लोगों को गोली मारी थी। ओरिक ने विलियम एच ओरिक ने कहा कि ऐसा कहीं नहीं कहा गया है कि आईएस ने अबु जैद से ट्विटर पर बातचीत की थी या फिर उसे ट्विटर के जरिए भर्ती किया था। ना ही ऐसा कहा गया है कि उन्हें मारने की योजना ट्विटर के जरिए बनाई गई थी। ऐसा भी नहीं है कि ट्विटर के जरिए योजना को अंजाम देने के लिए पैसे जमा किए गए थे।
पहले भी हो चुका है ऐसा केस
एक ऐसा ही केस गूगल, फेसबुक और ट्विटर पर जून में एक युवती के पिता ने भी किया था, जो नवंबर 2015 में हुए पेरिस हमले में मारी गई थी। आपको बता दें कि पेरिस हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस ली थी।