पुतिन की नाक में दम करने वाली लड़की पिंजरे में कैद, 19 साल की छात्रा से क्यों खौफ खाता है रूस?
पुतिन के खिलाफ बोलने वाले लोगों को रूस में खामोश कर दिया जाता है और यही वजह है, कि रूस में विपक्ष नाम मात्र का है। रूस की विपक्षी पार्टियां भी पुतिन का विरोध नहीं कर पाती हैं।
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ओलेसा
क्रिवत्सोवा
के
एक
हाथ
में
एक
टैटू
गुदा
हुआ
है
और
दूसरे
हाथ
में
एक
ब्रेसलेट
है,
ताकि
उसके
एक
एक
कदम
को
लगातार
और
हर
वक्त
ट्रैक
किया
जा
सके।
ओलेसा
क्रिवत्सोवा
के
टखने
पर
जो
टैटू
बना
हुआ
है,
उसपर
पुतिन
के
खिलाफ
बातें
लिखी
हुई
हैं,
यानि
पानी
में
रहकर
मगर
से
बैर।
लिहाजा,
ओलेसा
क्रिवत्सोवा
जेल
में
बंद
है
और
रूस
के
सबसे
ताकतवर
शख्स
व्लादिमीर
पुतिन,
19
साल
की
इस
लड़की
से
डरे
हुए
हैं।
ओलेसा क्रिवत्सोवा से डरे राष्ट्रपति पुतिन
रूस के आर्कान्जेस्क क्षेत्र की रहने वाली 19 साल लड़की को फिलहाल घर में नजरबंद किया गया है और उसे हमेशा ट्रैकिंग ब्रेसलेट पहनना पड़ता है। ओलेसा क्रिवत्सोवा पर आरोप है, कि वो अपने सोशल मीडिया पोस्ट में पुतिन की खुलकर आलोचना करती है और रूसी सरकार ने उसपर आरोप लगाया है, कि ओलेसा क्रिवत्सोवा के सोशल मीडिया पोस्ट, रूसी सेना को बदनाम करते हैं और वो आतंकवाद को सही ठहराती है। रूसी अधिकारियों ने पिछले साल अक्टूबर में क्रीमिया पुल पर किए गये बम विस्फोट को लेकर इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट करने के बाद ओलेसा क्रिवत्सोवा को आतंकवादियों की लिस्ट में जोड़ दिया, जिस लिस्ट में आईएसआईएस, अलकायदा और तालिबान के आतंकवादियों को रखा गया है। रूसी अधिकारियों का कहना है, कि ओलेसा क्रिवत्सोवा ने अपने पोस्ट में यूक्रेन पर आक्रमण करने के लिए रूस की आलोचना की थी और रूस उसे चरमपंथी मानता है।
फिर भी बेखौफ खड़ी है ओलेसा क्रिवत्सोवा
ओलेसा क्रिवत्सोवा, रूस के आर्कटिक क्षेत्र में स्थित अर्खांगेलस्क के फेडरल यूनिवर्सिटी की छात्रा है और उसके खिलाफ ये भी आरोप है, कि वो रूसी सोशल मीडिया नेटवर्क VK पर कथित तौर पर अपने एक दोस्त से चैट करते वक्त रूसी सेना की आलोचना कर रही थी, लिहाजा उसके खिलाफ रूसी सेना को बदना करने का भी आरोप लगाया गया है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में, 19 साल की छात्रा क्रिवत्सोवा, अर्खांगेलस्क क्षेत्र के सेवेरोडविंस्क में अपनी मां के अपार्टमेंट में नजरबंद हैं और उसके तमाम सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करने के साथ साथ उसके फ्लैट के इंटरनेट कनेक्शन काट दिए गये हैं और बाहरी दुनिया से उसके सारे संपर्क हटा दिए गये हैं। वहीं, क्रिवत्सोवा के वकील एलेक्सी किचिन ने सीएनएन को बताया, कि "ओलेसा का मामला पहला नहीं है, और न ही यह आखिरी है।"
ओलेसा को हो सकती है जेल
किचिन ने कहा, कि रूसी सेना को बदनाम करने के लिए छात्रा को तीन साल तक की जेल और 'आतंकवाद को समर्थित' लेख लिखने के लिए उसे सात साल तक की जेल हो सकती है। हालांकि, वकील का कहना है, कि कुछ शर्तों को मानने के बाद क्रिवत्सोवा के मामले में जुर्माने जैसी नरम सजा की भी उम्मीद है। स्वतंत्र मानवाधिकार मॉनिटर OVD-Info ने कहा है, कि रूस में 2022 में इंटरनेट पर "आतंकवाद' को सही ठहराने के आरोप में कम से कम 61 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से अब तक 26 को सजा सुनाई गई है। वहीं, ओलेसा की मां, नताल्या क्रिवत्सोवा का कहना है, कि सरकार जनता को चेतावनी देने की कोशिश कर रही है और उनकी बेटी ने अपने विचार सार्वजनिक तौर पर रखे, इसीलिए उसे सजा दी जा रही है।
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विरोधियों का गला घोंटते पुतिन
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नताल्या क्रिवत्सोवा ने बताया, कि "आर्कान्जेस्क में अब कोई विरोध नहीं है, इसलिए वे हर उस चीज का गला घोंटने की कोशिश कर रहे हैं, जो इसके शुरुआती चरण में रह गई है।" वहीं, कम्युनिस्ट पार्टी के एक स्थानीय प्रमुख, अलेक्जेंडर नोविकोव ने राज्य टेलीविजन पर छात्रा का सार्वजनिक रूप से मज़ाक उड़ाया और उसे एक मूर्ख कहा। उन्होंने कहा,कि यूक्रेन के पूर्वी डोनबास क्षेत्र में लड़की को अग्रिम पंक्ति में भेजा जाना चाहिए, ताकि वह सैन्य लड़ाई को अपनी आंखों से देख सके और सैनिकों की स्थिति को समझ सके। आपको बता दें, कि पिछले साल से ही 19 साल की ये छात्रा रूसी अधिकारियों के निशाने पर रही है और पिछले साल मई में, उसने युद्ध-विरोधी पोस्टर बांटने थे, जिसको लेकर भी उसके खिलाफ रूसी सेना को बदनाम करने का आरोप लगाया गया था।