पृथ्वी पर 15000 किलो की 'अलौकिक चट्टान', अंदर मिले 2 रहस्यमयी खनिज
सोमालिया में एक उल्कापिंड काफी वक्त से है, उसकी रिसर्च में 2 नए खनिज मिले हैं। इसके बारे में पृथ्वी के किसी भी वैज्ञानिक को कुछ नहीं पता।
अंतरिक्ष में अरबों-खरबों उल्कापिंड घूमते रहते हैं। कई बार उनकी पृथ्वी से टक्कर भी होती है, लेकिन वो हमारे वायुमंडल में आते ही जल जाते हैं। हालांकि ज्यादा बड़े आकार के उल्का के टुकड़े बच जाते हैं, जो आकर जमीन पर गिरते हैं। इसी तरह के एक उल्कापिंड की रिसर्च के दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
रिसर्च हुई तेज
वैसे तो पुरातत्वविदों, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए उल्कापिंड हमेशा से आकर्षण का विषय रहा है, लेकिन अब एक की बहुत ज्यादा चर्चा हो रही। इसमें कुछ ऐसी चीजें मिली हैं, जो वैज्ञानिकों ने पहले कभी नहीं देखीं। अब इस रिसर्च को और तेज कर दिया गया, ताकि अंतरिक्ष से जुड़े और राज खुल सकें।
दुनिया का 9वां सबसे बड़ा उल्का
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमालिया में 15 टन (15 हजार किलो) का एक उल्कापिंड है, जिसके अंदर कम से कम दो नए खनिजों का पता चला है। ये पृथ्वी पर पहले कभी नहीं देखे गए और उनके बारे में किसी वैज्ञानिक को कुछ पता भी नहीं है। अंतरिक्ष से आई ये विशाल चट्टान दुनिया का 9वां सबसे बड़ा उल्कापिंड है, जिसमें कई अनदेखे खनिज शामिल हैं।
अलौकिक चट्टान मानते हैं स्थानीय लोग
द गार्जियन की रिपोर्ट में बताया गया कि इसे पश्चिमी वैज्ञानिकों ने एल अली नाम दिया, क्योंकि ये सोमालिया के हीरान क्षेत्र में एल अली शहर के पास पाया गया था। स्थानीय लोगों के मुताबिक वो इसे अलौकिक चट्टान के रूप में मानते हैं, क्योंकि उनको कई पीढ़ियों से यही बताया जा रहा।
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70 ग्राम की हुई जांच
अल्बर्टा विश्वविद्यालय की रिसर्च टीम ने बताया कि परीक्षण के लिए करीब 70 ग्राम उल्कापिंड का हिस्सा उनके पास भेजा गया था। जब उसकी जांच की गई तो दो ऐसे खनिज मिले, जिसके बारे में पृथ्वी पर किसी को कुछ नहीं पता। मामले में पृथ्वी और वायुमंडलीय विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ क्रिस हर्ड ने कहा कि जब भी आपको कोई नया खनिज मिलता है, तो इसका मतलब है कि वास्तविक भूगर्भीय स्थितियां, चट्टान की रसायन शास्त्र, पहले की तुलना में अलग हैं। यही इसे रोमांचक बनाता है।