भारत-UAE के डिप्लोमेटिक संबंध के 50 साल पूरे, स्पेशल स्मारक टिकट जारी, कितनी अहम है ये दोस्ती?
खजूर, मोती और मछली से शुरू हुआ यह पारंपरिक व्यापार दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाया है। यूएई और भारत की ये दोस्ती 50 साल पुरानी हो चुकी है। रिश्तें और भी अधिक प्रगाढ़ होते जा रहे हैं।
दोहा/नई दिल्ली, 4 जुलाई : भारत और संयुक्त अरब अमीरात (India and UAE Diplomatic relations) के संबंध काफी घनिष्ठ और मजबूत है। दोनों के राजनयिक रिश्तों की दुनिया भर में चर्चाएं होती हैं। आज भारत और यूएई के बीच के राजनयिक संबंधों के 50 साल पुरे (50 yrs of diplomatic relations) हो गए हैं। इसके लेकर दोनों देशों में जश्न का माहौल है। इसी खुशी के मौके पर भारत-यूएई संयुक्त स्मारक टिकट की एक भौतिक प्रति को लॉन्च किया गया।
भारत-यूएई संबंधों के 50 साल
50 साल पूरे होने के मौके पर संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय राजदूत संजय सुधीर और अमीरात पोस्ट के सीईओ, संयुक्त अरब अमीरात के डाक ऑपरेटर ने संयुक्त स्मारक टिकट लॉन्च किया है, जिसमें भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष, भारत-यूएई राजनयिक संबंधों के 50वें और 50वें वर्ष के संयुक्त अरब अमीरात वर्ष का जश्न मनाया गया।
दोनों देशों की दोस्ती अटूट है
बता दें कि, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने इससे पहले फरवरी में भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ और संयुक्त अरब अमीरात की स्थापना के 50वें वर्ष को चिह्नित करने के अवसर पर संयुक्त स्मारक टिकट जारी किया था। भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने दोनों नेताओं के बीच संयुक्त शिखर सम्मेलन के बाद एक संयुक्त दृष्टि वक्तव्य जारी किया था। पीएम मोदी और क्राउन प्रिंस की एक संयुक्त विजन स्टेटमेंट में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाए जाने की चर्चा का उल्लेख करते हुए न्यू फ्रांटियर्, न्यू माइलस्टोन, जारी किया ।
आपसी समझदारी से दोनों देश बढ़ रहा आगे
वक्तव्य में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच भविष्योन्मुखी साझेदारी के लिए एक रोडमैप स्थापित करने की बात कही गई। दोनों देशों का साझा उद्देश्य अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, जलवायु कार्रवाई, उभरती प्रौद्योगिकियों, कौशल और शिक्षा, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और रक्षा और सुरक्षा सहित विविध क्षेत्रों में गतिशील नए व्यापार, निवेश और नवाचार को बढ़ावा देना है।
भारत-यूएई संबंध
बता दें कि, वर्चुअल समिट के दौरान केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मैरी ने भारत-यूएई के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए गए। वहीं, पीएम मोदी ने कोरोना महामारी के दौरान यूएई में रहने वाले भारतीय समुदाय की देखभाल करने के लिए अबु धाबी के क्राउन प्रिंस को धन्यवाद दिया। साथ ही पीएम मोदी ने क्राउन प्रिंस को भारत आने का निमंत्रण भी दिया ।
1972 से जारी है व्यापार और दोस्ती
भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित किए। यूएई ने 1972 में भारत में अपना दूतावास खोला, जबकि यूएई में भारतीय दूतावास 1973 में खोला गया। भारत और यूएई के पारंपरिक रूप से मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को नियमित रूप से प्रोत्साहन मिला है। समय-समय पर उच्च स्तरीय द्विपक्षीय यात्राओं का आदान-प्रदान भी हुआ है।
भारत और यूएई के बीच के आपसी संबंध मजबूत
भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने सदियों से व्यापार संबंध साझा किए हैं। दोनों देशों के बीच खजूर की मिठास, मोती और मछलियों का पारंपरिक व्यापार शामिल था। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात ने भारत के साथ तेल का व्यापार बढ़ाया। बता दें कि तेल निर्यात 1962 में अबु धाबी से शुरू हुआ था। 1971 में संयुक्त अरब अमीरात के एक एकीकृत इकाई के रूप में उभरने के साथ, भारत से निर्यात वर्षों में धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो गया।
यूएई के राष्ट्रपति पीएम मोदी का स्वागत करने पहुंचे थे एयरपोर्ट
भारत और यूएई के बीच बढ़ते आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध दोनो देशों के बीच के द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूती और स्थिरता प्रदान की है। आगे भी दोनों देश आपसी लाभ के लिए आपसी संबंधों को और अधिक मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी ने अबु धाबी की यात्रा की थी, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ था। यूएई के राष्ट्रपति ने प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए पीएम मोदी को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे थे।
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